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हमारी एक परिचित महिला हैं बड़ी जाति की हैं अमीर हैं एक गांधीवादी संस्था की प्रमुख हैं

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हमारी एक परिचित महिला हैं  बड़ी जाति की हैं अमीर हैं एक गांधीवादी संस्था की प्रमुख हैं  उन्होंने बताया कि उन्हें बड़ी समस्या हो रही है  मैंने पूछा क्या समस्या है ? तो वो बोलीं कि मैं शुरू से ही सुबह सुबह गांधी समाधी राजघाट घूमने जाती हूँ  लेकिन कुछ सालों से वहाँ मुसलमान बड़ी संख्या में आने लगे हैं  मुझे यह सुन कर हंसी आई  मैंने पूछा कि वे आपको कुछ परेशान करते हैं क्या ? उन्होंने कहा नहीं परेशान तो नहीं करते लेकिन चारों तरफ उन्हें घूमते देख कर बड़ी परेशानी होती है  यह परेशानी बहुत सारे हिन्दुओं की है  मैं मुज़फ्फर नगर बहुत वर्षों के बाद गया  सुबह सुबह कम्पनी बाग़ गया तो मैंने बाग़ में बहुत सारे दाढ़ी वाले मर्दों और हिज़ाब वाली महिलाओं को घुमते हुए पाया  मैं मुज़फ्फर नगर का ही रहने वाला हूँ  जब मैं बच्चा था तब इतने मुसलमान कम्पनी बाग़ में घूमने नहीं आते थे  मैं सोचने लगा कि इसकी क्या वजह हो सकती है ? असल में हुआ यह है कि बस्तियों में रहने वाले आम मुसलमान पहले ज़्यादातर गरीब थे  इसका ऐतिहासिक कारण यह है कि भारत के दलित ही समानता की तलाश में मुसलमान बने थे  भारत में धर्म और राज्यसत्ता की मदद से सवर्ण

एक कहानी सुनेंगे ???क्रिकेट की चमक-दमक के पीछे एक इंसान के टूटकर बिखर जाने और बाद में फिर से खड़े

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एक कहानी सुनेंगे ??? क्रिकेट की चमक-दमक के पीछे एक इंसान के टूटकर बिखर जाने और बाद में फिर से खड़े होकर इस दुनिया की नज़र से नज़र मिलाने की कहानी है  यह अफ़घानिस्तान क्रिकेट टीम के मुख्य कोच जोनेथन ट्रोट है  हमारी कहानी इनके इर्द-गिर्द घुमती है !! तो कहानी यह है बंधु कि साल था 2013-14…इंग्लैंड क्रिकेट टीम को बहुचर्चित ashes श्रृंखला खेलने के लिये आस्ट्रेलिया का दौरा करना था ……दूसरी तरफ़ मेज़बान आस्ट्रेलिया बॉडीलाईन-2 करने के लिये बेसब्री से तैयार था !! उस वक्त के औस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने औस्ट्रेलियाई क्रिकेट बॉर्ड से दरखास्त करी थी कि मुझे अपनी तेज गेंदबाज़ी आक्रमण के बलबूते अंग्रेज बल्लेबाज़ी को तहस नहस कर देना है ….इसलिये मुझे पूरी श्रृंखला में पीच तेज तर्रार और उछाल से भरी पिच चाहिये !! यह बात उस दौर की है जब विशेषकर इसी श्रृंखला के लिये तेज गेंदबाज़ जोनसन ने अपनी upper body में स्ट्रेंथ भरकर 150 kmph की गति हासिल कर ली थी !! क्लार्क का जोनसन को सीधा संदेश था कि इन पिचों पर इंग्लिश बल्लेबाज़ों को ना केवल आऊट करना है , बल्कि गेंद को बंदूक़ की गोली की तरह इस्तेमाल करते ह

सनी देओल उन दिनों मुश्किल वक्त से गुज़र रहे थे। उनकी डकैत और राम अवतार

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सनी देओल उन दिनों मुश्किल वक्त से गुज़र रहे थे। उनकी डकैत और राम अवतार फ्लॉप हो चुकी थी। उन्हें तलाश थी एक सुपरहिट फिल्म की। राजकुमार संतोषी ने जब उन्हें घायल की कहानी सुनाई तो वो बहुत खुश हुए। क्योंकि उन्हें इस कहानी में दम लग रहा था। मगर एक परेशानी थी। प्रोड्यूसर ए.सुब्बा राव चाहते थे कि सनी देओल को अपनी फीस कम करनी होगी। दरअसल, राजकुमार संतोषी को इस फिल्म के लिए कोई प्रोड्यूसर नहीं मिल रहा था। चूंकि राजकुमार संतोषी गोविंद निहलानी के असिस्टेंट थे तो लगभग सभी प्रोड्यूसर ये मान चुके थे कि राजकुमार संतोषी तो कोई आर्ट फिल्म बनाएंगे। और आर्ट फिल्मों से कमाई कुछ खास होती नहीं है।  बड़ी मुश्किल से ए.सुब्बा राव इस फिल्म को प्रोड्यूस करने को तैयार हुए थे। हालांकि वो चाहते थे कि फिल्म में संजय दत्त को हीरो लेना चाहिए। मगर संजय दत्त के पास फुर्सत नहीं थी इस फिल्म में काम करने की। इसलिए राजकुमार संतोषी ने उन्हें राज़ी किया था कि सनी देओल को ही हीरो लेना चाहिए। पर चूंकि सुब्बा राव खुद उन दिनों आर्थिक परेशानियों में फंसे थे और उनके पास भी फंड की कमी थी तो वो चाहते थे कि सनी देओल अपनी फीस कम करें।

जब अमिताभ हेयरकट, राजेश हेयरकट से महंगा हो गया

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जब अमिताभ हेयरकट, राजेश हेयरकट से महंगा हो गया राजेश खन्ना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने ऋषिकेश मुखर्जी से कहा था, उनका दौर बीत चुका है, ये (अमिताभ बच्चन) रहा कल का सुपरस्टार। तब तक अमिताभ बच्चन का कान को ढंकने वाला हेयरस्टाइल सुपरहिट हो चुका था। मुंबई के हेयर कटिंग सैलून्स के बाहर बोर्ड लग चुके थे। राजेश खन्ना हेयर कट 2 रुपए और अमिताभ बच्चन हेयर कट 3.50 रुपए। जब डिंपल से सिर्फ इतना पूछते थे - बच्चों ने आज क्या किया? राजेश खन्ना की जिंदगी में एक दौर ऐसा आया जब उन्होंने खुद को 14 महीनों तक घर में कैद कर लिया था। उन्हें सिगरेट और शराब की लत लग चुकी थी। उनकी पत्नी डिंपल चाहती थीं वो उनसे बात करें, लेकिन वो कुछ नहीं बोलते थे। लगातार सिगरेट पीते रहते थे। बस इतना पूछते थे-'बच्चों ने आज क्या किया?' दरअसल, शादी के कुछ सालों बाद ही राजेश खन्ना और डिंपल के रिश्तों में दरार आ गई थी। डिंपल अपनी दोनों बेटियों ट्विंकल और रिंकी को लेकर घर छोड़कर चली गई थीं। हालांकि, इन्होंने कभी तलाक नहीं लिया था। रोने के लिए नहीं लगाते थे ग्लिसरीन राजेश खन्ना इतने नैचुरल एक्टर थे कि उन्होंने फिल्मों

सस्ती सी एक क़मीज़ पहने एक लड़का यूपी रोडवेज़ के बस में चढ़ा कोई सीट ख़ाली नहीं थी। तो पीछे जाकर खड़ा हो गया। और फिर अचानक से फुट

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सस्ती सी एक क़मीज़ पहने एक लड़का यूपी रोडवेज़ के बस में चढ़ा कोई सीट ख़ाली नहीं थी। तो पीछे जाकर खड़ा हो गया। और फिर अचानक से फुट फुटकर रो पड़ा। जितना ख़ुद को रोकने की कोशिश करता उतना ही रोना आता। कंडक्टर ने उसे पानी पिलाई और किराया लेनें से मना कर दिया। मगर लड़का देने पर अड़ा रहा। और रोते रोते अगले स्टॉप पे उतर गया। फ़ोन पे बहन की रिंग बज रही थी। उसने उठाया और रो पड़ा कि "दीदी मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ। कोचिंग वालों ने कहा है की मैं बड़ा टीचर नहीं बन सकता। उधर से बहन ने डाँटा। रोना बंद करो, एक दिन तुम्हें इससे भी बड़ा बनना है अलख पांडेय। लड़का चुप हो गया। बहन की प्रेमभरी डाँट ने दावानल को शांत कर दिया। कट टू 2022  उत्तरप्रदेश का फ़िज़िक्सवाला बना यूनिकॉर्न की खबरें तैरने लगीं। जगह जगह अलख पांडेय के इंटरव्यू होने लगे। पर ये सबकुच्छ आसान नहीं था। अलख के पिता बेहद निश्छल हृदय थे। इसी निश्छलता में सबकुछ गँवा बैठे। घर तक बिक गया। बहन अठारह हज़ार की जॉब करती उसमे अपना, भाई का और घर का तीनों खर्च उठाती। 2016 में अलख ने यूट्यूब पर पढ़ाना शुरू किया। शुरू में सफलता नहीं मिली लेकिन एकबार म

फुटबॉल का हर आयोजन हमें कोई न कोई हीरो देकर जाता है। यूरो-2024 के सबसे बड़े हीरो

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फुटबॉल का हर आयोजन हमें कोई न कोई हीरो देकर जाता है। यूरो-2024 के सबसे बड़े हीरो क्रिश्चियन एरिक्सन हैं। इसलिए नहीं कि एरिक्सन में रोनाल्डो जैसी चपलता है या मैसी जैसे सुपरस्किल्स हैं, बल्कि इसलिए कि 32 वर्षीय एरिक्सन हमें ज़िंदगी जीने का हौंसला देते हैं। अभी तीन साल पहले की ही तो बात है। 12 जून 2021 को एरिक्सन डेनमार्क की तरफ से फिनलैंड के ख़िलाफ मैच में खेलने उतरे। मैच हाफ टाइम की तरफ बढ़ रहा था। दोनों टीमें अभी 0-0 की बराबरी पर थी तभी मैदान पर एक अनहोनी घटना घटी। पांच बार डेनमार्क के प्लेयर ऑफ द इयर रहे क्रिश्चियन एरिक्सन अचानक गिर पड़े। मैच रोका गया। मेडिकल टीम मैदान पर आई और पता चला कि एरिक्सन को दिल का दौरा पड़ा है। प्राथमिक चिकित्सा के बाद उन्हें तुरंत मैदान से अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टरों का डर सही निकला। एरिक्सन को दिल का दौरा पड़ा था।  उनका ऑपरेशन किया गया और इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर इंसर्शन के बाद घर भेज दिया गया। लोगों ने मान लिया कि एरिक्सन का फुटबाल करियर अपने चरम पर पहुंचने से पहले ख़त्म हो गया।  एरिक्सन उस वक़्त 28 साल के थे और इटालियन लीग में इंटर

आजकल रेस्टोरेंट वाले आपको लूटने के लिए एक नया पैंतरा अपना रहे हैं जितना जल्दी हो सके इसके बारे में जान जाइए

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आजकल रेस्टोरेंट वाले आपको लूटने के लिए एक नया पैंतरा अपना रहे हैं जितना जल्दी हो सके इसके बारे में जान जाइए  आपने देखा होगा कि आजकल आप किसी भी रेस्टोरेंट में जाएं तो वहां पर आपको खाने के साथ पीने के पानी की जगह डिब्बा बंद मिनरल वाटर दिया जाता है  और इस मिनरल वाटर की कीमत मार्केट में मिलने वाले साधारण मिनरल वाटर से कुछ ज्यादा रहती है  लेकिन आपको बता दें वास्तव में यह मिनरल वाटर होता है ही नहीं है यह होता है पैक्ड ड्रिंकिंग वॉटर  यदि आप चार लोग खाना खाने जा रहे हैं तो यकीन मानिए आपको चार अलग-अलग बोतल दी जाएगी और इसका पैसा आपसे ही लिया जाएगा  यह बोतल भी आधे लिटर की होती है ताकि आपके जेब से पैसे ढीले होते रहे पर आपकी प्यास ना बुझे  और हम होते हैं ग्राहक और इन रेस्टोरेंट में जाने वाले ज्यादा तो लोग मिडिल क्लास फैमिली से होते हैं और मिडिल क्लास फैमिली की एक खास बात होती है की प्राण चला जाए पर इज्जत ना जाए और अपनी इज्जत को बचाने के लिए मुफ्त में मिलने वाले पानी के लिए भी₹35 देने को तैयार रहते हैं  और ऊपर से एक शख्स के लिए एक बोतल चाहिए ऐसा भी नहीं कि इसमें शेयरिंग की जा सके क्योंकि मामला यहां

आजकल रेस्टोरेंट वाले आपको लूटने के लिए एक नया पैंतरा अपना रहे हैं जितना जल्दी हो सके इसके बारे में जान जाइए

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आजकल रेस्टोरेंट वाले आपको लूटने के लिए एक नया पैंतरा अपना रहे हैं जितना जल्दी हो सके इसके बारे में जान जाइए  आपने देखा होगा कि आजकल आप किसी भी रेस्टोरेंट में जाएं तो वहां पर आपको खाने के साथ पीने के पानी की जगह डिब्बा बंद मिनरल वाटर दिया जाता है  और इस मिनरल वाटर की कीमत मार्केट में मिलने वाले साधारण मिनरल वाटर से कुछ ज्यादा रहती है  लेकिन आपको बता दें वास्तव में यह मिनरल वाटर होता है ही नहीं है यह होता है पैक्ड ड्रिंकिंग वॉटर  यदि आप चार लोग खाना खाने जा रहे हैं तो यकीन मानिए आपको चार अलग-अलग बोतल दी जाएगी और इसका पैसा आपसे ही लिया जाएगा  यह बोतल भी आधे लिटर की होती है ताकि आपके जेब से पैसे ढीले होते रहे पर आपकी प्यास ना बुझे  और हम होते हैं ग्राहक और इन रेस्टोरेंट में जाने वाले ज्यादा तो लोग मिडिल क्लास फैमिली से होते हैं और मिडिल क्लास फैमिली की एक खास बात होती है की प्राण चला जाए पर इज्जत ना जाए और अपनी इज्जत को बचाने के लिए मुफ्त में मिलने वाले पानी के लिए भी₹35 देने को तैयार रहते हैं  और ऊपर से एक शख्स के लिए एक बोतल चाहिए ऐसा भी नहीं कि इसमें शेयरिंग की जा सके क्योंकि मामला यहां

MANUU awards PhD to Amatur Rehman Maimoona

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MANUU awards PhD to Amatur Rehman Maimoona Hyderabad: Maulana Azad National Urdu University (MANUU) has declared Ms. Amatur Rehman Maimoona D/o Mr. Mohammed Ashraf Ali Khan qualified in Doctor of Philosophy in Education. She has worked on the topic "Psychological Well-being, Resilience and Emotional & Social Intelligence among In-Service Teachers" under the supervision of Dr. Indrajeet Dutta, Asst. Professor, College of Teacher (CTE) Bhopal. Dr. Badarul Islam, CTE Aurangabad and Dr. Sakkeer V, CTE Bhopal are her Co-supervisors. The viva-voce was held on 25th April, 2024. #MANUU #IMCMANUU #NCPUL #Urdu #DistanceEducation #UGC #AMU #DU #JMI #OU #HCU #EFLU #SWAYAM #Swayamprabha #IITDelhi #BU #JNTUHyderabad #mcj #MassCommunication #UNICEF #Immunisation #communityleaders #AdmissionsOpen #Admissions

विराट कोहली जैसा बल्लेबाज़ जिसका फ्लॉप प्रदर्शन भी बाकियों के पीक प्रदर्शन से भी

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विराट कोहली जैसा बल्लेबाज़ जिसका फ्लॉप प्रदर्शन भी बाकियों के पीक प्रदर्शन से भी अच्छा रहा। विराट कोहली के बल्ले से सिर्फ शतक क्या आने बंद हो गए थे। तमाम पूर्व क्रिकेटर ने विराट कोहली की आलोचना शुरु कर दी। उनकी कप्तानी छीनी जानें की वकालत तेज कर दी। सन्यास लेने की सलाह देने लगे। जिसका कही न कही इंपैक्ट BCCI पर भी दिखा। जो विराट कोहली अकेले भारत की फ्लॉप बल्लेबाजी को अपने आउट ऑफ़ फॉर्म में ढो रहा था। उस से उनको बिना बताए कप्तानी छीन ली गई।उसके बारे में मिडिया में भी विराट कोहली को दोषी ठहराया गया। की कोहली की वजह से टीम में तरार है। टीम में अलग अलग खेमे बन गए ड्रेसिंग रूम में तनाव है। विराट कोहली शांत रहे टेस्ट कप्तानी भी छोड़ दी। केवल अपने खेल पर ध्यान दिया.... विराट कोहली इतना टूट गए थे RCB तक की कप्तानी छोड़ दी थी और केवल अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान दिया और अपनी जो भी कमियां थी उनमें सुधार किया.... विराट कोहली vs BCCI में विराट कोहली का समर्थन करने कोई भी पूर्व क्रिकेटर या फिर कोई खिलाड़ी नही आया... समय बदला और विराट कोहली के बल्ले से शतकों की बारिश शुरू हो गईं। वही सब ठीक चल रहा था। 202

कोहली पुरानी वाली बुलेट हैं.. जो थोड़ी देर आराम से चलते हैं, धीरे धीरे गरम होते

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कोहली पुरानी वाली बुलेट हैं.. जो थोड़ी देर आराम से चलते हैं, धीरे धीरे गरम होते हैं, जब गरम हो जाते हैं तो हवा से बातें करते हैं..  कोहली अभी तक इस सीजन में टॉप स्कोरर हैं..  शायद वही ऑरेंज कैप होल्डर भी रहेंगे। कंसिस्टेंट रन बना रहे हैं लेकिन उनका कम से कम 80+ रन बने तो उनका स्ट्राइक रेट सुधरता है। वरना strike रेट 150+ मुश्किल हो जाता है.. और चाहिए कम से कम 250 का स्ट्राइक रेट...  लेकिन यही कोहली का नेचुरल गेम है.. इसीलिए वो एकदिवसीय मैचों के बेजोड़ प्लेयर हैं.. ! इस वक्त कोहली टीम के मैच विनिंग एफर्ट सब पर भारी हैं.. वो अकेला ही एक सीजन में दो बड़े प्लेयर के बराबर रन बना सकता है., अकेले एक सीजन में लगभग हजार रन बना देता है फिर भी टीम चोकर साबित हो जाती है क्योंकि बिना टीम के कुछ नही हो सकता। हैदराबाद जिसको पाती है इतना बूक देती है कि सामने वाला गर्दा हो जाता है। दो लेफ्ट हैंड ओपनर पिच धीमी हो या तेज, उनका एवरेज ही 15+ रहता है.. kkr सबसे बड़ी मजबूती उसका टीम मैनेजमेंट है जो अपने मालिक के मकसद को नही भूलती.. सबसे ज्याद हल्की टीम राजस्थान इस बार भी अपने बेहतरीन लय में है.. किसी को भी स्मैश

साल था 2014।वो टूर्नामेंट में सर्वाधिक 23 विकेट लेने वाला बॉलर था। उसके सर पर पर्पल कैप काबिज़ थी।चेन्नई सुपर किंग्स का प्रमुख बॉलर देखते

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तो साल था 2014।वो टूर्नामेंट में सर्वाधिक 23 विकेट लेने वाला बॉलर था। उसके सर पर पर्पल कैप काबिज़ थी।चेन्नई सुपर किंग्स का प्रमुख बॉलर देखते ही देखते फैंस का चहेता बन चुका था। लगातार 2 साल भारत के लिए 2 वर्ल्ड कप खेल गया।और फिर........ कहते हैं zindagi इम्तिहान लेती है। बड़ी मुश्किल से आपको कुछ देती है।लेकिन जब वो लेने पर आती है तो कहीं का नहीं छोड़ती है। राजा रंक हो जाया करते हैं।जिसका नाम हो,वो गुमनाम हो जाया करते हैं।कुछ ऐसा ही हुआ उसके साथ भी।फिर दोबारा कभी नीली जर्सी पहननी नसीब नहीं हुई।और तो और, समा इतना खराब आ गया कि आईपीएल टीमों ने उसे लेने तक में रूचि नहीं दिखाई।मतलब कितना बुरा डाउनफॉल किसी का हो सकते है। आप और हम तो सोच भी नहीं सकते कि कितना स्ट्रगल रहा होगा,कितने मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा होगा उसे,जब एक क्वालिटी प्लेयर के साथ ऐसा सलूक हुआ।आज हम Dramatic Downfall के 7वें एपिसोड में बात करेंगे मोहित शर्मा की। जो देखते ही देखते आंखों से ओझल हो गए। पर्पल कैप होल्डर से नेट बॉलर बन गए।और जानेंगे फिर दास्तां कमबैक की। मोहित शुरू से ही एक मेहनती खिलाड़ी रहे जिसने हमेशा ही अपनी स्ट्

आज हम आपसे बात करने जा रहे हैं पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एडम गिलक्रिस्ट

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आज हम आपसे बात करने जा रहे हैं पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एडम गिलक्रिस्ट की यूं तो एडम गिलक्रिस्ट ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत को साल 2008 में ही अलविदा कह दिया है, लेकिन किताबों पर धूल जम जाने से इतिहास नहीं मिटा करते । खेल के मैदान में उनके द्वारा किए गए कारनामों को क्रिकेट जगत में आज भी जोर शोर से सराहा जाता है।दोस्तों, एडम गिलक्रिस्ट का जन्म 14 नवंबर साल 1971 को Bellingen, New South Wales Australia में हुआ, उनका पूरा नाम Adam Craig Gilchrist है। वे अपने चार भाइयों में सबसे छोटे हैं उनके पिता का नाम stanly Gilchrist और माता का नाम June Gilchrist है। लोगों ने प्यार से wingnut और churchy भी बुलाते हैं, इसके अलावा क्रिकेट जगत में भी उनका एक बहुचर्चित उपनाम है जी हां दोस्तों क्रिकेट जगत में प्यार से उन्हें “गिली” नाम से भी संबोधित किया जाता है। गिलक्रिस्ट ने अपनी शुरुआती दौर की पढ़ाई Deniliquin पब्लिक स्कूल से की और यही उन्होंने अपने अंदर छिपे क्रिकेट के हुनर को पहली बार पहचाना जब उन्होंने अपने स्कूल की तरफ से खेलते हुए Brian Taber Shield अपने नाम की जो कि New South Wales के क्रिकेटर B

जब राम मंदिर का उदघाटन हुआ था— तब जो माहौल बना था, सोशल मीडिया

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जब राम मंदिर का उदघाटन हुआ था— तब जो माहौल बना था, सोशल मीडिया पर, मेनस्ट्रीम मीडिया पर, आसपास की दुनिया में… आहहहह! अदभुत, टीवी भक्तिमय आस्था चैनल हो चुके थे, सोशल मीडिया पर विरोधी पाले में खड़े सेकुलर भी और कुछ नहीं तो मूर्ति के बहाने ही लहालोट हुए ले रहे थे, हर तरफ़ रामनामी भगवा झंडे छतों पर सजे हुए थे— एकदम रामराज्य वाली फीलिंग आ रही थी। उस टाईम बतौर विपक्षी जो पर्सेप्शन बना कि बस, अब शहंशाह को कुछ और करने की ज़रूरत नहीं— इतना ही काफी है तीसरे कार्यकाल के लिये। साउथ के चार राज्यों को छोड़ बाकी देश की 90% सीटें तो राजा जी के खाते में जाते दिख ही रही थीं— उस तूफ़ान में दस पर्सेंट सीटें बस खास बड़े विपक्षी नेताओं की ही बचनी थी। उस माहौल को देखते, उस कैलकुलेशन के हिसाब से साहब और साहब के नौनिहालों को कहने की जरूरत ही नहीं थी कि अबकी पार— चार सौ पार। हमने ही मान लिया था कि चार सौ पार ही होनी हैं— फिर चाहे संविधान की लंका लगायें या लोकतंत्र की, सब उनके हवाले। फिर थोड़ा समय गुज़रा— चुनावी घोषणा हुई। नेताओं ने अपनी चोंच खोलनी शुरू की, लेकिन जनता का उत्साह गायब था। पहला चरण घोर उदासीनता में

वेस्टइंडीज विश्व क्रिकेट का एकमात्र ऐसा नाम जो एक से ज्यादा देशों को रिप्रेजेंट करता है। वेस्टइंडीज क्रिकेट ने विश्व क्रिकेट को टेस्ट क्रिकेट में अपने

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वेस्टइंडीज विश्व क्रिकेट का एकमात्र ऐसा नाम जो एक से ज्यादा देशों को रिप्रेजेंट करता है। वेस्टइंडीज क्रिकेट ने विश्व क्रिकेट को टेस्ट क्रिकेट में अपने इतिहास का सबसे खूंखार पेस अटैक दिया था साथ ही क्रिकेट के सबसे लंबे फोर्मेट में इसके पास एक से बढ़कर एक शानदार बल्लेबाज भी रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट में वर्षों तक अपनी धाक जमाने वाली वेस्टइंडीज क्रिकेट वनडे में अपनी ख्याति के मुताबिक कभी नजर नहीं आई और फिर टी20 क्रिकेट में वेस्टइंडीज क्रिकेट की शाख को एक बार फिर स्थापित करने में बल्लेबाज और गेंदबाजों से ज्यादा आलराउंडर्स की भूमिका ज्यादा रही थी, इस लिस्ट में कुछ ऐसे नाम भी शामिल हैं जिन्होंने अपने देश को फिर से विश्व क्रिकेट के ‌बराबर लाकर खड़ा कर दिया था और एक ऐसे ही चैम्पियन क्रिकेटर का नाम ड्वेन ब्रावो है। DJ Bravo डीजे ब्रावो का शुरुआती जीवन- ड्वेन जोन ब्रावो का जन्म 7 अक्टूबर साल 1983 को त्रिनिदाद एंड टोबैगो के सेंटाक्रूज कस्बे में हुआ था। इनके पिता का नाम जोन ब्रावो और मां का नाम जसलीन ब्रावो है। डेरेन ब्रावो इनके सौतेले भाई है और इसके अलावा ड्वेन ब्रावो की चार बहनें भी है। अरंगुएज सी

"ये ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट है, यहां दूसरा मौका किसी को भी नहीं मिलता"। जिस बोर्ड का एक हाई ऑफिशियल अपने प्लेयर्स के चोटिल होने के बाद टीम में वापस नहीं लिए जाने पर ये बोलता हो। उस बोर्ड और मैनेजमेंट

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"ये ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट है, यहां दूसरा मौका किसी को भी नहीं मिलता"। जिस बोर्ड का एक हाई ऑफिशियल अपने प्लेयर्स के चोटिल होने के बाद टीम में वापस नहीं लिए जाने पर ये बोलता हो। उस बोर्ड और मैनेजमेंट से एक प्लेयर को बार-बार चांस देने की कोई ख़ास उम्मीद रह नहीं जाती है। मगर, जब प्लेयर में टैलेंट और ताक़त बेहिसाब हो। तो, ऑस्ट्रेलिया जैसे सख़्त बोर्ड को भी दिल नर्म करना पड़ता है। बिल्कुल वैसे ही, जैसे उन्होंने वर्ल्ड क्रिकेट के 'हल्क' यानी मार्कस स्टोइनिस के केस में किया। वो मार्कस स्टोइनिस जिन्हें कुछ दिन पहले एक ताक़तवर, मगर नासमझ खिलाड़ी कहा जाता था। वो मार्कस स्टोइनिस जिन्हें ऑस्ट्रेलिया ने अपनी फ्यूचर स्कीम से बाहर कर दिया था। वो मार्कस स्टोइनिस जिनका कैरियर सिर्फ़ फ्रैंचाइज़ क्रिकेट में दिख रहा था। मगर, उन्होंने हार नहीं मानी। अपने आप को टीम की ज़रूरत के हिसाब से ढालते हुए ख़ुद को सँवारा और आज वो ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट की रीढ़ बन गए हैं। वो रीढ़ जिसके बिना ऑस्ट्रेलियाई टीम का हाल, बेहाल होने में वक़्त नहीं लगता है। तो चलिये! इस तरह का औरा रखने वाले खिलाड़ी के बारे में डिटेल में जानते

जिन्हें ये गलतफहमी है कि इस बार महँगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और बेतहाशा बढ़ते

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जिन्हें ये गलतफहमी है कि इस बार महँगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और बेतहाशा बढ़ते हुए अपराध 2024 लोकसभा-चुनाव में फैक्टर बनेंगे और भाजपा सत्ता से बेदखल हो जाएगी, वो तुरंत ही किसी अच्छे मनोचिकित्सक से अपना इलाज़ कराएं। बिल्कुल यकीन मानिए भाजपा पहले से बेहतर रिजल्ट ला सकती है, "अबकी बार 400 पार" ये महज जुमला नहीं है. भाजपा के रणनीतिकारों ने वोटर्स की नब्ज़ को टटोला है और अंधभक्ति वाली बीमारी को सबसे चरम स्टेज पर पाया होगा, जो हमें चलते-फिरते नंगी आँखों से भी दिख रहा है। आपको अगर लगता है कि ये "इलेक्टोरल बॉन्ड्स" वाला चंदे का गोरखधंधा भाजपा को कोई नुकसान पहुंचाएगा तो आप बड़े मासूम हैं क्योंकि जब पुलवामा में सैनिकों की शहादत, कोरोना महामारी में ला'शों के अंबार, नोटबन्दी में भूखों म'रते परिवार उनके लिए बंपर वोटबैंक बनकर उभरे थे तो ये इलेक्टोरल बांड तो वैसे भी अंधभक्तों की समझदानी में घुसने से रहा, वो तो साफ बोलते हैं कि इसमें जनता का क्या नुकसान है? आप उन्हें ये भी नहीं समझा सकते कि 60 हजार की बाइक आज सवा लाख की क्यों हो गई या 60 रुपये में मिलने वाला किसी टेबलेट का पत्त