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आने वाले समय में Artificial Intelligence (AI) हड़प लेंगे ये नौकरियां, कहीं आप तो खतरे में नहीं?आने वाले समय में Artificial Intelligence (AI) हड़प लेंगे ये नौकरियां, कहीं

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आने वाले समय में Artificial Intelligence (AI) हड़प लेंगे ये नौकरियां, कहीं आप तो खतरे में नहीं? आने वाले समय में Artificial Intelligence (AI) हड़प लेंगे ये नौकरियां, कहीं आप तो खतरे में नहीं? आने वाले समय में Artificial Intelligence (AI) हड़प लेंगे ये नौकरियां, कहीं आप तो खतरे में नहीं?OpenAI का ChatGPT और अन्य प्रकार के जनरेटिव AI हमारी खा सकते हैं। पिछले साल नवंबर में जारी होने के बाद से, AI चैटबॉट का उपयोग कवर लेटर लिखने, बच्चों की किताब बनाने और यहां तक ​​कि छात्रों को उनके निबंधों में मदद करने के लिए उपयोग किया गया है। ChatGPT के आने से इस बात पर बहस छिड़ गई है कि क्या यह नौकरियों की जगह लेगा और आज हम यही बात करने वाले है कि चैटबोट किस तरह की नौकरियां खा सकता है। आने वाले समय में Artificial Intelligence (AI) हड़प लेंगे ये नौकरियां, कहीं आप तो खतरे में नहीं? क्या है ChatGPT?  चैट जीपीटी ऑनलाइन ग्राहक सेवा के लिए ओपन एआई द्वारा बनाई गई एक एआई चैटबॉट ऑटो-जेनरेटिव प्रणाली है। यह एक पहले से ही प्रशिक्षित जनरेटिव चैट है, जो नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (एनएलपी) का उपयोग करती है। इसके डेटा का स

Binod Teli Binod Teli 1890 में हवादार कच्छा संघ की मिल्कियत का घोषणा करने के बाद फ्रीमेसनरी ने अब 2022 में

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Binod Teli Binod Teli 1890 में हवादार कच्छा संघ की मिल्कियत का घोषणा करने के बाद फ्रीमेसनरी ने अब 2022 में श्रीलंका के कोरल रीफ को आदम के हवाले कर दिया... मतलब नुराकुश्ती जारी रहे ताकि अमेरिका के करेंसी और हथियार वाले षड्यंत्र पर किसी का ध्यान नहीं जाए। फर्जी रामसेतु 30km लंबा है पर सवा कि.मी चौड़े की क्या जरूरत थी 10 मी. बहुत था । पत्थर भी डूब गए बिल्कुल वही, फ्रीमेसन को नकली कहानी लिखते हुए शर्म नहीं आती। दूरी नापने की संस्कृत वालो की इकाई योजन है।      भारत श्रीलंका के बीच जो पुल हैं जिसे रामसेतु कहा जाता है कि लंबाई मात्र 30 किलो मीटर है।            #रामायण_मे_यह_दूरी_100_योजन_बताई हैं              एक योजन अग्रेंजो ने 5 मील माना है जो कई डिक्शनरियो मे है जो आठ किलोमीटर के बराबर समझिए।        सूर्य सिद्धांत या अन्य ग्रंथो मे जायेगे तो यही दूरी बढ़ते बढ़ते 14 मील तक पहुंच जायेगी और उनके अनुसार लंका भारत से दो तीन योजन रह जायेगा।       इसलिए थाईलैंड की खाड़ी से लंकासुखा तक चले तो यह दूरी आसान और लगभग बराबर हो जाती है।(तस्वीरे संलग्न)           रेयांग जिसे हम अपने यहां रामेश्वरम के नाम

एक ऐसी लड़की जो अनुसूचित (#जाटव) जाति में पैदा हुई लेकिन उसके हुनर ने जाती के सारे बंधन तोड़ के उसे सफलता की ऊंचाइयों

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एक ऐसी लड़की जो अनुसूचित (#जाटव) जाति में पैदा हुई लेकिन उसके हुनर ने जाती के सारे बंधन तोड़ के उसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया भारत की सबसे बड़ी फिल्मस्टार लड़की जिसकी कोई भी फिल्म कभी फ्लॉप ही नही हुई और उस लड़की की हत्या के बाद उसकी अधूरी फिल्मे पूरी करके श्रीदेवी व माधुरी दीक्षित रवीना टंडन स्टार बनी ।  साउथ सिनेमा और बॉलीवुड की क्वीन उस दिव्या भारती का आज जन्मदिन है ।  #दिव्या_भारती जी को सादर नमन व श्रद्धांजलि ! 💐💐 17 साल की उम्र में तेलुगु फिल्म ‘बोबिली राजा' (1990) से करियर की शुरुआत करने वाली दिव्या ने महज 3 साल में करीब 21 फिल्मों में काम किया था, जिनमें से 13 बॉलीवुड की थीं। दिलचस्प, बात ये है कि इनमें से ज्यादातर फिल्में हिट रहीं। जिस वक्त दिव्या की मौत हुई उस वक्त वो करीब 1 दर्जन से ज्यादा फिल्मों का हिस्सा थीं। मौत के बाद रिलीज हुईं 2 फिल्में... साल 1993 में दिव्या की मौत के बाद उनकी 2 फिल्में ‘रंग’ और ‘शतरंज’ इसी साल रिलीज हुईं। इसके अलावा 8 फिल्में ऐसी थीं, जो बीच में ही अटक गईं। बाद में इन फिल्म्स की शूटिंग दूसरी एक्ट्रेसेस के साथ पूरी की गईं। इनमें

स्त्री की सफलता में सबसे बड़ा रोड़ा होता है उसका स्वास्थ्य। कभी मासिक दर्द

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स्त्री की सफलता में सबसे बड़ा रोड़ा होता है उसका स्वास्थ्य।   कभी मासिक दर्द से कराह रही है, तो कभी गर्भ धारण करके उल्टी, मितली, चक्कर, यूरिन निकल जाने की समस्या झेल रही है, तो कभी रजोनिवृत्ति की बेला में समय असमय रक्तस्राव, सिरदर्द, मूड स्विंग्स, रक्तचाप बढ़ना-घटना झेल रही है। ये लिस्ट स्त्री के उन कष्टों की है जो सामान्य है, सेहतमंद हैं।  इन सबको आसानी से न झेल पाने वाली स्त्रियाँ इससे भी कहीं कहीं अधिक भयंकर स्वास्थ्य समस्याओं से घिरी होतीं हैं। रक्तस्राव अधिक हो तो परेशानी, कम हो तो समस्या। गर्भाशय में अक्सर ही सिस्ट या ट्यूमर हो जाता है। मिसकैरेज शरीर को जितना तोड़ जाता है उतना एक नार्मल डिलीवरी नहीं तोड़ती।  मिसकैरेज से बच गयी तो सीज़ेरियन मुँह खोले दानव की तरह प्रतीक्षा करता है। संतान न हो पा रही हो तो ज़रा उस स्त्री का दर्द पूछिये जो आई वी एफ सेंटर्स के चक्कर लगा रही है। शरीर की एक एक कोशिका हिल जाती है। टेस्ट पर टेस्ट, टेस्ट पे टेस्ट, इंजेक्शन्स पर इंजेक्शन्स... एक स्थिति ऐसी आती है, पेशेंट स्त्री बिस्तर पर मुर्दा देह की तरह पड़ी होती है....भोंक दो जो कुछ भी भोंकना हैं...

वैज्ञानिक बाप की वैज्ञानिक बेटी मरयम उस्तरलाबिया GPS

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वैज्ञानिक बाप की वैज्ञानिक बेटी मरयम उस्तरलाबिया  "'"""""""""""""""""""""""""""""""" आजकल जीपीएस ( Global positioning system ) की वजह से दुनिया में बहुत कुछ आसान हो गया है जीपीएस को सेट करके किसी भी पते पर आसानी से पहुंचा जा सकता है इस तरह के डिवाइस की जरूरत हमेशा से रही थी मल्लाहों को समुद्र में रास्ता जानने के लिए किसी नेवीगेशन सिस्टम की जरूरत हमेशा महसूस की जाती रही थी  इस ज़रूरत को देखते हुए यूनानी वैज्ञानिक ऐपोलोनियस ने लगभग सन 200 ईसा पूर्व में एक नेवीगेशन सिस्टम तैयार किया जिस का नाम एस्ट्रोलेब रखा गया इस डिवाइस को हिंदी में तारेक्ष और अरबी भाषा में उस्तरलाब कहते हैं  पर यह बहुत शुरूआती सिस्टम था जिसमें बहुत सारी खामियां थीं , आगे चलकर मुस्लिम वैज्ञानिकों ने इन खामियों को दूर करने की कोशिश की, और इसे सिर्फ नेवीगेशन सिस्टम तक सीमित नहीं रखा बल्कि इसे तरक्की दे कर इस का इस्तेमाल खगोलशास्त्र में भी करने लगे इस से सू

एक ऐसे नबी जिन्होंने कई इल्म व हुनर की स्थापना की दुनिया को कपड़े सिलना सिखाया

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एक ऐसे नबी जिन्होंने कई इल्म व हुनर की स्थापना की दुनिया को कपड़े सिलना सिखाया  """"""""""""""""""""""""""""""""""""""" हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम अल्लाह के नबी थे कहा जाता है कि वह हज़रत आदम और शीस के बाद तीसरे नबी थे जो दुनिया में आए वह नूह अलैहिस्सलाम के काफी पहले पैदा हुए थे  हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम मेसोपोटामिया ( इराक़ ) के इतिहासिक नगर बाबुल में पैदा हुए बड़े हुए वहां से मिस्र चले गए और मिस्र को ही उनकी कर्मस्थली बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ  कुरान में इनका जिक्र दो जगह पर आया है सूरा मरयिम में इन्हें नबी व सिद्दीक़ कहा गया है  इराक़ में एक धर्म पाया जाता है जिसे साबिया कहा जाता है यह विश्व का सबसे पुराना धर्म है उसके मानने वाले खुद को साबिई कहते हैं साबिई लोगों का जिक्र कुरान में भी है साबिई लोग इन्हें अपना पहला नबी मानते हैं  बाइबिल और मशहूर इतिहासकार इब्ने इसहाक व कुछ हदीसों के अनुसार यह

जिंदगी लगातार मेहनत करने का नाम है , दौड़ धूप का नाम है जब तक इंसान जिंदा है अपनी कोशिश में लगा रहता है कुरान कहता है و أ

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जिंदगी लगातार मेहनत करने का नाम है , दौड़ धूप का नाम है जब तक इंसान जिंदा है अपनी कोशिश में लगा रहता है कुरान कहता है  و أن ليس للإنسان إلا ما سعى  और बेशक इंसान के लिए वही है जिसकी वह जद्दोजहद करता है   सिर्फ इंसान ही नहीं जानवर पेड़ पौधे कायनात की हर चीज़ अपने मकसद व उद्देश्य को पूरा करने में लगे हुए हैं चिड़िया सुबह खाली पेट निकलती है और  जब शाम को लौटती है तो उस का पेट भरा हुआ होता है कुछ पक्षियां अपने जीवन की सुरक्षा के लिए हजारों मील उड़ कर साइबेरिया से भारत आती हैं और फिर उड़ कर वापस चली जाती हैं  हमारे नबी सललाहो अलैहे वसल्लम की जिंदगी हमारे लिए रोल मॉडल है आप लगातार मेहनत करते मुसलसल जद्दोजहद में लगे रहते , दिन का जो हाल था वह कुरान के शब्दों में " ऐसा लगता है कि आप लोगों के पीछे अपनी जान दे देंगे कि वह ईमान नहीं ला रहे हैं " और रात का यह आलम था कि तहज्जुद की नमाज पढ़ते पढ़ते आप के क़दम सूज जाते थे हज़रत आयशा कहतीं कि आप इतने मेहनत क्यों करते हैं आप फरमाते कि क्या मैं अल्लाह का शुक्रगुजार बंदा न बनूं  यह जिंदगी का फ़लसफ़ा है कि मेहनत करते हुए शुक्र अदा कर

वर्ल्ड युनानी डे है जो मशहूर युनानी चिकित्सक हकीम अजमल खां की याद में मनाया जाता है

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11 फरवरी : वर्ल्ड युनानी डे  """""""""""""""""""""""""""""""""""""" वर्ल्ड युनानी डे है जो मशहूर युनानी चिकित्सक हकीम अजमल खां की याद में मनाया जाता है  हकीम अजमल खां एक मशहूर युनानी हकीम के साथ साथ स्वतंत्रता आंदोलन के चोटी के नेताओं में से थे  वह कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए , मुस्लिम लीग के अध्यक्ष भी बने , ख़िलाफत तहरीक कमेटी के भी अध्यक्ष रहे जमीअत उलमा ए हिंद के संस्थापक और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पहले चांसलर थे  और यही नहीं हिन्दू महासभा ने भी इन्हें अपना स्वागत सदस्य बनाया था वह एक मात्र मुस्लिम थे जो हिंदू महासभा के सदस्य बनाए गए  इस से पता चलता है कि हकीम अजमल खां क्या थे हर एक उन से प्रभावित था हर एक उन्हें अपना समझता था अलग-अलग धर्म व विचारधारा के लोग उन का आदर करते थे  1908 में उन्हें ह़ाज़िकुल मुल्क और 1915 में " कैसरे हिंद " की उपाधि से सम्मानित किया

रमज़ान सन 8 हिजरी में मक्का फतेह हुआ और उसके बाद एक दो महीने में हुनैन और

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रमज़ान सन 8 हिजरी में मक्का फतेह हुआ और उसके बाद एक दो महीने में हुनैन और तायफ़ भी । इन तीनों फतेह से एक धाक बैठ गई अरब के दूसरे कबीलों क लगा कि अब इस्लाम के शरण में जाए बगैर चारा नहीं है  उस समय कुरान के शब्दों में लोग फौज दर फौज इस्लाम में दाखिल होने लगे मदीना आना और रसूल सलललाहो अलैहे वसल्लम से मिलना लोगों का सबसे बड़ा शौक था  लेकिन बहुत से लोग ऐसे थे जो इस्लाम की बढ़ती शान व शौकत देख कर इस्लाम लाए थे उनके दिल में इस्लाम दाखिल नहीं हुआ था  इस लिए जब उन्होंने अल्लाह के रसूल सलललाहो अलैहे वसल्लम की बीमारी और फिर वफात की ख़बर सुनी जितनी तेजी से वह इस्लाम में दाखिल हुए थे उतनी ही तेज़ी से वापस निकल गए कुछ लोगों ने नबुव्वत का दावा कर दिया , कुछ दोबारा कुफ्र की तरफ वापस हो गए और कुछ लोगों ने रियासते मदीना को जकात देने से इंकार कर दिया  नौबत यहां तक पहुंच गई कि वह इस्लाम जो अल्लाह के रसूल सलललाहो अलैहे वसल्लम के जमाने में कई लाख वर्ग किलोमीटर में फैल गया था सिमट कर सिर्फ तीन शहरों मक्का मदीना और तायफ तक बाकी रह गया बीच में कुछ छोटी छोटी आबादियां इस्लाम पर बाकी ज़रूर रही लेकिन उनकी संख्या

14 फरवरी 1483 को मुगलिया सल्तनत के संस्थापक ज़हीरुद्दीन मोहम्मद बाबर का जन्म हुआ , पैदाइश के बाद पिता उमर शेख

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बाबर : एक अजीब किरदार  """"""""""""""""""""""""""""""""" 14 फरवरी 1483 को मुगलिया सल्तनत के संस्थापक ज़हीरुद्दीन मोहम्मद बाबर का जन्म हुआ , पैदाइश के बाद पिता उमर शेख मिर्जा बच्चे को मशहूर सूफी बुजुर्ग वली मुनीर मरग़यानी की खानकाह में ले गए बुजुर्ग ने बच्चे का नाम ज़हीरुद्दीन मोहम्मद रखा यूं तो बहुत अच्छा नाम था पर मुग़ल व तुर्कों के लिए यह अजीब था वह इस का उच्चारण नहीं कर पाते थे इस लिए बाबर नाम से पुकारने लगे  मुगलों को नाम अजीब लगा और इस का प्रभाव यह हुआ कि बाबर की पूरी जिंदगी अजीब हो गई बाबर की मौत अजीब थी और बाबर का दफ़न किया जाना भी अजीब था  बाबर एक सम्राज्य का संस्थापक , एक अच्छा बादशाह , बेमिसाल योद्धा होने के साथ साथ एक बेहतरीन साहिबे दिवान शायर , इल्मे उरूज़ ( शेर के वज़न का ज्ञान ) का माहिर , अपनी खुद की लिपि ( रस्मुल खत़ ) का आविष्कारक था अपनी खुद की जीवनी " तुज़के बाबरी ' लिखी हन्फी

हज़रत सईद बिन आमिर रज़िल्लाहु अन्हो हज़रत उमर के ज़माने में सीरिया के शहर हलब ( एलेप्पो ) के गवर्नर थे

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एक गवर्नर ऐसे भी  **************** हज़रत सईद बिन आमिर रज़िल्लाहु अन्हो हज़रत उमर के ज़माने में सीरिया के शहर हलब ( एलेप्पो ) के गवर्नर थे  जब इन्हें गवर्नर बनाना हुआ तो हज़रत उमर ने बुलाया और कहा कि मैं तुम्हें हलब का गवर्नर बना कर भेजना चाहता हूं हज़रत सईद ने कहा ऐ अमीरुल मोमिनीन मैं खुद को इस लायक़ नहीं समझता आप किसी और को बना दें हज़रत उमर ने कहा यह नहीं चलेगा आप लोगों ने मुझे खलीफा बना कर अकेला छोड़ दिया है आप को गवर्नर तो बनना ही पड़ेगा आखिर हज़रत सईद को हामी भरनी पड़ी हज़रत उमर जानते थे कि यह ग़रीब आदमी हैं इनके पास कुछ नहीं है नई जगह जा रहे हैं वह भी गवर्नर बन कर इन्हें पैसों की जरूरत होगी यह सोच कर उन्हें एक हज़ार सर्वण मुद्राएं दीं और कहा कि लिजिए आप इसे अपनी ज़रूरतों पर खर्च करें  हज़रत सईद ने पैसों की थैली ली घर आएं अपनी पत्नी को तैयार किया और हलब पहुंच गए जब इत्मीनान हुआ अपनी पत्नी से पूछा कि पैसों का क्या करें पत्नी ने कुछ जरूरी चीजें बताईं और कहा कि इसे खरीद लाएं इस पर हज़रत सईद ने कहा कि अभी इसे छोड़ो मेरे पास एक आइडिया है क्यों न इस पैसे को किसी को दे दें वह व्यापार म

उर्दू मादरी जुबान और हमारी मेहनत #urdu

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उर्दू मादरी जुबान और हमारी मेहनत  **************************** मुग़ल काल में हिंदुस्तान की सरकारी भाषा फारसी थी , जो भारत के आम लोगों की भाषा नहीं थी मुसलमान भी घरों में फारसी नहीं बोलता था वह अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न भाषाएं बोलता था पर सरकारी भाषा होने के नाते फारसी शिक्षा की भाषा थी दीनी पुस्तकें भी फारसी में थीं  जब मुग़ल साम्राज्य कमजोर पड़ा और देश में अंग्रेजी सरकार आई उस ने फ़ारसी के स्थान पर हिंदुस्तान की किसी भाषा को सरकारी भाषा बनाना चाहा उस समय उर्दू ही ऐसी भाषा थी जो पेशावर से मद्रास तक और गुजरात से कलकत्ता तक समझी और बोली जाती थी अंग्रेजों ने भी अपने अफसरों व अधिकारियों से उर्दू सीखने को कहा और इस के लिए सन् 1800 में फोर्ट विलियम कॉलेज कलकत्ता की स्थापना की जहां पूरे हिन्दुस्तान से उर्दू विद्वानों को इकट्ठा किया गया उर्दू में कोर्स की किताबें तैयार की गई और आखिर कार 1838 में अंग्रेजी के साथ उर्दू सरकारी भाषा क़रार पाई जैसा कि मैं बता चुका हूं पहले दीनी पुस्तकें फ़ारसी में थीं उलमा को अंदाजा हो गया था कि अब इस देश में फ़ारसी का भविष्य नहीं है इसलिए वह सचेत

मदरसा आलिया से आलिया युनिवर्सिटी तक Bangal

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मदरसा आलिया से आलिया युनिवर्सिटी तक  """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" कोलकाता की आलिया युनिवर्सिटी जो कभी मदरसा आलिया व मोहम्मडन कालेज के नाम से जाना जाती थी अपने आप में एक इतिहासिक धरोहर है यह भारतीय उपमहाद्वीप का पहला शिक्षण संस्थान है जहां माडर्न अंदाज की पढ़ाई शुरू की गई आएं संक्षेप में इस का इतिहास जानते हैं  सन् 1765 में कोलकाता पर ईस्ट इंडिया कंपनी का कब्जा हो गया इस क़ब्जे से कोलकाता के मुसलमान काफी परेशान हुए उन्हें लगा कि हमें अपनी तरक्की के लिए तालीम की बहुत ज़रूरत है वह इस के लिए एक शिक्षण संस्थान खोलना चाहते थे लेकिन पैसे की कमी थी कोलकाता के मुसलमान ग़रीब थे वह अपने बल पर कोई शिक्षण संस्थान नहीं खोल सकते थे  उन्होंने ने इस बारे में उस समय के आलिम मुल्ला मोजुद्दीन जिन्हें आम लोग मौ

क्रीमिया प्रायद्वीप पूर्वी यूरोप का एक देश है जो काला सागर में स्थित है इस के एक ओर अज़ोफ ( Azov ) सागर है इस का

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क्रीमिया के मुसलमान """"""""""""""""""""""""""" क्रीमिया प्रायद्वीप पूर्वी यूरोप का एक देश है जो काला सागर में स्थित है इस के एक ओर अज़ोफ ( Azov )  सागर है इस का बार्डर युक्रेन से मिला हुआ है और दूसरी ओर रूस ने समुद्र में एक पुल क्रीमियन ब्रिज बना कर  इसे अपने से जोड़ रखा है पहले युक्रेन और अब रूस के कब्जे में है  क्रीमिया का असल नाम क्रिम है जो तातारी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ क़िला होता है इसकी राजधानी Sevastopol है जो क्रीमिया का सबसे बड़ा शहर है सिवासटोपोल का पुराना नाम अक़मस्जिद था जिसका अर्थ सफेद मस्जिद होता है  सिफासटोपोल शहर के आबाद होने से पहले इस की राजधानी " बख्श सराय " नगर में थी क्रीमिया का एक मशहूर व इतिहासिक नगर याल्टा है यहां सन् 1945 में स्टालिन , चर्चिल और रोज़ विल्ट की मशहूर कांफ्रेंस हुई थी  सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के कारण क्रीमिया हमेशा बड़ी ताकतों के कब्जे में रहा रोमन साम्राज्य , बेजिंटा

करोड़ों रुपए टैक्स भरने के बाद जब आपको मूलभूत नागरिक सुविधाओं के लिए भिखारी की तरह भटकना पड़े तब आप स्वयं को ठगा हुआ महसूस करते हैं। आखिर टैक्स क्यों

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करोड़ों रुपए टैक्स भरने के बाद जब आपको मूलभूत नागरिक सुविधाओं के लिए भिखारी की तरह भटकना पड़े तब आप स्वयं को ठगा हुआ महसूस करते हैं। आखिर टैक्स क्यों दिया, गलत जगह दे दिया, गलत लोगों को दे दिया। और इसी विचार के साथ तुलनात्मक अध्ययन प्रारंभ होता है कि वह कौन सी जगह, लोग, व्यवस्था है जहां नागरिक सुविधाएं और टैक्स का अनुपात 1:1 के आज पास है। ऐसे में यदि कोई पश्चिमी देशों में जा बसे तब कोई आश्चर्य नहीं करना चाहिए।  कोई अपना घर नहीं छोड़ना चाहता। सब मकान मालिक बनकर रहना चाहते हैं न की किराएदार। यदि माहौल बदलेगा तो लोग लौटेंगे। जो गए हैं वो भी इसी माहौल के भुक्त भोगी हैं। यह ऐसे ही है जैसे दिल्ली की ब्लू लाइन बस छोड़कर कोई मेट्रो में सफर करने को वरीयता देने लगे। मेट्रो का चुनाव सुविधा और मूल्य के उचित अनुपात का है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि कीमत कितनी है, बस न्यायोचित होनी चाहिए। कीमत वसूल होनी चाहिए।  बचपन में ब्रेन ड्रेन पर निबंध लिखने को दिया जाता था और साथ ही रिश्तेदार बड़ी शान से अपने बच्चों को विदेश में सेटल होने की बातें बताते थे। एक हीन भावना का एहसास करवाया जाता रहा है कि आप भारत में

भगोड़े जतिन मेहता को इतनी सहुलियते देना अदानी जी के समधी को मोदी सरकार वीआईपी ट्रीटमेंट देना सिद्ध करता है कि दाल में कुछ काला

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क्या आपको कभी आश्चर्य नहीं होता कि विजय माल्या को तो पकड़ने की इतनी कोशिशें की जा रही है लेकिन ऐसे ही भगोड़े जतिन मेहता को पकड़ने के लिए मोदी सरकार ने कभी इंट्रेस्ट नही दिखाया ? क्या ऐसा इसलिए है कि गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी जतिन मेहता के समधी है !!! सन् 2012 में मेहता ने उदयपुर में अपने बेटे सूरज की शादी विनोद शातिलाल अडानी की बेटी कृपा से की थी। इस शादी में कैटरीना कैफ ने भी परफॉर्मेंस दी थी  जतिन मेहता का फैमिली बिजनेस हीरे का व्यापार था आपको जानकार आश्चर्य होगा कि अदानी समूह आज से 15 - 20 साल पहले तराशे और पॉलिश किए गए हीरों का सबसे बड़ा एग्रीगेटर हुआ करता था- खुद गौतम अडानी ने भी बिजनेस की शुरुआत हीरे के व्यापार से ही की उन्होंने अपने मुंबई के झवेरी बाजार में अपने बिजनेस की शुरुआती तीन वर्षों के भीतर हीरे के कारोबार में लाखों रुपए कमाए थे किंगफिशर एयरलाइंस और पंजाब नेशनल बैंक के डिफॉल्टर नीरव मोदी के बाद मेहता की विनसम भारत की तीसरी सबसे बड़ी कॉरपोरेट डिफॉल्टर मानी जाती है। जहां जांच एजेंसियां ​​नीरव मोदी घोटाले में ₹6,000 करोड़ से अधिक की संपत्ति निकालने में कामयाब रही

दुनिया का मीडिया बता रहा है कि #माइक्रोसॉफ्ट के चैट #GPT और ग#ूगल के बीच #आर्टिफिशियल_टेलिजेंस को लेकर रेस चल

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दुनिया का मीडिया बता रहा है कि माइक्रोसॉफ्ट के चैट GPT और गूगल के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर रेस चल रही है भारत का मीडिया बता रहा है कि पंडोखर सरकार और बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के बीच पर्चा लिख कर श्रद्धालुओ के भविष्य भूतकाल बांचने की होड़ चल रही है  भारत का मीडिया इतना बेवकूफ पहले कभी नहीं था अब तो नित नई नई मूर्खता का प्रर्दशन मीडिया के लिए रोज की बात हो गई है  मुझे याद है कि 1995 यानी आज से कोई 28 साल पहले ठीक “गणेश चतुर्थी” के दिन देश में यह अफ़वाह फैली कि गणेश जी की मुर्तियां दूध पी रहीं हैं और पूरा देश कटोरी में दूध लेकर मंदिरों के सामने लाईन लगाकर खड़ा हो गया था। लेकिन तब मीडिया इस कदर बेवकूफ नहीं था उस वक्त “आजतक” के संस्थापक “सुरेंद्र प्रताप सिंह” के नेतृत्व में “आजतक” दूरदर्शन के डीडी मैट्रो पर आता था जिसमें सुरेंद्र प्रताप सिंह खुद एंकर बनते थे आज तक प्रोग्राम में सुरेंद्र प्रताप सिंह ने इस घटना की वैज्ञानिक व्याख्या की और पूरी पोल खोल कर रख दी। राजेश बादल ने अपने संस्मरण में लिखा है कि उन्होंने यह भी साफ किया कि आखिर गणेश जी के दूध पीने का प्रोपेगंडा करने

मेरा कुछ दिन पहले एक बन्दे के घर जाना हुआ ,जहाँ किसी की मैय्यत हुई थी ,

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मेरा कुछ दिन पहले एक बन्दे के घर जाना हुआ , जहाँ किसी की मैय्यत हुई थी ,  मै क्या देखता हूँ एक लड़का बहुत ज्यादा रो रहा है , मालूम करने पर ये पता चला कि जिनका इंतेकाल हुआ है वे इस लड़के के वालिदह थीं !      मैं हक्का बक्का एक तरफ खड़ा होकर सोचने लगा कि भरपूर जवानी के वक्त इतना बेरहम दुख इस नौजवान को आधा कर देगा ,   मुझे उसका रोना देखा ही नहीं जा रहा था , उसकी चीखें ऐसी लगती थी क्यामत ले आयेगी ,वह इकलौता बेटा था अपने मां बाप का , अचानक एक भाई साहब आगे आते हैं, वह उससे खाने का मेन्यू पूछते हैं , मै हैरान हो गया कि इस हालत में वह कैसे खाना खा सकता है ,उससे तो सही से बोला भी नहीं जा रहा है ,      बाद में पता चला कि वह उन लोगों के खाने की बात कर रहे थे जिन्हें इनके घर अफसोस करने आना था | यह हो क्या रहा है यह चल क्या रहा है इनके घर शादी या सालगिरह का फंक्शन नहीं है बल्कि एक लड़के की जन्नत उसे छोड़कर चली गयी है,बजाये इस चीज के कि हम उस घर का हौसला बने उस घर के दुख में शरीक हों उल्टा वह लोग हमारी गंदी और कभी ना मिटने वाली भूक का इंतजाम करने में लगे हैं ,  मै सोचने लगा क्या हम इस क

ज़िंदगी बहुत मुख़्तसर रही है, मगर गुज़री बहुत तवील है, इंतज़ार की हद यहाँ आकर पूरी होगी, बिलकुल पता नहीं था। इस मौज़ू पर क्या लिखूँ, समझ नहीं आ रहा है, पर ख़ुश

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ज़िंदगी बहुत मुख़्तसर रही है, मगर गुज़री बहुत तवील है, इंतज़ार की हद यहाँ आकर पूरी होगी, बिलकुल पता नहीं था। इस मौज़ू पर क्या लिखूँ, समझ नहीं आ रहा है, पर ख़ुश हूँ, इतना की अब ख़ुद को वक़्त देने को जी चाहने लगा है। हमारे यहाँ शादियाँ, सिर्फ़ लड़के और लड़की की नहीं होती है, बल्कि हम जैसे लोग हों तो 2 परिवार के बजाय खानदान की होती है। ऐसे में 2 आज़ाद लोगों के कंधे पर एकाएक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी आकर ठहर जाती है, जहां वो अपने आपको सँभालने की जगह उन लोगों की बातों को सँभालने में लग जाते हैं, जिनका काम ही कई बार, महज़ दूर खड़े होकर ताली बजाना रह जाता है। ऐसे लोग अपवाद हैं, लेकिन हर जगह हैं, और कई जगह तो सबके सब, ऐसे न हों, तो अपवाद लगने लगता है। ख़ैर, सबकुछ बहुत जल्दी तो नहीं हुआ, मगर बहुत तवील भी नहीं रहा, जिसकी ख़बर बहुत कम लोगों को थी, उन्हें ही जिन्हें बुलाया था, वजह, कुछ ख़ास नहीं थी, बस मिज़ाज हमेशा से यही था, शादी को हमेशा आसान ही रखना है, इसपर एतराज़ मत कीजिएगा, बल्कि जज़्बात समझियेगा। बहुत से लोग पूछ रहे हैं, कैसा लग रहा है! सच कहूँ तो बहुत कुछ ज़्यादा महसूस नहीं हो रहा है, लेकिन कु

बिना पैसे के पैसे कैसे कमाए?

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बिना पैसे के पैसे कैसे कमाए?  बिना पैसे लगाये ऑनलाइन पैसे कमाने के तरीके या बिना पैसे लगाए ऑफलाइन पैसे कमाने के तरीके की जानकारी जानना चाहते हैं तो इस लेख में आपको पूरी जानकारी मिलेगी और इसके अलावा और भी कई सारी जानकारी देंगे जिसके बारे में आपको जानना चाहिए |    बिना इन्वेस्टमेंट के पैसे कैसे कमाए के तो कई सारे तरीके हैं जिस तरीके को आप यूज कर कर पैसे कमा सकते हैं | लेकिन मैं आपको इस लेख में वही तरीके बताऊंगा जो सिक्योर है और उसे आप काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं तो आइए स्टेप बाय स्टेप जानते हैं बिना पैसे के पैसे कैसे कमाए या बिना पैसे की कौन सा बिजनेस करें की कंप्लीट जानकारी |  1. एफिलिएट मार्केटिंग  Affiliate Marketing ऐसा बिजनेस है जिसको आप कहीं से भी कर सकते हैं | यह काम आप ऑनलाइन काफी बेहतर तरीके से कर सकते हैं | इस काम में आप बिना पैसे लगाए इस काम को कर सकते हैं और काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं और काफी लंबे समय तक पैसे कमा सकते हैं |  इस काम को स्टार्ट करने के लिए आपके पास एक स्मार्टफोन होना चाहिए तो आज के टाइम में हर एक व्यक्ति के पास स्मार्टफोन होता है या आपके पास लैपट