जब एक औरत ने अपने शौहर की मर्दानगी को ललकारा...

जब एक औरत ने अपने शौहर की मर्दानगी को ललकारा...

एक दिन मिया बीवी के दरमियान किसी बात पर झगड़ा हुआ दोनो में सख्त कलमी हुई, मिया और बीवी दोनो गुस्से से लाल पीला हो गए,

बीवी गुस्से पे कंट्रोल ना करते हुए अपने शौहर से कहने लगी, "अगर तुम मर्द हो तो मुझे तलाक दे दो" एक सेकंड भी मैं तुम्हारे साथ नही रह सकती, उसका शौहर ख़ामोशी से उसकी बात को नजरंदाज करने की कोशिश करने लगा, लेकिन बीवी ने फिर कहा "तुम मर्द नहीं", "अगर हो तो मुझे तलाक दो" हालाकि उसकी बीवी नेक और पाकबाज और अच्छी सीरत वाली औरत थी, लेकिन ये सब गुस्से की हालत में उसकी जबान से निकल रहा था, और उस मौके पर शैतान पूरी कोशिश में था कि मिया बीवी को एक दूसरे से अलग कर दें,

औरत का गुस्सा जब और बढ़ा तो कहा "अगर तुम मर्द हो तो यह करो, वोह करो, वगैरह वगैरह"।

आखिरकार बीवी ने कहा: "मुझे अभी फौरन तुम्हारा जवाब चाहिए, और तुम मुझे इसी वक्त जवाब दो, 

बिल-आखिर शौहर मजबूर होकर एक कागज़ में कुछ लिखकर लिफाफे के अंदर रखकर बीवी के हाथ में थमाते हुए कहा: "जाओ फि अमन अल्लाह" यह वाह दरवाजा है जिससे तुम मेरे साथ आई थी, मैने साबित कर दिया की "मैं एक मर्द हुं" तुम अभी अपने मायके जाओ, 

चुनांचा वो औरत अपना सामान वगैरह बांधकर उठाई और अपने मायके की तरफ चली गई, 

जब यह बात लोगों में पहुंची तो किसी को यकीन नहीं हो रहा था के आदमी बड़ा नेक और रहम दिल इंसान है ये कैसे हो सकता है के वो अपनी बीवी के साथ ऐसा बरताव करें, 

इधर मौके में बीवी के दीन गुजरते गए, और आइश्ता आइश्ता उसका दिल वोहां घुटने लगा, उसे तन्हाई सताने लगी, तो एक दिन उसने शौहर को फोन किया और रोने लगी कहा: "आप मेरे सब कुछ हो, मैं आपके बगैर नहीं रह सकती, आप मेरे रूह हो, आप ही सबकुछ हो वगैराह वागैरह,

आदमी ने जवाब देते हुए कहा: "उम्में मोहम्मद!! तुम आखिर अब मुझसे चाहती क्या हो"?? 

बीवी ने कहा: "मैं गलत थी, और कहा: "मैं एक कम अकल औरत हु" 

आदमी ने जवाब दिया "यह तो तुम्हारा मोतलबा था, जो मैने पूरा किया, और तुम मुझे साबित करने दो के मैं एक मर्द हुं"

बीवी ने कहा: "मैं मानती हूं के आप मर्द हो लेकिन मैं एक कम अकल औरत हु"

शौहर ने जब देखा के बीवी उसके सामने अपनी बेबसी और दुख का इजहार कर रही है तो उसने कहा: "अच्छा!! जाओ जरा वो लिफाफा खोलकर देखो तो सही जो मैने तुम्हे लिखकर दिया था।

औरत ने फोन को होल्ड पर रखकर उठी और उस लिफाफे को खोलकर उसमें मैजूद कागज़ के टुकड़े को देखा तो उसमे लिखा हुआ था, "ऐय मेरी प्यारी उम्मे मोहम्मद!! अगर आसमान जमीन पर भी गिर जाए तब भी मैं तुम्हे हरगिज तल्लाक नहीं दूंगा" यह था असल कागज़ जो शौहर ने उस वक्त बीवी को लिखकर दिया था, लेकिन बीवी ने समझा था की उसमे "तल्लक तल्लाक़ तल्लाक़" लिखा होगा।

जब बीवी ने कागज़ पढ़ी तो रोने लगी और रोते हुए कहा: "ऐ मेरे सरताज!! आप तो मर्दों के मर्द निकलें।
सबक:... मेरे भाइयों और बहनों!! देखें किस तरह कहानी का रुख बदल गया जब शौहर ने अपने मर्द होने का सबूत पेस किया यानी गुस्से पे कंट्रोल कर के!!! यही है असल मर्दानगी और यही है मनहजे रसूल्लाहो सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम।

रसूल्लाहु सल्लल्लाह अलैहि वसल्लम ने फ़रमान है:- कोई मोमिन मर्द अपनी मोमिना बीवी से बुगाज ना रखे और ना ही उसे अपने से जुदा करे।

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