उन्होंने कहा कि एक इंसान किसी भी उम्र में हिदायत पा सकता है और कभी भी देर नहीं होती जब जागो तभी सवेरा उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम के बारे में अधिक जानने के लिए कुरान और पैगंबर मुहम्मद (S.A.W) (P.B.U.H) की सीरत पढ़ें।

इनका नाम Georgette lepaulle था, ये बेल्जियम की रहने वाली थीं और अपने पड़ोस में रहने वाले मोरक्को के Muhammad Maddah के परिवार से मुतास्सिर होकर इस्लाम क़ुबूल कर लिया था और इनका नाम "Noor Islam" रखा गया था....ये इस्लाम क़ुबूल करने वाली सबसे उम्रदराज खातून हैं जिन्होंने 92 साल की उम्र में इस्लाम क़ुबूल किया था... 

इन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि मोहम्मद पिछले 40 सालों से जॉर्जेट के पड़ोसी थे मोहम्मद और उनका परिवार जॉर्जेट को जानता था,वह एक नर्सिंग होम में काम करती थी और जब जॉर्जेट ने इसे छोड़ने का फैसला किया, तो वो मोहम्मद के परिवार के साथ रहने लगीं... मोहम्मद जिनकी मां का हाल ही में इंतेक़ाल हुआ था और वो मुझे आपनी मां की तरह समझते हैं जिससे उनका गम हल्का हुआ है... 

जॉर्जेट कहती हैं कि जब उन्होंने मोहम्मद के परिवार के साथ रहना शुरू किया, तो उन्होंने उनके बीच एकता देखी और कैसे वो इबादत करते थे और जिस तरह से वो एक दूसरे से अदब और एहतेराम से बात करते थ जो उनके परिवार के तरीके से बिलकुल खिलाफ था

जॉर्जेट ने आखिरी रमजान मोहम्मद और उसके परिवार के साथ मोरक्को में बिताया,उन्होंने कहा कि वह रोज़ा जानती थीं क्योंकि वह एक कैथोलिक फैमिली से थीं लेकिन वह कभी भी मज़हब से जुड़ी नहीं थीं, वह हर दिन सिगरेट और शराब पीती थीं.. 
उन्होंने आगे कहा कि मोहम्मद और उसके परिवार के साथ रमजान में शामिल होने के बाद वह हैरान थीं क्योंकि वह अल्लाह से जुड़ाव महसूस कर रही थीं और उन्होंने उसने अल्लाह से उनकी मदद करने के लिए दुआ की और फिर उन्होंने बेल्जियम की एक मस्जिद में इस्लाम क़ुबूल कर लिया... Interview लेने वाले ने पूछ कि क्या आपको इस्लाम क़ुबूल करने के पैसे दिए गए हैं तो उन्होंने कहा कि पैसे का इससे कोई लेना देना नहीं है ये पूरी तरह से मेरा खुद का फैसला है... 

जब उसने इस्लाम क़ुबूल करने का फैसला किया, तो मुस्लिम बहनों ने उन्हें नहला धुला कर पाक साफ किया और उनका बोसा लिया जो उनके के अचम्भे की बात थी क्योंकि उनकी बेटियों ने ऐसा कभी नहीं किया...जब से वो इस्लाम में दाखिल हुईं उनकी बेटियों ने उनसे बात तक नहीं की 

उन्होंने आगे कहा कि वो पोर्क और शराब का इस्तेमाल करतीं थी जो उन्होंने छोड़ मगर उन्होंने सोचा कि ये आसान नहीं होगा, उन्होंने ये भी कहा कि वो हमेश मोटा मेकप लगाती थीं मगर इस्लाम कुबूल करने के बाद मेकप लगाना बंद कर दिया... 

उन्होंने कहा कि एक इंसान किसी भी उम्र में हिदायत पा सकता है और कभी भी देर नहीं होती जब जागो तभी सवेरा उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम के बारे में अधिक जानने के लिए कुरान और पैगंबर मुहम्मद (S.A.W) (P.B.U.H) की सीरत पढ़ें।

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