#लाल_और_सफेद_बैल

#लाल_और_सफेद_बैल

बीजेपी के दिल में पसमांदाओं के प्रति मोहब्बत देखकर मैं कन्फ्यूज था कि आखिर जिस पार्टी की विचारधारा ही मुस्लिम विरोध पर टिकी हो वह पसमांदाओं से इतनी मोहब्बत क्यों दिखा रही है आखिर पसमांदा भी तो मुस्लिम ही हैं। 

इस सवाल के जवाब को तलाशने के लिए मैंने शब्बन चच्चा को फ़ोन किया और सलाम दुआ के बाद यही सवाल उनसे पूछा कि चच्चा ये बताएं कि बीजेपी पसमांदाओं से इतनी मोहब्बत क्यों दिखा रही है?

चच्चा बोले बच्चा वो लाल बैल और सफेद बैल वाली कहानी याद है या भूल गए हो?
मैं बोला चच्चा याद है।
चच्चा बोले ये बताओ कि शेर ने लाल बैल से दोस्ती क्यों किया था? उसने लाल बैल को जंगल की घास अकेले खाने का लालच क्यों दिया था?
मैं - चच्चा क्योंकि दोनों बैल बहुत ताकतवर थे। दोनों के साथ रहते शेर उनका शिकार नहीं कर सकता था। इसलिए शेर ने सोचा कि अगर इन दोनों को अलग अलग कर दिया जाए तो शिकार करना आसान हो जाएगा। इसलिए शेर ने लाल बैल से कहा कि अगर मैं सफेद बैल को मार डालूंगा तो तुमको ये घास अकेले खाने को मिलेगी और चूंकि तुम मेरे दोस्त होंगे तो जंगल में भी तुम्हारी सब इज्जत करेंगे और फिर लाल बैल शेर के झांसे में आ गया। शेर ने एक एक करके दोनों बैलों को खा लिया। जब शेर लाल बैल को मार रहा था तो लाल बैल बोला मैं तो उसी दिन मर गया था जिस दिन सफेद बैल को मारा गया था।

मैं बोला चच्चा मगर इस कहानी से भाजपा के पसमांदा प्रेम से क्या लेना देना है?
चच्चा बोले यार तुम एकदम ही मूरख हो क्या? इतना साफ साफ कहानी बता दिया फिर भी तुम्हारी अक्ल में नहीं घुसा। बीजेपी के लिए मुसलमान बैल की तरह हैं। बीजेपी का मकसद मुसलमानों का शिकार करना है। लेकिन जब तक मुसलमानों में एकता है शिकार संभव नहीं है इसलिए बीजेपी भी शेर की राह पर चली है। बीजेपी के लिए अशराफ मुस्लिम सफेद बैल हैं और पसमांदा मुस्लिम लाल बैल। बीजेपी पहले सफेद और लाल को अलग कर रही है अलग करने के बाद वह एक एक करके दोनों बैलों को खाएगी। लाल बैल ( पसमांदा मुस्लिम) इस ग़लत फहमी में न रहें कि बीजेपी सिर्फ सफ़ेद बैल ( अशराफ मुस्लिम) को खाएगी और हम बीजेपी से दोस्ती करके देश में अमन चैन से रह लेंगे। उसके लिए अशराफ हों या पसमांदा दोनों बराबर हैं और दोनों ही उसके शिकार हैं।

यकीनन चच्चा की बातें सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए कि हम कितने भोले हैं। बीजेपी हमारे शिकार करने के रास्ते बना रही है और हम सोच रहे हैं कि बीजेपी हमसे हमदर्दी रखती है।

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