संदेश

जब एक औरत ने अपने शौहर की मर्दानगी को ललकारा...

चित्र
जब एक औरत ने अपने शौहर की मर्दानगी को ललकारा... एक दिन मिया बीवी के दरमियान किसी बात पर झगड़ा हुआ दोनो में सख्त कलमी हुई, मिया और बीवी दोनो गुस्से से लाल पीला हो गए, बीवी गुस्से पे कंट्रोल ना करते हुए अपने शौहर से कहने लगी, "अगर तुम मर्द हो तो मुझे तलाक दे दो" एक सेकंड भी मैं तुम्हारे साथ नही रह सकती, उसका शौहर ख़ामोशी से उसकी बात को नजरंदाज करने की कोशिश करने लगा, लेकिन बीवी ने फिर कहा "तुम मर्द नहीं", "अगर हो तो मुझे तलाक दो" हालाकि उसकी बीवी नेक और पाकबाज और अच्छी सीरत वाली औरत थी, लेकिन ये सब गुस्से की हालत में उसकी जबान से निकल रहा था, और उस मौके पर शैतान पूरी कोशिश में था कि मिया बीवी को एक दूसरे से अलग कर दें, औरत का गुस्सा जब और बढ़ा तो कहा "अगर तुम मर्द हो तो यह करो, वोह करो, वगैरह वगैरह"। आखिरकार बीवी ने कहा: "मुझे अभी फौरन तुम्हारा जवाब चाहिए, और तुम मुझे इसी वक्त जवाब दो,  बिल-आखिर शौहर मजबूर होकर एक कागज़ में कुछ लिखकर लिफाफे के अंदर रखकर बीवी के हाथ में थमाते हुए कहा: "जाओ फि अमन अल्लाह" यह वाह दरवाजा है जिससे तुम मेर

#Agniveer : अब अग्निवीर बनने के लिए पहले पास करनी होगी ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा, आवेदन शुल्क 250 रुपये

चित्र
परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन 10 फरवरी से 11 मार्च तक लिए जाएंगे परीक्षा 12 अप्रैल को होगी। जिन उम्मीदवारों ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा दी है, और रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं वे भी आवेदन कर सकेंगे। नियमों में बदलाव के बाद अब भर्ती प्रक्रिया तीन चरणों में होगी। सां केतिक तस्वीर Follow UsFollow on Google News विस्तार सेना ने अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करते हुए सेना से जुड़ना चाह रहे युवाओं के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन-सीईई) करवाने की घोषणा की है। यह परीक्षा पास करने के बाद ही अभ्यर्थी का फिजिकल फिटनेस टेस्ट और मेडिकल टेस्ट होगा। परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन 10 फरवरी से 11 मार्च तक लिए जाएंगे परीक्षा 12 अप्रैल को होगी। जिन उम्मीदवारों ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा दी है, और रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं वे भी आवेदन कर सकेंगे। नियमों में बदलाव के बाद अब भर्ती प्रक्रिया तीन चरणों में होगी। पहले चरण में सभी अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित केंद्रों पर सीईई होगी। इसमें पास होने पर दूसरे चरण में फिटनेस टेस्ट लिया जाएगा और फिर मेडिकल टेस्ट होगा। सेन

Digital Marketing : किस तरह बढ़ रहा है डिजिटल मार्केटिंग का चलन, जानें इस क्षेत्र में कैसे बनेगा आपका करिअर

चित्र
एक सर्वे के अनुसार भारत में 55 फीसद मार्केट डिजिटली शिफ्ट हो चुका है क्योंकि डिजिटल मार्केटिंग से मार्केटर्स को बहुत फायदा हुआ है। अब व्यापारी या ई कॉमर्स कंपनियां इंटरनेट के जरिए मार्केटिंग कर रहे हैं। इस क्षेत्र में ग्राहकों की असीमित संख्या तक वह सोशल मीडिया, सर्च इंजन और ई मेल के जरिए पहुंच सकते हैं। अगर आप भी बेरोजगार हैं और बिलियन डॉलर इंडस्ट्री का हिस्सा बनना चाहते हैं तो सफलता के मास्टर डिजिटल मार्केटिंग कोर्स की मदद ले सकते हैं।  मास्टर डिजिटल मार्केटिंग # Follow UsFollow on Google News आज के दौर में टेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ रही है। एक आंकड़े के मुताबिक, वर्तमान समय में दुनिया की एक बड़ी आबादी के तकरीबन 6 बिलियन लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसके कारण परंपरागत मार्केट का तेजी से डिजिटलीकरण हो रहा है। एक सर्वे के अनुसार भारत में 55 फीसद मार्केट डिजिटली शिफ्ट हो चुका है क्योंकि डिजिटल मार्केटिंग से मार्केटर्स को बहुत फायदा हुआ है। अब व्यापारी या ई कॉमर्स कंपनियां इंटरनेट के जरिए मार्केटिंग कर रहे हैं। इस क्षेत्र में ग्राहकों की असीमित संख्या तक वह सोशल मीडिया, सर

Chat GPT : चैट जीपीटी की गूगल से क्यों हो रही तुलना, ये है चैट जीपीटी का फुल फॉर्म, जानें कैसे करता है काम

चित्र
चैट जीपीटी न सिर्फ आपके सवाल का सटीक उत्तर दे रहा है बल्कि कंटेंट राइटिंग, बिजनेस स्ट्रेटजी जैसी चीजें भी कर रहा है। ओपन एआई से निर्मित चैट जीपीटी के सीईओ सैम अल्टमैन हैं। इस आर्टिकल में आपको चैट जीपीटी की पूरी जानकारी दी जा रही है।  चैट जीपीटी Follow UsFollow on Google News विस्तार इन दिनों टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कर्मचारियों के बीच और इंजीनियरिंग, मार्केटिंग विद्यार्थियों, बिजनेस कंपनियों में चैट जीपीटी की बहुत चर्चा हो रही है। हर चौथा आदमी सोशल मीडिया पर चैट जीपीटी के बारे में अपने एक्सपीरिएंस शेयर कर रहा है। दरअसल जिन सवालों के जवाब हमें गूगल पर बहुत वेबसाइट्स सर्च कर मिलते थे। चैट जीपीटी उन सवालों को चुटकियों में हल कर रहा है। चैट जीपीटी न सिर्फ आपके सवाल का सटीक उत्तर दे रहा है बल्कि कंटेंट राइटिंग, बिजनेस स्ट्रेटजी जैसी चीजें भी कर रहा है। ओपन एआई से निर्मित चैट जीपीटी के सीईओ सैम अल्टमैन हैं। इसकी 30 नवम्बर 2022 को शुरूआत की गई है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस चैटबोट चैट जीपीटी प्रोजेक्ट पर पहले सैम अल्टमैन के साथ एलन मस्क ने भी काम किया था। चैट जीपीटी के फुल फॉर्म की ब

Microsoft Bing: ChatGPT से लैस होगा माइक्रोसॉफ्ट का सर्च इंजन बिंग, यूजर का दावा-कंपनी ने शुरू की टेस्टिंग

चित्र
Microsoft Bing: #ChatGPT  टेक्नोलॉजी Microsoft ChatGPT: दावा किया जा रहा है कि कंपनी ने वेब सर्च इंजन Bing पर एआई टूल ChatGPT का परीक्षण शुरू कर दिया है और इसे जल्द ही चैटजीपीटी के अगले वर्जन द्वारा संचालित किया जाएगा।  Microsoft Bing Microsoft Bing  Follow UsFollow on Google News विस्तार एआई टूल ChatGPT (चैटजीपीटी) की हर जगह चर्चा हो रही है। हाल ही में टेक दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट चैटजीपीटी का उपयोग वाली टीम प्रीमियम सर्विस को जारी किया है। अब माइक्रोसॉफ्ट अपने सर्च इंजन बिंग (Bing) को चैटजीपीटी के फास्टेस्ट वर्जन के साथ अपडेट करने वाला है। दावा किया जा रहा है कि कंपनी ने वेब सर्च इंजन पर चैटजीपीटी का परीक्षण शुरू कर दिया है और इसे जल्द ही चैटजीपीटी के अगले वर्जन द्वारा संचालित किया जाएगा।  ट्विटर यूजर ने किया दावा माइक्रोसॉफ्ट के वेब सर्च इंजन बिंग को चैटजीपीटी से लैस करने को लेकर एक ट्विटर यूजर ने दावा किया है। @Nazmul60863192 नाम के एक यूजर के ट्वीटके अनुसार, कंपनी ने पहले ही बिंग सर्च इंजन पर चैटजीपीटी का परीक्षण शुरू कर दिया है, जिसका टैगला

मनोरंपेट्रोल में एथेनॉल मिलाने को क्यों दिया जा रहा बढ़ावा, इसका आपकी जेब पर क्या पड़ेगा

चित्र
मनोरं पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने को क्यों दिया जा रहा बढ़ावा, इसका आपकी जेब पर क्या पड़ेगा  सरकार एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम को लगातार बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार ने कई लक्ष्य भी रखे हैं, जैसे- देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना, ईंधन के आयात को कम करना, विदेशी मुद्रा बचाना आदि। एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बंगलूूरू में 20 फीसदी एथेनॉल युक्त पेट्रोल (ईंधन ई20) को लॉन्च किया। प्रधानमंत्री यहां भारत ऊर्जा सप्ताह का उद्घाटन करने पहुंचे थे। सोमवार से शुरू हुआ भारत ऊर्जा सप्ताह (IEW), 2023 आठ फरवरी तक चलेगा।   जैव ईंधन को बढ़ावा देने के लिए ईंधन ई20 शुरू किया गया है। इसके साथ ही 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 84 खुदरा पेट्रोल पंपों पर ईंधन ई20 की बिक्री शुरू हो गई है। सवाल ये है कि आखिर ये ईंधन ई20 है क्या? इसे कैसे किया जाएगा? सरकार इसके लिए अब तक क्या कर चुकी है? ईंधन ई20 को बढ़ावा देने की वजह क्या है? क्या पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से पेट्रोल के दाम पर भी असर पड़ेगा? इसके उपयोग के फायदे और नुकसान क्या हैं? आइये समझते हैं…   #et

Earthquake: तुर्की में 7.8 तीव्रता का भूकंप से एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत, सैकड़ों अब भी फंसे

चित्र
भूकंप के झटके इतने तेज थे कि कई इमारतों को नुकसान पहुंचने की खबरें आई हैं। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की मानें तो भूकंप की वजह से कई लोगों के हताहत होने की आशंका है। तुर्की और पड़ोसी देशों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। नूर्दगी से 23 किलोमीटर पूर्व की ओर यह झटके महसूस किए गए। इसका असर सीरिया तक देखने को मिला। जानकारी के मुताबिक, भूकंप की वजह से कई इमारतें धराशायी हो गई हैं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई। जानकारी के मुताबिक, तुर्की और सीरिया में कम से कम 2300 लोग मारे गए हैं और करीब 5000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। देश के उपराष्ट्रपति फिएट ओकटे का हवाला देते हुए बताया रिपोर्ट में बताया गया कि 10 शहरों में 1,700 से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। वहीं, सीरिया में कम से कम 783 लोग मारे गए और 639 घायल हो गए। इस्राइल और लेबनान में भी कई मौतों की आशंका जताई जा रही है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र गाजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर (20 मील) और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था। यह 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर केंद्रित थ

प्रशांत महासागर के हज़ारों फीट की ऊंचाई पर एक एयरबस 380 सैकड़ों यात्रियों के साथ

चित्र
प्रशांत महासागर के हज़ारों फीट की ऊंचाई पर एक एयरबस 380 सैकड़ों यात्रियों के साथ उड़ रही थी। अचानक दो युद्धपोत आसमान में दिखाई दिए और इस जहाज़ की तरफ उड़ने लगे। जब रेडियो संपर्क हुआ तो लड़ाकू विमान के एक युवा पायलट ने एयरबस के बुजुर्ग पायलट से कहा, 'कितनी बोरिंग फ्लाइट है तुम्हारी। देखो, मैं आपकी इस उड़ान को दिलचस्प बना देता हूँ! यह कहने के बाद, उसने अचानक गति पकड़ ली और एयरबस के चारों ओर तब तक कलाबाज़ियाँ दिखाता रहा,जब तक समुद्र का स्तर निकट नहीं आया, वहां से यह ऊपर गया, साउंड बैरियर को तोड़ दिया, मुड़ गया और एयरबस की तरफ आ गया। उत्तेजित स्वर में उसने फिर पूछा कैसा लगा? एयरबस पायलट ने कहा कि यह कुछ भी नहीं है। अब आप देखिए मैं क्या दिखाता हूं। दोनों युद्धपोत देखने लगे। समय बीत रहा था लेकिन विमान सीधा उड़ रहा था। काफी समय बाद एयरबस के सीनियर पायलट का एक रेडियो संदेश आया जिसमें पूछा गया कि आपको कैसा लगा? युवा फाइटर पायलट ने कहा, "लेकिन बॉस, आपने क्या किया है?" ? एयरबस के पायलट ने कहा, मैं बाथरूम गया था। रास्ते में कुछ लोगों से बातचीत हुई। फिर मैंने शांति से खड़े ह

Maulana Azad National Urdu University (MANUU) has declared Mr. Naiyar Iqbal, #Phd

चित्र
January 06, 2023 MANUU awards Ph.D. to Naiyar Iqbal Hyderabad: Maulana Azad National Urdu University (MANUU) has declared Mr. Naiyar Iqbal, S/o Mr. Mahmood Alam qualified in Doctor of Philosophy in Computer Science. He has worked on the topic “Feature Selection and Disease Prediction using Soft Computing Techniques” under the supervision of Prof. Pradeep Kumar, Department of Computer Science and Information Technology, MANUU. His Viva-Voce was conducted on 26-10-2022.   (Prof. Mohammad Fariyad) Public Relations Officer I/c

उन्होंने कहा कि एक इंसान किसी भी उम्र में हिदायत पा सकता है और कभी भी देर नहीं होती जब जागो तभी सवेरा उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम के बारे में अधिक जानने के लिए कुरान और पैगंबर मुहम्मद (S.A.W) (P.B.U.H) की सीरत पढ़ें।

चित्र
इनका नाम Georgette lepaulle था, ये बेल्जियम की रहने वाली थीं और अपने पड़ोस में रहने वाले मोरक्को के Muhammad Maddah के परिवार से मुतास्सिर होकर इस्लाम क़ुबूल कर लिया था और इनका नाम "Noor Islam" रखा गया था....ये इस्लाम क़ुबूल करने वाली सबसे उम्रदराज खातून हैं जिन्होंने 92 साल की उम्र में इस्लाम क़ुबूल किया था...  इन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि मोहम्मद पिछले 40 सालों से जॉर्जेट के पड़ोसी थे मोहम्मद और उनका परिवार जॉर्जेट को जानता था,वह एक नर्सिंग होम में काम करती थी और जब जॉर्जेट ने इसे छोड़ने का फैसला किया, तो वो मोहम्मद के परिवार के साथ रहने लगीं... मोहम्मद जिनकी मां का हाल ही में इंतेक़ाल हुआ था और वो मुझे आपनी मां की तरह समझते हैं जिससे उनका गम हल्का हुआ है...  जॉर्जेट कहती हैं कि जब उन्होंने मोहम्मद के परिवार के साथ रहना शुरू किया, तो उन्होंने उनके बीच एकता देखी और कैसे वो इबादत करते थे और जिस तरह से वो एक दूसरे से अदब और एहतेराम से बात करते थ जो उनके परिवार के तरीके से बिलकुल खिलाफ था जॉर्जेट ने आखिरी रमजान मोहम्मद और उसके परिवार के साथ मोरक्को में बिताया,उन्होंने कहा

#MANUU gets A+ Grade from #NAAC

चित्र
December 20, 2022 MANUU gets A+ Grade from NAAC Hyderabad: Maulana Azad National Urdu University (MANUU) has been awarded the “A+” grade by the National Assessment and Accreditation Council (NAAC). MANUU, under the leadership of its Vice Chancellor, Prof. Syed Ainul Hasan, secured 3.36 CGPA from 4 point scale in the third cycle of assessment. Prof. Hasan congratulated the students, faculty and staff for this mega achievement and said it is a gift for the Urdu University in its Silver Jubilee year.   The only university in the country providing higher education through Urdu Medium withstood different tests and evaluation methods to achieve this grade. The NAAC Peer Team on their visit to MANUU from December 13 to 15 inspected infrastructure, facilities and also assessed the performance and academic excellence of MANUU. The Vice-Chancellor of Jamia Hamdard, Prof. Md. Afshar Alam was the Chairperson of the NAAC Peer Team and Prof. Vijay Dev Singh, University of Jammu was Member-Coordinato

#मोरक्को #morocco का एक छोटा सा बेहद खूबसूरत कस्बा है यहां लगभग

चित्र
मोरक्को का एक छोटा सा बेहद खूबसूरत कस्बा है यहां लगभग पायी जाने वाली सभी घरों की दीवारें नीले रंग की हैं जिससे पूरे शहर की गलियाँ नीली ही नज़र आती है इसलिए इसे नीले शहर के नाम से भी खासा पहचाना जाना जाता है  कहा जाता है 1930 में हिटलर द्वारा यहूदीयो को जब जर्मनी से निकाला तब उन्होंने मोरक्को के इस शहर में पनाह ली थी और बस्तियों को एक ख़ास नीले रंग की पहचान दी थी येही नीला रंग इस्राइल के झंडे में भी आप देख सकते हैं जो की इस बात को विश्वनीय बनाता है इसके अलावा एक तथ्य ये भी है की नीला रंग मच्छरों को दूर रखता है इसलिए यहाँ दीवारें नीले रंग से पेंट की जाती हैं अब बड़ी तादाद मुसलमानो की यहां रहती है और कई बड़ी मस्जिदे भी चेफचाऊंन में हैं पर्यटको के लिए एक बेहरतीन स्थल की हैसियत रखने वाला चेफचाऊंन नीले रंग के कारण दुनिया का ध्यान अपनी ओर खीचने में कामयाब रहा है । वैसे इस शहर को 1471 ममे मुसलमानो ने बसाया था जो आज भी आबाद है  https://en.wikipedia.org/wiki/Chefchaouen

#शाहरुख़ #खान #क़तर में होने वाले #फुटबॉल वर्ल्ड कप फाइनल के लाइव शो (jio cinema studio) में 18 दिसम्बर को नज़र

चित्र
#शाहरुख़ #खान #क़तर में होने वाले #फुटबॉल वर्ल्ड कप फाइनल के लाइव शो (jio cinema studio) में 18 दिसम्बर को नज़र आएंगे। दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक में होने वाले सबसे ज़्यादा लोगों के देखे जाने वाले,दुनिया के इतिहास में अब तक के सबसे ज़्यादा खर्च में आयोजित होने वाले वर्ल्ड कप के फाइनल live शो में वो नज़र आयेंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है,इतिहास में शायद शाहरुख खान पहले भारतीय फिल्म स्टार हैं जो फुटबॉल वर्ल्ड कप के फाइनल में प्रोमोट करते हुए नज़र आएंगे,ये ऐतिहासिक कार्यक्रम शायद 1 अरब के करीब लोग एक साथ देखेंगें। ये सब तब हो रहा है जब शाहरुख खान की आने वाली फ़िल्म को बिना देखे ही उनके देश मे बॉयकॉट करने को लेकर तैयारियां की जा रही हैं, और ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि उनकी साथी ऐक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के कपड़ों का रंग एक गाने में देश के कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रहा है।   ✍️ #ShahrukhKhan #SRK #Pathan #FifaWorldCup2022

वाह वाह #विक्रमादित्य सही जवाब दिया. लेकिन मैंने कहा था जैसे तू

चित्र
वाह वाह मान गया आखिर तूने मुझे पकड़ ही लिया. विक्रमादित्य तुममें बहुत शक्ति है. मैं तो बेताल हूँ अगर तू चाहे तो अपनी शक्ति से रोमन साम्राज्य को भी परास्त कर सकता है.  मुझे पता था वह ज्ञानी बौद्ध भिक्षु जरूर मेरे पास तुझे भेजेगा. मुझे उठाकर चलते हुए तू थकेगा तो नही ? मगर ऊब जरूर जाएगा. बात तो तू मुझसे कर नही सकता. क्यों कि जो ही तूने बात की मैं उड़कर अपनी जगह पहुंच जाऊंगा. मैं तुझे एक कहानी सुनाता हूँ, रास्ता भी कट जाएगा. तो सुन कहानी आज से 1500 साल बाद यानी साल 1901 की बात है. भीम राव आंबेडकर नाम का बालक सतारा में रहा करता था. उसके पिताजी गोरेगांव नाम के स्थान में खजांची की नौकरी करते थे. पिता ने गोरेगांव में गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए बच्चों को खत लिखा. भीम राव आंबेडकर, उनके बड़े भाई और उनके बहन के दो बच्चे जो उन्ही के साथ सतारा रहते थे गोरेगांव जाने के लिए उत्साहित हो गए. चारों ने गोरेगांव जाने के हर्ष उल्हास में नए कपड़े, नए जूते खरीदे. उन्हें सबसे ज्यादा खुशी इस बात की थी कि वे चारों रेलगाड़ी से जा रहे थे. उस समय तक उनमें से किसी ने रेलगाड़ी देखी तक नही थी. चारों ने नए कपड़े जूते

2010 में जैसे ही #FIFA ने एलान हुआ फुटबॉल #वर्ल्डकप 2022 की मेजबानी #QATAR को मिली है यूरोपीय देशों के छाती पर सांप लेटने लगे.

चित्र
2010 में जैसे ही FIFA ने एलान हुआ फुटबॉल वर्ल्डकप 2022 की मेजबानी QATAR को मिली है यूरोपीय देशों के छाती पर सांप लेटने लगे. यूरोपीय देश खुद को श्रेष्ठ और पृथ्वी का शासक वर्ग मानते हैं. उन्हें बर्दाश्त नही फुटबॉल वर्ल्डकप की मेजबानी किसी मुस्लिम गल्फ देश को मिले. यूरोपीय देश खुद को ब्राह्मण मानते हैं. क्षत्रिय का दर्जा अमेरिका के पास है. चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और सिंगापुर बनिया हैं. मिडिल ईस्ट एशिया और भारत के आसपास के देश शूद्र वर्ग में आते हैं. अफ्रीका को अछूत और लैटिन अमेरिकी देशों को आदिवासी माना जाता है. QATAR कभी घुमंतू यानी खानाबदोश था. आज धन संपत्ति और खनिज संपदा यानी तेल के मामले में सबसे अमीर मुल्क है. इसके बावजूद उसके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. आज भी मानवाधिकार हनन और अप्रवासी मजदूरों के मौत का मामला उठाकर वर्ल्डकप की मेजबानी पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं. सऊदी अरब, क़तर और दुबई के पाया बहुत पैसा है, ऊंचे गगनचुंबी इमारतें हैं, सुंदर चौड़ी सड़कें हैं, आलीशान मॉल है. इसके बावजूद यूरोपीय देश खाड़ी देश, अफ्रीका और कई एशियाई देशों से अधिकतर मामलों में भेदभाव करते हैं.

6 दिसंबर को ही क्यों बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया. 7 क्यों नही, 8 क्यों नही या अन्य किसी दिन को क्यों नही चुना गया ?

चित्र
6 दिसंबर को ही क्यों बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया. 7 क्यों नही, 8 क्यों नही या अन्य किसी दिन को क्यों नही चुना गया ? क्या 6 दिसंबर की तारीख चुनना एक षड्यंत्र के तहत लिया गया फैसला था ? डॉ बाबा साहेब अंबेडकर केवल शूद्र अतिशूद्रों के दायरे तक हम उन्हें सीमित नही कर सकते. डॉ आंबेडकर सभी हिंदुओं के नेता हैं क्योंकि उनकी प्राथमिक चिंता जाति वर्ण व्यवस्था को ध्वस्त कर पूरे हिंदू समाज को मुक्त करना था. लेकिन ब्राह्मण क्षत्रिय बनिया और अन्य सवर्ण जातियां अपने विशेषाधिकार को खत्म नही करना चाहती. डॉ आंबेडकर जाति वर्ण व्यवस्था खत्म कर ऐसा भारतीय समाज बनाना चाहते थे जो समानता, बन्धुत्व और स्वतंत्रता पर आधारित हो.  आंबेडकरवाद जाति वर्ण व्यवस्था का खात्मा चाहता तो दूसरी तरफ ब्राह्मणवाद विचारधारा हर हाल में जाति वर्ण व्यवस्था को बचाए रखना चाहते है. आंबेडकरवाद की विचारधारा से प्रभावित होकर OBC आरक्षण लागू किया गया. OBC SC ST जातियां जातिवाद वर्ण व्यवस्था के खिलाफ और अपने अधिकारों के लिए गोलबंद हो रहे थे. SP BSP और OBC SC नेताओं को उभार हो रहा था. आंबेडकरवाद को कमजोर और धूमिल करने के लिए ब्राह्मणवाद

बाकी कहने को बहुत कुछ आप थक जाएंगे सुबूत जो चाहिए वो मिल जाएंगे #दिल्ली_दंगा

चित्र
नदीम खान की वाल से कुछ संशोधन के साथ दिल्ली दंगे की आपबीती और आम आदमी सरकार  जो कहा जायेगा उसका सुबूत दिया जाएगा 24 फरवरी 2020 में दिल्ली में दंगे शुरू हो गए थे 23 को सीलमपुर मेट्रो के प्रोटेस्ट के विरोध में कपिल मिश्रा दिल्ली पुलिस के सामने धमकी देते हैं। हर मामले में बोलने वाली केजरीवाल सरकार सन्नाटे में रहती है । वही सरकार जो किसान आंदोलन में अस्पताल से लेकर खाना पानी बांटती है, CAA आंदोलन को भाजपा का आंदोलन बताती है । 24 को मैं ,योगेंद्र यादव ,एन्नी राजा, कविता श्रीवास्तव, अपूर्वानंद ,अंजलि ,सबा दीवान राहुल हम सब लोग मिलते हैं और सीलमपुर जाते हैं लेकिन वहाँ स्थिति काबू के बाहर हो चुकी होती है हम सब वापस आते हैं। रात 9 बजे के आस पास हालात खराब हो चुके होते हैं, हम लोग भाग कर जॉइंट कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव से मिलते हैं। तकरीबन एक घण्टे उनके साथ होते है उनको वीडियो कॉल में दिखाते हैं कि दंगाई किधर है लेकिन एक घण्टे में भी पुलिस नही पहुंचती। वहाँ से मायूस होकर हम लोग 10.30 के आस पास मनीष सिसोदिया के घर पहुंचते हैं, उनको सूरते हाल बताते हैं। उनका जवाब आज भी याद है nadeem i am same lik

इस धरती पर कोई भी इंसान निष्पक्ष नहीं है

चित्र
मैं जानता हूं मेरी ये पोस्ट पढ़कर कॉमेंट में न सही लेकिन मन ही मन वो लोग ज़रूर गाली देंगे जो रवीश कुमार के इस्तीफ़ा देने के बाद ज़ंजीरी मातम कर रहे हैं। पहली बात तो यह जान लीजिए कि इस धरती पर कोई भी इंसान निष्पक्ष नहीं है और आज की तारीख़ में अगर कोई ख़ुद को निष्पक्ष कह रहा है तो उससे बड़ा झूटा कोई नहीं है। मैं सिर्फ़ ये जानना चाहता हूं या अबतक मुझे ये बात समझ में नहीं आयी कि रवीश कुमार ने पत्रकारिता के ज़रिये ऐसा कौन सा आइफ़िल टॉवर खड़ा किया है जिसके लिए क़ौम आज मुहर्रम के चालीसवें की तरह ज़ंजीरी मातम कर रही है? एक पत्रकार हैं शायद उनका नाम श्याम मीरा सिंह है। उन्हें जब आजतक से निकाल दिया गया था तो उन्होंने यूट्यूब पर चैनल बना लिया और वहां "निष्पक्ष" पत्रकारिता करने लगे। उन्हें ख़ूब अच्छे से मअलूम था कि अपने यूट्यूब चैनल को कैसे चलाना है। उनकी कई बार इस्लामोफोबिक ट्वीट्स/पोस्ट्स भी वायरल हो चुकी है। एक बार उन्होंने ये भी इक़रार किया था कि वो मोदी के बहुत बड़े फ़ैन थे और 2014 में उन्होंने बीजेपी के नारों को सच मानकर मोदी जी को वोट किया था। ये याद रहे कि बीजेपी के उन तमाम नारों

अब कहने के लिए दो बातें हैं। पहली ये की लोग मौकापरस्त होते हैं , ऐसे लोगों से दूर रहिये और दूसरी ये की ईमानदारी से काम करते

चित्र
मुझे लगभग तीस हजार लोग पढ़ते हैं इसलिए ये वाकया शेयर कर रही हूँ कि शायद कहीं कोई व्यक्ति इसे पढ़ने के बाद स्वयं के भीतर परिवर्तन खोज सके या अपना आदर कर सके। बात सामान्य सी है पर , कभी-कभी कोई बात लाइफ टर्निंग बन जाती है। बात पाँच-छः महीने पहले की है । मेरे शहर में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी है । मैंने उस यूनिवर्सिटी में जॉब करने के लिए अपना रेज़्यूमे भेजा और दो - तीन बार वाइस चांसलर औऱ डीन से मिली भी। उन्होंने मुझे उस जॉब के लिए अशोर भी किया पर कुछ कच्चा-पक्का सा।  एक अनौपचारिक मुलाकात में , मेरा सोशल स्टेटस और फैमिली स्टेटस जानने के बाद , रजिस्ट्रार मुझसे बोली कि आपको जॉब करने की क्या ज़रूरत है आप तो वेल सेटल हैं। मैंने कहा कि मेम मैं बस काम करते रहना चाहती हूँ। एक्टिव बने रहना मेरी लाइफ लाइन है। फिर बात आई-गई हो गयी। उनकी तरफ से कोई पॉज़िटिव रिस्पांस ना आने के कारण मैंने सेम ऑफर पर दूसरी यूनिवर्सिटी को जॉइन कर लिया। मैं दिल से जुड़कर काम करने वाले लोगों में से हूँ। अपना बेस्ट देना मेरी कोशिश होती है बरहाल मैं इस नयी यूनिवर्सिटी के साथ काम करके खुश हूँ। मेरे ऐक्टिवली और समर्पित होकर काम करने क

कागज है जिसके होने से जिंदगी आसान होती है, इसे हलाल तरीके से ग्रहण करने पर सवाब भी मिलता है। इस्लाम में 5 सुतून है उनमें से 2 केवल उनके लिए है जिसके पास यह कागज़ है। 10 जन्नती

चित्र
यह वो कागज है जिसके होने से जिंदगी आसान होती है, इसे हलाल तरीके से ग्रहण करने पर सवाब भी मिलता है। इस्लाम में 5 सुतून है उनमें से 2 केवल उनके लिए है जिसके पास यह कागज़ है। 10 जन्नती सहाबी में 5( मेरी जानकारी के मुताबिक) ऐसे कागजों के धनी थे। यह वो कागज है जो हमे साफ पानी, अच्छी डाइट, फिटमॉन्क खजूर, मुसली, शहद दिलवाता है। यही वह कागज़ है जो आपको Abbas Pathan और Abrar Multani जैसे लेखकों की किताबों से आपको परिचित करवा सकता है। यही कागज निकाह जैसी इबादत में दिया जाता है। इस कागज़ में इतना दम है कि यह औलाद के बाल साफ़, खतना और अकीका में काम आता है। यह कागज़ अपने मर चुके मालिको की औलादों का बेहतरीन दोस्त बन सकता है ( डिपेंड कि वह इसे कैसे ट्रीट करते है)। यही वह कागज़ है जिसके बल पर अक्षय कुमार, प्रीति जिंटा, खली सर और लाखो लोग औलादप्रेमी बने है इस्लाम में इस कागज़ को अपनाना एक इबादत है हमे यह इबादत करना चाहिए। इस्लाम ने बकायदा पूरा कोर्स लॉन्च कर रखा है इस कागज़ पर। अल्लाह के खास बंदे इस कागज़ से नफरत नहीं करते वह तो इसे व्यय करके जन्नत में घर कैसे मिलेगा ,इसी सोच के साथ जीते है और इसके लिए

कांग्रेस के 2004 से लेकर 2014 तक के हुकूमत में दो बार ऐसा मौका आया की जब कांग्रेसी नेताओ ने हिंदू संगठनों पर बयान

चित्र
कांग्रेस के 2004 से लेकर 2014 तक के हुकूमत में दो बार ऐसा मौका आया की जब कांग्रेसी नेताओ ने हिंदू संगठनों पर बयान दिया और उसपर खूब विवाद हुआ। पहली मर्तबा राहुल गांधी ने अमेरिकी राजदूत तिमोटी रोमर से कहा था कुछ मुसलमान लश्कर को सपोर्ट करते है पर भगवा आतंकवाद उससे भी बड़ा खतरा है दूसरी बार शुशील कुमार शिंदे ने 2013 में कहा की बीजेपी आरएसएस हिंदू आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है।ये वही वक्त है जब मुजफ्फरनगर दंगे से पहले खुफिया एजेंसी होम मिनिस्ट्री को रिपोर्ट दे रही थी की वेस्ट यूपी में दंगा कराने की साजिश हो रही है पर ना ही कांग्रेस और न ही यूपी में अखिलेश ने में उसपर कोई एक्शन लिया। आखिर में मुजफ्फरनगर दंगा हो गया। मध्य प्रदेश का सीएम रहते हुए दिग्विजय सिंह के पास इन तमाम संगठनों की रिपोर्टें थी पर उन्होंने सिर्फ सिमी को बैन किया और हिंदू संगठनों पर कोई एक्शन नही लिया। 2006 से 2007 के दौरान समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, मक्का मस्जिद ब्लास्ट, नांदेड़ ब्लास्ट,मालेगांव ब्लास्ट और अजमेर शरीफ दरगाह ब्लास्ट होते रहे। धमाके के कुछ देर बाद ही इसकी जिम्मेदारी सिमी और इंडियन मुजाहिदीन पर डाल द

भारत में बहुत सी गलत फहमियाँ मौजूद हैंआज इनमें से दो पर बात करेंगे। #Urdu #मीट

चित्र
भारत में बहुत सी गलत फहमियाँ मौजूद हैं आज इनमें से दो पर बात करेंगे पहली है कि गोश्त मुसलमानों का खाना है और दूसरी ग़लतफहमी यह है कि उर्दू मुसलमानों की भाषा है तो जो पहली गलत फहमी है कि गोश्त मुसलमानों का खाना है उस पर बात करते हैं हमारा परिवार ब्राह्मणों का परिवार था हमारे पड़दादा महर्षी दयानंद के उत्तर प्रदेश में पहले शिष्य थे जब हम लोग बच्चे थे तो हम अक्सर अपने रिश्तेदारों से सुनते थे कि मुसलमान गोश्त खाते हैं इसलिए वो बड़े जालिम होते हैं और हम हिन्दू लोग शाकाहारी होते हैं इसलिए बड़े दयालू होते हैं हम बच्चे लोग इन बातों को सही मानते थे जब मैं थोड़ा बड़ा हुआ तो एक रोज मैंने यह बात अपने पिताजी के सामने बोली मेरे पिताजी गांधीजी के साथ उनके आश्रम में रह चुके थे और उन दिनों आचार्य विनोबा के भूदान आन्दोलन में गाँव गाँव जाकर गरीबों के लिए जमीन का दान मांगते थे पिताजी मेरी बात सुन कर चिंतित हो गये आज मैं समझ सकता हूँ कि उन्हें चिंता इस बात की हुई होगी कि उनका बेटा साम्प्रदायिक बन रहा है   पिताजी ने मुझे अपने पास बिठाया और बोले तुम्हारी बड़ी बुआ हैं ना उनके बेटों ने दंगों में अपने घर की छत पर चढ़ कर

एक पुराना ग्रुप कॉलेज छोड़ने के बहुत दिनों बाद मिला। वे सभी अपने more... #college #teacher #Life

चित्र
एक पुराना ग्रुप कॉलेज छोड़ने के बहुत दिनों बाद मिला। वे सभी अपने-अपने कैरियर में बहुत अच्छा कर रहे थे और खूब पैसे कमा रहे थे। जब आपस में मिलते -जुलते काफी वक़्त बीत गया तो उन्होंने अपने सबसे फेवरेट प्रोफेसर के घर जाकर मिलने का निश्चय किया। प्रोफेसर साहब ने उन सभी का स्वागत किया और बारी-बारी से उनके काम के बारे में पूछने लगे। धीरे-धीरे बात लाइफ में बढ़ती स्ट्रेस और काम के प्रेशर पर आ गयी। इस मुद्दे पर सभी एक मत थे कि भले वे अब आर्थिक रूप से बहुत मजबूत हों पर उनकी लाइफ में अब वो मजा नहीं रह गया जो पहले हुआ करता था।  प्रोफेसर साहब बड़े ध्यान से उनकी बातें सुन रहे थे, वे अचानक ही उठे और थोड़ी देर बाद किचन से लौटे और बोले,” डीयर स्टूडेंट्स, मैं आपके लिए गरमा-गरम कॉफ़ी लेकर आया हूँ, लेकिन प्लीज आप सब किचन में जाकर अपने-अपने लिए कप्स लेते आइये।”  लड़के तेजी से अंदर गए, वहाँ कई तरह के कप रखे हुए थे, सभी अपने लिए अच्छा से अच्छा कप उठाने में लग गये। किसी ने क्रिस्टल का शानदार कप उठाया तो किसी ने पोर्सिलेन का कप सेलेक्ट किया, तो किसी ने शीशे का कप उठाया। जब सभी के हाथों में कॉफी आ गयी तो प्रोफ़ेसर साहब ब

जब जुनून और संघर्ष अपनी कहानी बयां करता है तो सफलता की एक ऐसी कहानी बयान करता है वह आने वाले समय में

चित्र
जब जुनून और संघर्ष अपनी कहानी बयां करता है तो सफलता की एक ऐसी कहानी बयान करता है वह आने वाले समय में लोगों के लिए मिसाल बन जाती है! कहते हैं मुश्किलें अक्सर दिलों के इरादे आजमाती हैं! और जो इन मुश्किलों को चट्टान से हौसले के जरिए मात देता है इतिहास उनकी गवाही देता है! और आने वाला कल उनके सजदे में झुक जाता है! ऐसी ही जिंदादिली का उदाहरण #राशिद #खान जिनकी गेंदबाजी के आगे दुनिया का महान से महान बल्लेबाज उनकी गेंदों पर घूमता हुआ नजर आता है! इस युवा खिलाड़ी को भी मुश्किलों ने कई बार हराने की कोशिश की लेकिन #राशिद ने हार नहीं मानी! #राशिद जानते थे अगर आज हालात से समझौता कर लिया! तो जिंदगी समझौते में ही बीत जाएगी! लेकिन अगर इससे नजर मिलाकर मुकाबला किया तो आने वाला कल सिर्फ मेरा होगा! अफगानिस्तान के हालात से भला कौन नहीं वाकिफ होगा! #राशिद #खान का जन्म 1998 पूर्वी अफगानिस्तान नगरहर में हुआ था! 10 भाई बहनों का बहुत बड़ा परिवार! अफगानिस्तान युद्ध की वजह से #राशिद #खान को पाकिस्तान में शरणार्थियों की जिंदगी बितानी पड़ी! कई वर्षों तक! बाद में जब हालात सामान्य हुए तो वापस फिर अफगानिस्तान आकर अपनी स

फ़रमान ए #जहांगीरी

चित्र
फ़रमान ए जहांगीरी, ये शिलालेख मुग़्ल बादशाह जहांगीर के ज़माने का है जो फ़ारसी ज़बान में पत्थर पर खुदा हुआ है जिस पर किसानो की कर माफ़ी का ज़िक्र है,ये सिरोंज से 12 km दूर भौरियां गांव में नस्ब है, आसार ए मालवा के मुताबिक़ ऐसे दो शिला लेख और है एक रुसल्ली घाट गांव में और दूसरा सिरोंज शहर के टकसाल में था जब टकसाल खत्म हुई तो उसे लाकर कोट में कही नस्ब कर दिया गया थ।मैने काफी तलाश किया लेकिन मिला नहींं।

#बोल_कि_लब_आजाद_हैं_तेरे

चित्र
#बोल_कि_लब_आजाद_हैं_तेरे मैंने बचपन से देखा है कि मेरे अब्बा कहीं भी जाते थे कहीं पर भी होते थे, खेतों में बाजारों में सफर में नमाज का टाईम होता था और अब्बा अपनी साफी बिछा कर नमाज पढ़ लेते थे। आज नमाज पढ़ना जुर्म हो गया है तुरंत नमाज पढ़ने के जुर्म में गिरफ्तारी हो जाती है गैर तो खैर नमाज की मुखालिफत कर ही रहे हैं मगर अपनी कौम के बुद्धिजीवी भी ज्ञान देने लगते हैं कि वहां नमाज पढ़ने की क्या जरूरत थी, वहां उन्होंने नमाज क्यों पढ़ी? आज नमाज पढ़ने से उन्हें दिक्कत हो रही है तो बुद्धजीवी कहते हैं नमाज मत पढ़ो। कल सार्वजनिक स्थानों पर टोपी लगाने से दिक्कत होगी फिर कहना कि टोपी लगाना जरूरी है क्या? फिर सार्वजनिक जगहों में उन्हें मुस्लिम हुलिया में दिखने से उनकी भावनाएं आहत होंगी तो कहना कि मुस्लिम दिखना जरूरी है क्या? असल में आप जितना पीछे हटेंगे उतना आपको हटाया जाएगा। ये कहानी तब तक चलती रहेगी जब तक आप अपनी जगह पर डटेंगे नहीं। नमाज के मुद्दे पर सभी मुस्लिम तंजीमें खामोश हैं मतलब उन्हें भी ऐसा लगता है कि सार्वजनिक जगहों में नमाज पढ़ना ग़लत है। अगर मुस्लिम तंजीमों को ऐसा लगता है कि

#लाल_और_सफेद_बैल

चित्र
#लाल_और_सफेद_बैल बीजेपी के दिल में पसमांदाओं के प्रति मोहब्बत देखकर मैं कन्फ्यूज था कि आखिर जिस पार्टी की विचारधारा ही मुस्लिम विरोध पर टिकी हो वह पसमांदाओं से इतनी मोहब्बत क्यों दिखा रही है आखिर पसमांदा भी तो मुस्लिम ही हैं।  इस सवाल के जवाब को तलाशने के लिए मैंने शब्बन चच्चा को फ़ोन किया और सलाम दुआ के बाद यही सवाल उनसे पूछा कि चच्चा ये बताएं कि बीजेपी पसमांदाओं से इतनी मोहब्बत क्यों दिखा रही है? चच्चा बोले बच्चा वो लाल बैल और सफेद बैल वाली कहानी याद है या भूल गए हो? मैं बोला चच्चा याद है। चच्चा बोले ये बताओ कि शेर ने लाल बैल से दोस्ती क्यों किया था? उसने लाल बैल को जंगल की घास अकेले खाने का लालच क्यों दिया था? मैं - चच्चा क्योंकि दोनों बैल बहुत ताकतवर थे। दोनों के साथ रहते शेर उनका शिकार नहीं कर सकता था। इसलिए शेर ने सोचा कि अगर इन दोनों को अलग अलग कर दिया जाए तो शिकार करना आसान हो जाएगा। इसलिए शेर ने लाल बैल से कहा कि अगर मैं सफेद बैल को मार डालूंगा तो तुमको ये घास अकेले खाने को मिलेगी और चूंकि तुम मेरे दोस्त होंगे तो जंगल में भी तुम्हारी सब इज्जत करेंगे और फिर लाल बैल

#इस्लाम_वर्सेज_मुसलमानइस्लाम में जिना हराम है मगर

चित्र
#इस्लाम_वर्सेज_मुसलमान इस्लाम में जिना हराम है मगर मुसलमानों के नजदीक नहीं। मुसलमानों की एक बड़ी तादाद इस ताक में रहती है कि कब मौका मिले और हम जिना करें। इस्लाम में शराब हराम है मगर मुसलमानों के नजदीक नहीं एक बड़ी तादाद मुसलमानों की शराब के कारोबार से जुड़ी है। एक बड़ी तादाद मुसलमानों की शराब पीती है। इस्लाम में जुआ हराम है मगर मुसलमानों के नजदीक नहीं। मुसलमानों की एक बड़ी तादाद जुआ खेलती है, क्लब चलाती है। इस्लाम में ब्याज हराम है मगर मुसलमानों के नजदीक नहीं। मुसलमानों की एक बड़ी तादाद ब्याज लेती और देती है। इस्लाम में जाति प्रथा नहीं है मगर मुसलमानों में है। इस्लाम में नमाज फर्ज है मगर मुसलमानों के नजदीक नहीं। सिर्फ पांच से दस प्रतिशत मुसलमान ही नमाज पढ़ते हैं। इस्लाम अच्छे अखलाक को कहता है मगर मुसलमानों के नजदीक अखलाक के कोई मायने नहीं हैं। इस्लाम में हसद कीना बुग्ज मना है मगर मुसलमानों के नजदीक नहीं। इस्लाम में चुगली मुखबिरी मुखबिरी मना है मगर मुसलमानों में आम है। जब मुसलमान इस्लाम को फालो ही नहीं करते तो फिर अल्लाह मुसलमानों की मदद क्यों करें? अल्लाह मुसलमानों की दुआए

#बहुत_बड़ा_कन्फ्यूजन_हैबरेलवी के पास जाओ वह दस हदीसों और सैंकड़ों दलीलों के जरिए साबित

चित्र
#बहुत_बड़ा_कन्फ्यूजन_है बरेलवी के पास जाओ वह दस हदीसों और सैंकड़ों दलीलों के जरिए साबित कर देंगे कि शिया देवबंदी वहाबी अहले हदीस अहले कुरान काफिर हैं। अहले हदीस के पास वो दसियों हदीस सैकड़ों दलीलों के साथ बरेलवियों को बिद्दति मुशरिक साबित कर देंगे। देवबंदियों वहाबियों शियाओं अहले कुरान सबके पास खुद के सच दूसरों के काफिर बिद्दति काफिर मुशरिक होने की हजारों दलीलें मौजूद हैं। इन सब दलीलों के बीच हम जैसे सिर्फ चार सूरह, एक कलमा और एक दरूद वाले मुस्लिम कन्फ्यूज हो जाते हैं। हम जैसे लोगों के दिमाग में ये आता है कि अगर मैं बरेलवी हूं तो वहाबी अहले हदीस मुझे जहन्नुम में भेज देंगे। अगर मैं शिया हूं तो सुन्नी मुझे जहन्नुम में भेज देंगे। अगर सुन्नी हूं तो शिया जहन्नुम में भेज देंगे। यानी मैं किसी भी फिरके को मानू मुझे जहन्नुम में भेजने के लिए दूसरे इकहत्तर फिरके बिल्कुल तैयार बैठे हैं। यानी मैं अगर मुस्लिम हूं तो मेरा जहन्नुम में जाना बिल्कुल पक्का है मुझे जहन्नुम में जाने से दुनिया की कोई ताकत मेरे द्वारा की गई कोई इबादत मेरा द्वारा दिया गया कोई सदका कोई जकात नहीं रोक सकती। आखिर हम क

#मीलाद

चित्र
#मीलाद याद है मेरे बचपन में गांव में महीने में एक दो बार किसी न किसी के घर में मीलाद हुआ करती थी। जिस दिन मीलाद होना होता था उस दिन शाम को छोटे छोटे बच्चे पूरे गांव में चिल्ला चिल्ला कर मीलाद का बुलव्वा देते थे कि फलां के घर में मीलाद का बुलव्वा है। ईशा बाद गांव के मर्द औरत बच्चे उस घर के दरवाजे इकट्ठे हो जाते थे मर्दों के लिए अलग और औरतों के लिए अलग टाट बिछा दिए जाते थे... एक चौकी में लालटेन जलाकर रख दी जाती थी पढ़ने वाले लोग चौकी के आस पास बैठ जाते थे और सब लोग मीलाद पढ़ते थे। एक दो घंटे पढ़ने के बाद खड़े होकर सलाम पढ़ा जाता था फिर बताशे बांटे जाते थे। बताशे बांटने के लिए बताशों का तसला ऐसे आदमी को दिया जाता था जो रसूली बांट बांटे, खुदाई बांट नहीं... यानी की किसी को कम ज्यादा न दे सबको बराबर दे। कुछ दिनों बाद गांव में कुछ ज्यादा पढ़े लिखे लोग पैदा हुए और उन्होंने मीलाद के बाद खड़े होकर सलाम पढ़ने पर ऐतराज जताना शुरू किया.. जिससे सलाम बैठे बैठे ही पढ़ी जाने लगी.... कुछ दिनों बाद और ज्यादा पढ़े लिखे लोग पैदा हुए और उन्होंने सलाम पढ़े जाने पर ही ऐतराज शुरू कर दिया। उनकी नजर

गौरी शाहरुख़ को छोड़कर मुंबई चली आईं थीं, तब शाहरुख़ आज के शाहरुख़

चित्र
गौरी शाहरुख़ को छोड़कर मुंबई चली आईं थीं, तब शाहरुख़ आज के शाहरुख़ नहीं थे, एक कॉलेज में पढ़ने वाले एक नार्मल से लड़के थे जो एक लड़की से प्यार करने लगा था जिसे अपने कॉलेज की एक पार्टी में एक लड़के के साथ डांस करते हुए देखा था. तब का दिल ऐसा लगा कि फिर कहीं लगा ही नहीं. ये लड़का इतना पजेसिव था कि सामने खड़ा 'कबीर सिंह' भी संत आदमी लगे, इसको पसंद नहीं था कि गौरी खुले बाल रखें, ये नहीं चाहता था कि गौरी स्विमिंगसूट पहनें. प्यार बहुत था लेकिन इंसिक्युरिटी उससे भी ज्यादा थी, हो भी क्यों न, खुले बाल में गौरी कमाल जो दिखतीं थीं। वैसे भी स्त्री का खुलापन ही वह एकमात्र चीज है जिससे पुरुष को सबसे ज्यादा भय लगता है. शाहरुख़ नहीं चाहते थे कि कोई और लडका गौरी की तरफ देखे, शाहरुख़ कहते 'मेरे पास मत बैठो, चलेगा, पर किसी और लड़के के पास मत बैठा करो, मुझसे प्यार नहीं करती, चलेगा, लेकिन किसी और से प्यार करोगी तो मुश्किल होगी'. क्या कोई कह सकता है रोमासं का बादशाह कभी इतना इनसिक्योर और इतना पजेसिव रहा होगा? शाहरुख़ की पजेसिवनेस ने गौरी को असहज कर दिया. इतना असहज कर दिया कि शाहरुख़ को बिना बता