भगोड़े जतिन मेहता को इतनी सहुलियते देना अदानी जी के समधी को मोदी सरकार वीआईपी ट्रीटमेंट देना सिद्ध करता है कि दाल में कुछ काला

क्या आपको कभी आश्चर्य नहीं होता कि विजय माल्या को तो पकड़ने की इतनी कोशिशें की जा रही है लेकिन ऐसे ही भगोड़े जतिन मेहता को पकड़ने के लिए मोदी सरकार ने कभी इंट्रेस्ट नही दिखाया ?

क्या ऐसा इसलिए है कि गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी जतिन मेहता के समधी है !!!

सन् 2012 में मेहता ने उदयपुर में अपने बेटे सूरज की शादी विनोद शातिलाल अडानी की बेटी कृपा से की थी। इस शादी में कैटरीना कैफ ने भी परफॉर्मेंस दी थी 

जतिन मेहता का फैमिली बिजनेस हीरे का व्यापार था आपको जानकार आश्चर्य होगा कि अदानी समूह आज से 15 - 20 साल पहले तराशे और पॉलिश किए गए हीरों का सबसे बड़ा एग्रीगेटर हुआ करता था-

खुद गौतम अडानी ने भी बिजनेस की शुरुआत हीरे के व्यापार से ही की उन्होंने अपने मुंबई के झवेरी बाजार में अपने बिजनेस की शुरुआती तीन वर्षों के भीतर हीरे के कारोबार में लाखों रुपए कमाए थे

किंगफिशर एयरलाइंस और पंजाब नेशनल बैंक के डिफॉल्टर नीरव मोदी के बाद मेहता की विनसम भारत की तीसरी सबसे बड़ी कॉरपोरेट डिफॉल्टर मानी जाती है। जहां जांच एजेंसियां ​​नीरव मोदी घोटाले में ₹6,000 करोड़ से अधिक की संपत्ति निकालने में कामयाब रहीं, वहीं उन्हें विनसम डायमंड की संपत्तियों के मामले में कोई सुराग नहीं मिला।

जतिन मेहता ने अपने बेटे सूरज के साथ डायमंड इंडिया लिमिटेड नाम की कंपनी शुरू की थी. जो विदेशों से हीरे भारत लाकर उनकी पॉलिशिंग का काम करती थी. विनसम ग्रुप की कंपनियां अलग-अलग बुलियन बैंक से गोल्ड और डायमंड खरीदती थी. इसी तरह फर्जी क्रेडिट लाइन का इस्तेमाल कर मेहता परिवार ने 7 कंपनियों को 7 से 8 हज़ार करोड़ का चूना लगा दिया

जतिन मेहता को ही विजय माल्या के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा डिफॉल्टर घोषित किया गया. दरअसल, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की अंडरटेकिंग पर बैंकों ने विनसम ग्रुप को 7000 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था. इसमें भी पीएनबी ने सबसे ज्यादा 1800 करोड़ का कर्ज दिया था.

जतिन मेहता को भी मोदी सरकार ने भागने का मौका मुहैया करवाया 

मेहता के खिलाफ गंभीर आरोप होने के बाद भी गृह एवं विदेश मंत्रालय ने पुलिस से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बगैर उसे नागरिकता छोड़ने और विदेश भागने की अनुमति दी गई, सीबीआई ने उसके खिलाफ़ पहली प्राथमिक शिकायत आने के साढ़े तीन वर्ष बाद मामला दर्ज किया वो भी तब जब वो और उसका पूरा परिवार विदेश में सेटल हो गया 

हालांकि देनदारो ने लंदन की अदालत में उसके खिलाफ़ मुकदमा दर्ज किया लेकिन भारत सरकार ने इस में कोई रुचि नहीं ली 

2022 में मशहूर बिजनेस जर्नलिस्ट सुचेता दलाल ने मनी लाइफ में लिखे लेख में बताया कि सीबीआई ने जो मार्च 2021 में एक 'लंबी' क्लोजर रिपोर्ट दायर की उसके अनुसार सीबीआई की आपराधिक कार्यवाही 'अनसुलझी' लेकिन 'बंद' थी, इस रिपोर्ट पर लंदन की अदालत ने ज्यादा भरोसा करने से इनकार कर दिया। 

जतिन मेहता ने इसी का फायदा लेते हुए ब्रिटेन की अदालत में तर्क दिया कि ऋणदाताओं के संघ के 14 भारतीय बैंकों ने अंतरराष्ट्रीय मुकदमेबाजी में भाग लेने से इनकार कर दिया था और न ही उन्होंने धोखाधड़ी का सबूत जमा किया था।

साफ़ था कि जतिन मेहता को भारत के अंदर से मदद की जा रही है 

आज तक सीबीआई ने मेहता के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस तक इश्यू नही करा पाई है

भगोड़े जतिन मेहता को इतनी सहुलियते देना अदानी जी के समधी को मोदी सरकार वीआईपी ट्रीटमेंट देना सिद्ध करता है कि दाल में कुछ काला जरूर है यदि जतिन मेहता पकड़ा जाता है तो अडानी की तरक्की के सारे राज बाहर आ जाएंगे ....

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