अब कहने के लिए दो बातें हैं। पहली ये की लोग मौकापरस्त होते हैं , ऐसे लोगों से दूर रहिये और दूसरी ये की ईमानदारी से काम करते

मुझे लगभग तीस हजार लोग पढ़ते हैं इसलिए ये वाकया शेयर कर रही हूँ कि शायद कहीं कोई व्यक्ति इसे पढ़ने के बाद स्वयं के भीतर परिवर्तन खोज सके या अपना आदर कर सके। बात सामान्य सी है पर , कभी-कभी कोई बात लाइफ टर्निंग बन जाती है।

बात पाँच-छः महीने पहले की है । मेरे शहर में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी है । मैंने उस यूनिवर्सिटी में जॉब करने के लिए अपना रेज़्यूमे भेजा और दो - तीन बार वाइस चांसलर औऱ डीन से मिली भी। उन्होंने मुझे उस जॉब के लिए अशोर भी किया पर कुछ कच्चा-पक्का सा।

 एक अनौपचारिक मुलाकात में , मेरा सोशल स्टेटस और फैमिली स्टेटस जानने के बाद , रजिस्ट्रार मुझसे बोली कि आपको जॉब करने की क्या ज़रूरत है आप तो वेल सेटल हैं। मैंने कहा कि मेम मैं बस काम करते रहना चाहती हूँ। एक्टिव बने रहना मेरी लाइफ लाइन है। फिर बात आई-गई हो गयी।

उनकी तरफ से कोई पॉज़िटिव रिस्पांस ना आने के कारण मैंने सेम ऑफर पर दूसरी यूनिवर्सिटी को जॉइन कर लिया। मैं दिल से जुड़कर काम करने वाले लोगों में से हूँ। अपना बेस्ट देना मेरी कोशिश होती है बरहाल मैं इस नयी यूनिवर्सिटी के साथ काम करके खुश हूँ। मेरे ऐक्टिवली और समर्पित होकर काम करने की खबर जल्दी ही रजिस्टार तक पहुँची तो ,
कल मेरे पास उस पुरानी यूनिवर्सिटी से कॉल आया । मैडम बोलीं अरे निधि हमसे गुस्सा हो क्या ? वो कुछ मिस कम्युनिकेशन था शायद इसलिए हम तुम्हारे लिए बात नहीं कर पाए। मुझे अभी पता चला कि तुम बहुत शानदार काम कर रही हो। मेरा खुला ऑफर है तुमको तुम चाहो तो जॉब स्विच कर दो मैं दिल्ली बात कर लेती हूँ। तुम्हारी पे स्केल बढाकर हम तुमको ऑफर दे रहे हैं।
मैं हतप्रभ रह गयी। जिन लोगों ने मुझ पर विश्वास किया उनका विश्वास मैं नहीं तोड़ सकती हूँ। मैं उनको धोखा नहीं दे सकती हूं जिन्होंने मेरी क्षमताओं पर भरोसा किया। मैंने विनम्रता से उनको मना कर दिया । 
कुछ और पैसे मिल जाने से मेरे जीवन में कोई परिवर्तन नहीं आएगा पर मैं खुद को क्या जवाब दूंगी। मैं अपने आप से नज़रें मिलाकर जीना चाहती हूँ। उनका भरोसा मैं कभी नहीं तोड़ सकती जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया हो।

अब कहने के लिए दो बातें हैं। पहली ये की लोग मौकापरस्त होते हैं , ऐसे लोगों से दूर रहिये और दूसरी ये की ईमानदारी से काम करते चलिए आपका काम ही आपकी पहचान है। खुश रहिये , मस्त रहिये और अपने भीतर नई संभावनाओं की खोज करते रहिए। जीवन का आनंद आत्मीयता में औऱ स्वयं के विकास में है।
आप सभी का सदा शुभ हो
शुभमस्तु...

--निधि नित्या
#nidhinitya #लोग

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