जिंदगी लगातार मेहनत करने का नाम है , दौड़ धूप का नाम है जब तक इंसान जिंदा है अपनी कोशिश में लगा रहता है कुरान कहता है و أ

जिंदगी लगातार मेहनत करने का नाम है , दौड़ धूप का नाम है जब तक इंसान जिंदा है अपनी कोशिश में लगा रहता है कुरान कहता है 
و أن ليس للإنسان إلا ما سعى 
और बेशक इंसान के लिए वही है जिसकी वह जद्दोजहद करता है 
 सिर्फ इंसान ही नहीं जानवर पेड़ पौधे कायनात की हर चीज़ अपने मकसद व उद्देश्य को पूरा करने में लगे हुए हैं चिड़िया सुबह खाली पेट निकलती है और  जब शाम को लौटती है तो उस का पेट भरा हुआ होता है कुछ पक्षियां अपने जीवन की सुरक्षा के लिए हजारों मील उड़ कर साइबेरिया से भारत आती हैं और फिर उड़ कर वापस चली जाती हैं 

हमारे नबी सललाहो अलैहे वसल्लम की जिंदगी हमारे लिए रोल मॉडल है आप लगातार मेहनत करते मुसलसल जद्दोजहद में लगे रहते , दिन का जो हाल था वह कुरान के शब्दों में " ऐसा लगता है कि आप लोगों के पीछे अपनी जान दे देंगे कि वह ईमान नहीं ला रहे हैं " और रात का यह आलम था कि तहज्जुद की नमाज पढ़ते पढ़ते आप के क़दम सूज जाते थे हज़रत आयशा कहतीं कि आप इतने मेहनत क्यों करते हैं आप फरमाते कि क्या मैं अल्लाह का शुक्रगुजार बंदा न बनूं 

यह जिंदगी का फ़लसफ़ा है कि मेहनत करते हुए शुक्र अदा करना है तभी इंसान कामयाब होगा मेहनत छोड़ कर जिम्मेदारियों से भाग कर मस्जिद या खानकाह के किसी किनारे बैठ कर शुक्र अदा करने में कामयाबी नहीं है और न ही यह हमारे रसूल सलललाहो अलैहे वसल्लम का तरीका है हमारे नबी सललाहो अलैहे वसल्लम की जिंदगी हमें सिखाती है कि कामयाबी का शार्टकट नहीं होता है कामयाबी के लिए मेहनत ही एक रास्ता है 

हज़रत उमर का कौल है कि " आसमान से सोने चांदी की बारिश नहीं होती " उस के लिए मेहनत करनी पड़ती है ।

इस्लाम हमें सिखाता है कि मेहनत बेकार नहीं जाती आज नहीं कल उस का फ़ल ज़रूर मिलेगा 


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