फ़रमान ए #जहांगीरी

फ़रमान ए जहांगीरी, ये शिलालेख मुग़्ल बादशाह जहांगीर के ज़माने का है जो फ़ारसी ज़बान में पत्थर पर खुदा हुआ है जिस पर किसानो की कर माफ़ी का ज़िक्र है,ये सिरोंज से 12 km दूर भौरियां गांव में नस्ब है, आसार ए मालवा के मुताबिक़ ऐसे दो शिला लेख और है एक रुसल्ली घाट गांव में और दूसरा सिरोंज शहर के टकसाल में था जब टकसाल खत्म हुई तो उसे लाकर कोट में कही नस्ब कर दिया गया थ।मैने काफी तलाश किया लेकिन मिला नहींं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जयपाल सिंह मुंडा झारखंड के खूंटी जिले में जन्मे थे. ( 3 जनवरी 1903 – 20 मार्च 1970). वे एक जाने माने राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, संपादक, शिक्षाविद् और 1925 में ‘ऑक्सफर्ड ब्लू’ का खिताब पाने वाले हॉकी के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

راہ عزیمت کا مسافر(مجاہد دوراں سید مظفر حسین کچھوچھوی)

ज़ुबैर को रिहा करने का आदेश अगर एक तरफ न्यायपालिका की कार्यवाही को दर्शाता है तो वहीं दूसरी ओर इसी न्यायपालिका को पोल भी खोलता है...