#बहुत_बड़ा_कन्फ्यूजन_हैबरेलवी के पास जाओ वह दस हदीसों और सैंकड़ों दलीलों के जरिए साबित

#बहुत_बड़ा_कन्फ्यूजन_है

बरेलवी के पास जाओ वह दस हदीसों और सैंकड़ों दलीलों के जरिए साबित कर देंगे कि शिया देवबंदी वहाबी अहले हदीस अहले कुरान काफिर हैं।

अहले हदीस के पास वो दसियों हदीस सैकड़ों दलीलों के साथ बरेलवियों को बिद्दति मुशरिक साबित कर देंगे।

देवबंदियों वहाबियों शियाओं अहले कुरान सबके पास खुद के सच दूसरों के काफिर बिद्दति काफिर मुशरिक होने की हजारों दलीलें मौजूद हैं।

इन सब दलीलों के बीच हम जैसे सिर्फ चार सूरह, एक कलमा और एक दरूद वाले मुस्लिम कन्फ्यूज हो जाते हैं।

हम जैसे लोगों के दिमाग में ये आता है कि अगर मैं बरेलवी हूं तो वहाबी अहले हदीस मुझे जहन्नुम में भेज देंगे।

अगर मैं शिया हूं तो सुन्नी मुझे जहन्नुम में भेज देंगे।

अगर सुन्नी हूं तो शिया जहन्नुम में भेज देंगे।

यानी मैं किसी भी फिरके को मानू मुझे जहन्नुम में भेजने के लिए दूसरे इकहत्तर फिरके बिल्कुल तैयार बैठे हैं।

यानी मैं अगर मुस्लिम हूं तो मेरा जहन्नुम में जाना बिल्कुल पक्का है मुझे जहन्नुम में जाने से दुनिया की कोई ताकत मेरे द्वारा की गई कोई इबादत मेरा द्वारा दिया गया कोई सदका कोई जकात नहीं रोक सकती।

आखिर हम करें तो करें क्या?
जाएं तो जाएं कहां?


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जयपाल सिंह मुंडा झारखंड के खूंटी जिले में जन्मे थे. ( 3 जनवरी 1903 – 20 मार्च 1970). वे एक जाने माने राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, संपादक, शिक्षाविद् और 1925 में ‘ऑक्सफर्ड ब्लू’ का खिताब पाने वाले हॉकी के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

راہ عزیمت کا مسافر(مجاہد دوراں سید مظفر حسین کچھوچھوی)

ज़ुबैर को रिहा करने का आदेश अगर एक तरफ न्यायपालिका की कार्यवाही को दर्शाता है तो वहीं दूसरी ओर इसी न्यायपालिका को पोल भी खोलता है...