6 दिसंबर को ही क्यों बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया. 7 क्यों नही, 8 क्यों नही या अन्य किसी दिन को क्यों नही चुना गया ?

6 दिसंबर को ही क्यों बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया. 7 क्यों नही, 8 क्यों नही या अन्य किसी दिन को क्यों नही चुना गया ?

क्या 6 दिसंबर की तारीख चुनना एक षड्यंत्र के तहत लिया गया फैसला था ?

डॉ बाबा साहेब अंबेडकर केवल शूद्र अतिशूद्रों के दायरे तक हम उन्हें सीमित नही कर सकते. डॉ आंबेडकर सभी हिंदुओं के नेता हैं क्योंकि उनकी प्राथमिक चिंता जाति वर्ण व्यवस्था को ध्वस्त कर पूरे हिंदू समाज को मुक्त करना था.

लेकिन ब्राह्मण क्षत्रिय बनिया और अन्य सवर्ण जातियां अपने विशेषाधिकार को खत्म नही करना चाहती. डॉ आंबेडकर जाति वर्ण व्यवस्था खत्म कर ऐसा भारतीय समाज बनाना चाहते थे जो समानता, बन्धुत्व और स्वतंत्रता पर आधारित हो. 

आंबेडकरवाद जाति वर्ण व्यवस्था का खात्मा चाहता तो दूसरी तरफ ब्राह्मणवाद विचारधारा हर हाल में जाति वर्ण व्यवस्था को बचाए रखना चाहते है. आंबेडकरवाद की विचारधारा से प्रभावित होकर OBC आरक्षण लागू किया गया. OBC SC ST जातियां जातिवाद वर्ण व्यवस्था के खिलाफ और अपने अधिकारों के लिए गोलबंद हो रहे थे. SP BSP और OBC SC नेताओं को उभार हो रहा था.

आंबेडकरवाद को कमजोर और धूमिल करने के लिए ब्राह्मणवादी विचारधारा ने राम मंदिर और हिन्दू महिमा का मुद्दा उठाया. एक काल्पनिक दुश्मन खोजा गया, यानी मुसलमान. 6 दिसंबर को OBC SC ST संगठित होकर डॉ आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस को समानता, बंधुत्व और स्वतंत्रता के दिवस के रूप में मनाने लगे थे.

ब्राह्मणवाद विचारधारा ने वर्ण व्यवस्था की रक्षा करने के लिए 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस कर डॉ बाबा साहेब आंबेडकर के महान विचारधारा को प्रदूषित करने की कोशिश की. OBC SC ST जो आंबेडकरवाद के रास्ते जा रहे थे बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हिन्दू बनकर वर्ण व्यवस्था के रास्ते चले दिए.

✍🏼✍🏼Kranti Kumar 

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