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सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली में से कौन ज्यादा बेहतर व्हाइट बॉल का बैट्समैन है ये बहस हमेशा चलती रहेगी। वैसे तो कभी भी 2 लीजेंड्स

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सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली में से कौन ज्यादा बेहतर व्हाइट बॉल का बैट्समैन है ये बहस हमेशा चलती रहेगी। वैसे तो कभी भी 2 लीजेंड्स को कंपेयर नहीं करना चाहिए, क्योंकि किसी एक को बेहतर बताने से दूसरे की सेवाओं को धूमिल करने जैसा हो जाएगा। लेकिन जब 2 मंहगे मोबाइल में से हमें सिर्फ एक चूज करना हो तो हम देखते हैं कि किसमें ज्यादा फीचर हैं, किसका बैट्री बैकअप ज्यादा है या किसका कैमरा ज्यादा अच्छा है..! उसी प्रकार व्हाइट बॉल क्रिकेट के 2 महान खिलाड़ियों की बात की जाए तो विराट कोहली में सचिन तेंदुलकर से ज्यादा फीचर्स पाये जाते हैं, कुछ फीचर्स सचिन में भी ऐसे थे जो विराट में नहीं हैं लेकिन फिर भी विराट व्हाइट बॉल क्रिकेट में थोड़े ही सही लेकिन आगे निकल जाते हैं। जब महत्वपूर्ण मौकों पर टीम को विराट की जरूरत होती है तब विराट कोहली उन मौकों पर टीम के साथ खड़े दिखाई देते हैं..! ये कोई एक दो बार की बात नहीं है, बल्कि विराट कोहली कई बार पहले भी ये कर चुके हैं..! चेज करते वक्त विराट कोहली एक अलग ही खिलाड़ी बन जाते हैं, इसीलिए उन्हें चेज मास्टर कहा जाता है। विराट कोहली ने जो आज किया वो पहली बार नहीं किय

पाकिस्तान लाख कोशिश कर ले नहीं जीत पाएगा वर्ल्ड कप, ये 5 कमियां बाबर एंड कंपनी को डुबो देंगी!

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पाकिस्तान लाख कोशिश कर ले नहीं जीत पाएगा वर्ल्ड कप, ये 5 कमियां बाबर एंड कंपनी को डुबो देंगी! वर्ल्ड कप 2023 में पाकिस्तानी टीम अपना पहला मैच नेदरलैंड्स से खेलने वाली है. हैदराबाद में होने वाला ये मुकाबला पाकिस्तान के लिए आसान माना जा रहा है क्योंकि नेदरलैंड्स को भारतीय उपमहाद्वीप में खेलने का ज्यादा अनुभव नहीं और उनके खिलाड़ी भी ज्यादा वनडे क्रिकेट नहीं खेले हैं. हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं कि क्रिकेट में कुछ भी संभव है और मौका पड़ने पर नेदरलैंड्स भी अपनी परफॉर्मेंस से पाकिस्तान को चौंका सकती है. खैर अगर पाकिस्तान पहला मैच जीत भी लेता है तो इसके बाद होने वाले उसके सभी 8 मैच काफी चैलेंजिंग होंगे. पाकिस्तान की मौजूदा परफॉर्मेंस और उसके टीम बैलेंस को देखकर ऐसा भी लग रहा है कि ये टीम वर्ल्ड कप में ज्यादा कुछ नहीं कर पाएगी. आइए आपको बताते हैं पाकिस्तानी टीम की वो पांच खामियां जिसकी वजह से हम ये कह रहे हैं कि बाबर एंड कंपनी वर्ल्ड कप जीतना तो छोड़िए सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच सकती. खुद उसके पूर्व क्रिकेटर्स को उम्मीद नहीं है कि बाबर की टीम वर्ल्ड कप जीत सकती है. पाकिस्तान की पहली कमी पाकि

मिले तो महान /साहित्य के नोबेल पुरस्कार की नीति और कूटनीति पर आज के अखबार 'अमर उजाला' में मेरी कवर स्टोरी

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मिले तो महान / साहित्य के नोबेल पुरस्कार की नीति और कूटनीति पर आज के अखबार 'अमर उजाला' में मेरी कवर स्टोरी उस समय कई लोगों ने कहा था कि रॉयल स्वीडिश अकादमी के नोबेल कमिटी द्वारा दिया गया साहित्य का नोबेल पुरस्कार सूली प्रूधोंम को नहीं लेना चाहिए।पहली बार साहित्य के क्षेत्र में यह पुरस्कार 1901 में फ्रांसीसी लेखक सूली प्रूधोंम को मिला था। आलोचकों ने कहा था, विध्वंसक के नाम पर रचनात्मक काम के लिए पुरस्कार। आज जब यून फुस्से को यह पुरस्कार मिला है तो भी आलोचना हो रही है। स्वर जरूर बदल गए हैं। अब कहा जा रहा है कि कौन है यून फुस्से। कभी पढा नहीं। कभी देखा नहीं। कभी सुना नहीं। अनजान को साहित्य का नोबेल पुरस्कार। अब अगर यून फुस्से हमारे लिए अनजान हैं तो क्या सबके लिए अपरिचित हैं। सवाल कई हैं। 1901 से अबतक दुनिया के 120 साहित्यकारों को इस पुरस्कार से नवाज़ा जा चुका है। इनमें महिला लेखकों की संख्या आश्चर्यजनक रूप से केवल 17 है। वर्ष 2023 के पुरस्कार के लिए नॉर्वे के प्रतिष्ठित उपन्यासकार, कथाकार और नाटककार जॉन फॉसे के नाम की घोषणा हुई है। इस पुरस्कार में उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय म

1996 वर्ल्डकप सेमीफाइनल में बुरी हार के बाद #काम्बली की जगह #राहुल_द्रविड़ को पहली बार वनडे में मौक़ा मिला। थोड़ा धीमे खेलते थे लेकिन

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1996 वर्ल्डकप सेमीफाइनल में बुरी हार के बाद #काम्बली की जगह #राहुल_द्रविड़ को पहली बार वनडे में मौक़ा मिला। थोड़ा धीमे खेलते थे लेकिन टीम की बल्लेबाजी को मजबूती देते थे! उस समय सभी टीम के पास बॉलर बहुत अच्छे हुआ करते थे। फील्डिंग के नियम भी अलग थे। मैच 220 रन पर जीत जाते थे। इसलिए राहुल का धीमा खेलना कभी भी टीम को नहीं खला, क्योंकि जरूरत पड़ने पर वे तेज़ भी खेल लेते थे। हमेशा पूरी तरह टीम के लिए समर्पित रहे। कम लोगों पता होगा कि राहुल द्रविड़ के नाम वनडे में सिर्फ 22 गेंद में दूसरी सबसे तेज फिफ्टी बनाने का भारतीय रिकॉर्ड भी है जो #सहवाग #कपिल देव और #युवराज के साथ संयुक्त रूप से अभी भी दर्ज है। टेस्ट क्रिकेट में तो द्रविड़ का कोई सानी नहीं था। आज भी मजबूत डिफेंस के कारण उन्हें 'दीवार' कहा जाता है।  राहुल द्रविड़ ने अपना पहला वर्ल्डकप 1999 में खेला जिसमें वे सर्वाधिक 461 रन बनाकर टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर रहे लेकिन टीम इंडिया सुपर सिक्स से बाहर हो गयी।  अगला वर्ल्डकप 2003 में खेले जिसमें कप्तान #गांगुली के कहने पर उन्होंने विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका निभाई जबकि उन्होंने विकेटकीपिंग स्कू

क्रिकेट वर्ल्ड कप: मैच का टिकट ख़रीदा, होटल बुक, फ्लाइट का टिकट भी बुक लेकिन वीज़ा नहीं

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क्रिकेट वर्ल्ड कप: मैच का टिकट ख़रीदा, होटल बुक, फ्लाइट का टिकट भी बुक लेकिन वीज़ा नहीं "वैसे तो मालूम नहीं कि कब भारत देखने का मौक़ा मिलेगा और अगर भारत में क्रिकेट देखने को मिले तो क्या ही बात है. लेकिन समस्या यह है कि अभी तक पाकिस्तानियों के लिए भारत का वीज़ा ही नहीं खोला गया है." यह कहना है पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में रहने वाले ज़ीशान अली का. वो क्रिकेट के प्रशंसक हैं. ज़ीशान विश्व कप क्रिकेट के मैच देखने के लिए भारत जाना चाहते हैं.  ज़ीशान ने बीबीसी से कहा, "मैंने कुल तीन मैचों के टिकट ख़रीद रखे हैं, इनमें पाकिस्तान बनाम भारत, पाकिस्तान बनाम श्रीलंका और पाकिस्तान बनाम अफ़ग़ानिस्तान के मैच शामिल हैं.'' ज़ीशान इंतज़ार के इन लम्हों में निराशा के भी शिकार हो रहे हैं.  वो कहते हैं, "मैं होटल की बुकिंग भी करवा चुका हूं लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि अभी तक पाकिस्तानियों के लिए वीज़ा ही नहीं खोले गए हैं. अब तो इंतज़ार की वजह से मेरा अपना उत्साह भी कम होता जा रहा है." वर्ल्ड कप क्रिकेट की शुरुआत  वर्ल्ड कप क्रिकेट की शुरुआत पाँच अक्टूबर को अहमदाबाद में हो चुकी है

India vs Pakistan, World Cup 2023: पहले वीजा विवाद फिर बताया 'दुश्मन मुल्क'... अब भारत से माफी मांगता फिर रहा पाकिस्तान

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India vs Pakistan, World Cup 2023: पहले वीजा विवाद फिर बताया 'दुश्मन मुल्क'... अब भारत से माफी मांगता फिर रहा पाकिस्तान India vs Pakistan, World Cup 2023: भारत की मेजबानी में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप 2023 का बिगुल जल्द बजने वाला है. टूर्नामेंट का आगाज 5 अक्टूबर को होगा. जबकि फाइनल मुकाबला 19 नवंबर को होगा. मगर इस दौरान फैन्स को सबसे ज्यादा इंतजार भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले घमासान मुकाबले का है. यह महामुकाबला 14 अक्टूबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाना है. वर्ल्ड कप के लिए पाकिस्तान टीम भारत दौरे पर पहुंच गई है. हैदराबाद में टीम का जोरदार स्वागत हुआ, जिसे देख पाकिस्तानी फैन्स भी गदगद हुए हैं. पाकिस्तानी प्लेयर भी भारत की मेहमान नवाजी की जमकर तारीफ कर रहे हैं. पाकिस्तानी टीम का हुआ जोरदार स्वागत सोशल मीडिया पर भी पाकिस्तानी टीम के स्वागत के वीडियो वायरल हुए. हालांकि, बाबर आजम की कप्तानी वाली पाकिस्तानी टीम ने अपना पहला प्रैक्टिस मैच भी न्यूजीलैंड के खिलाफ हैदराबाद में खेल लिया है. टीम को वर्ल्ड कप में अपना पहला मैच 6 अक्टूबर को नीदरलैंड्स के खिलाफ खेलना

Important Shortcut Keys for Computer

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Important Shortcut Keys for Computer   CTRL+A. . . . . . . . . . . . . . . . . Select All CTRL+C. . . . . . . . . . . . . . . . . Copy CTRL+X. . . . . . . . . . . . . . . . . Cut CTRL+V. . . . . . . . . . . . . . . . . Paste CTRL+Z. . . . . . . . . . . . . . . . . Undo CTRL+B. . . . . . . . . . . . . . . . . Bold CTRL+U. . . . . . . . . . . . . . . . . Underline CTRL+I . . . . . . . . . . . . . . . . . Italic F1 . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . Help F2 . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . Rename selected object F3 . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . Find all files F4 . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . Opens file list drop-down in dialogs F5 . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . Refresh current window F6 . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . Shifts focus in Windows Explorer F10 . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . Activates menu bar options ALT+TAB . . . . . . . . . . . . . . . . Cycles between open applications ALT+F4 . . . . . . . . . . . . . .

Siasat.com / मनोरंजन / टेलीविजन समाचारतेरे बिन: प्रति एपिसोड मीरूब और मुर्तसिम का वेतन जानेंअपनी बेदाग अभिनय क्ष

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मेन्यू सियासत डेली: नवीनतम हैदराबाद समाचार, तेलंगाना, मनोरंजन, भारत निम्न को खोजें Siasat.com / मनोरंजन / टेलीविजन समाचार तेरे बिन: प्रति एपिसोड मीरूब और मुर्तसिम का वेतन जानें अपनी बेदाग अभिनय क्षमता से, युमना और वहाज ने लगातार ध्यान आकर्षित किया है और न केवल पाकिस्तान में बल्कि भारत और अन्य देशों में भी काफी चर्चा का विषय बन गए हैं। सफूरा सोहेल की फोटो सफूरा सोहेल| रस्ती अमीना द्वारा संपादित | अपडेट किया गया: 30 जून 2023 शाम 5:48 बजे IST तेरे बिन: युमना जैदी, वहाज अली का प्रति एपिसोड वेतन हैदराबाद : पाकिस्तानी मनोरंजन उद्योग की प्रतिभाशाली जोड़ी - युमना जैदी और वहाज अली, जो वर्तमान में हिट ड्रामा सीरीज़ तेरे बिन में स्क्रीन साझा कर रहे हैं, ने निस्संदेह दुनिया भर के दर्शकों के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ी है। अपने बेदाग अभिनय कौशल से इन प्रतिभाशाली अभिनेताओं ने लगातार ध्यान आकर्षित किया है और न केवल पाकिस्तान में बल्कि भारत और अन्य देशों में भी काफी चर्चा का विषय बने हैं। सुभान बेकरी - इंस्टाग्राम कमर्शियल जैसे-जैसे युमना और वहाज सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं, प्रशंसक तेरे बिन क

ऑस्ट्रेलियाई 352 के टारगेट के सामने रोहित के साथ वाशिंगटन सुंदर का ओपनिंग करना

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ऑस्ट्रेलियाई 352 के टारगेट के सामने रोहित के साथ वाशिंगटन सुंदर का ओपनिंग करना और मिडिल ऑर्डर कोलैप्स तीसरे वनडे में भारत की हार की बड़ी वजह रहा। जिस वक्त पावरप्ले में भारतीय टीम को तेज बल्लेबाजी की आवश्यकता थी, सुंदर डॉट गेंदें खेलकर रोहित पर दबाव बढ़ा रहे थे। पावरप्ले के बाद भारत का स्कोर 72 रन था, जिसमें रोहित शर्मा ने अकेले 55 रन बनाए थे। हिटमैन की फिफ्टी भी सिर्फ 31 गेंद पर पूरी हो गई थी। अगर रोहित के साथ शुभमन गिल बतौर सलामी बल्लेबाज मौजूद होते, तो भारत रनचेज में ना पिछड़ता। अगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में 22 रन बना लेते, तो पाकिस्तानी बाबर की जगह शुभमन ICC रैंकिंग में दुनिया के नंबर वन बल्लेबाज बन जाते। वह पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम को टॉप रैंकिंग से बेदखल कर देते। पर शुभमन गिल को तीसरे वनडे से आराम दे दिया गया। वनडे सीरीज स्टार्ट होने से पहले शुभमन गिल को नंबर वन पोजीशन हासिल करने के लिए 3 मैच में 200 रन बनाने की दरकार थी। गिल ने पहले वनडे में 74 और दूसरे वनडे में 104 रनों की पारी खेली थी। तीसरे वनडे में भारत की हार के बावजूद शुभमन गिल को मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। गि

मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) एक ऐसा गेंदबाज जो गेंद को जादू की तरह घूमाता

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मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) एक ऐसा गेंदबाज जो गेंद को जादू की तरह घूमाता था। टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले मुथैया मुरलीधरन की कहानी काफी ज्यादा दिलचस्प है। मुथैया मुरलीधरन को अपने करियर के शुरुआती दिनों में जिन चीजों का सामना करना पड़ा उसके बारे में कल्पना करना भी आपको कंपा सकता है। ये बात बेहद कम लोग जानते हैं कि मुथैया मुरलीधरन का करियर बरबाद करने के लिए ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट ने घिनौनी चाल चली थी। मुथैया मुरलीधरन इस कहानी में शामिल तो हैं लेकिन, वो इस कहानी के हीरो नहीं हैं। इस कहानी के हीरो हैं अर्जुन राणातुंगा जिन्होंने मुथैया मुरलीधरन को बचाने के लिए अपना पूरा करियर दांव पर लगा दिया था। कहानी है 1995 की मुथैया मुरलीधरन ने हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट में प्रवेश किया था और डैरल हेयर अंपायरिंग कर रहे थे। उस वक्त एक नियम था कि गेंदबाज गेंदबाजी करते वक्त अपना हाथ झुका नहीं सकता है। लेकिन, इस बात को जज ऑनफील्ड अंपायर को ही करना रहता है। बस यहीं से शुरू हुआ था बवाल। डैरल हेयर ने मुरलीधरन के एक्शन को लेकर नो बॉल देना शुरू कर दिया। मुथैया मुरलीधरन कोई भी गेंद फें

रिकी पॉन्टिंग ने स्प्रिंग के बैट से तोड़ा था भारत का वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना? जानिए सच्चाई

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पार्थ सारथी 👈👈 रिकी पॉन्टिंग ने स्प्रिंग के बैट से तोड़ा था भारत का वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना? जानिए सच्चाई क्रिकेट में साल 2003 कोई नहीं भूल सकता. इस साल भारत को वो जख्म मिला था जिसकी टीस अभी तक भारतीय फैंस के दिलों में चुभती है. जोहान्सबर्ग में खेले गए फाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था. भारत को ये चुभन दी थी उस समय के ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने. पॉन्टिंग के बल्ले से निकली शतकीय पारी ने कई दिल तोड़े, भारत का विश्व विजेता बनने का सपना भी. इस फाइनल के कुछ दिन बाद पॉन्टिंग के बल्ले को लेकर एक खबर उड़ी. खबर थी कि पॉन्टिंग ने जिस बल्ले से फाइनल में भारत के खिलाफ शतक मारा है उसमें स्प्रिंग थी और इसी कारण फाइनल मैच दोबारा हो सकता है. क्या थी इसकी सच्चाई बताते हैं आपको. लेकिन इससे पहले उस मैच में पॉन्टिंग द्वारा भारतीय गेंदबाजों पर किए गए अत्याचार के बारे में बता देते हैं. पॉन्टिंग ने उस मैच में 121 गेंदों पर चार चौके और आठ छक्कों की मदद से नाबाद 140 रनों की पारी खेली थी. पॉन्टिंग का स्ट्राइक रेट था 115.70 का. उनके अलावा इस मैच में डे

वर्तमान के क्रिकेटर कितने बलिष्ठ लगते हैं ना! जिम में तराशी हुई काया वाले- भुजबल! टैटूधारी! उन्हें जैसे लम्बे छक्के लगाने के लिए ही सिरजा

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वर्तमान के क्रिकेटर कितने बलिष्ठ लगते हैं ना! जिम में तराशी हुई काया वाले- भुजबल! टैटूधारी! उन्हें जैसे लम्बे छक्के लगाने के लिए ही सिरजा गया है। पर जो पुराना क्रिकेटप्रेमी किसी कृशकाय के नफ़ीस कवर ड्राइव पर मर मिटा हो, उसका क्या? मुझे याद है मेरे समय का सबसे ख़तरनाक- गेंदबाज़ों में ख़ौफ़ पैदा कर देने वाला बल्लेबाज़- सचिन तेंडुलकर किसी ख़रगोश सरीखा मासूम था। आवाज़ उसकी लड़कियों जैसी थी। जब वो आया तब बाली उमर का था और सबको लगता था वो और बड़ा होगा तो आवाज़ मर्दानी हो जायेगी। पर वो कभी बड़ा नहीं हुआ। जिस उम्र में वो खेलने आया था, उससे अधिक बरस खेलकर जब वो रिटायर हुआ, तब भी नहीं। उसकी क़दकाठी ऐसी गोलमटोल थी कि मानों अभी पूरणपोली खाकर आया हो- कढ़ीचट मराठी! लेकिन तेंदुए-सा चपल! जब वो लपककर चौका लगाता था तो नब्बे के दशक का आत्मविश्वास-विहीन भारत झूम उठता था। सचिन की सफलता को अपनी सफलता समझ लेने वाली एक पीढ़ी अब उम्र के चौथे दशक में चली आई है- दैन्य के उन दिनों को दिल में बसाये। जवागल श्रीनाथ जब नया-नया आया था, तब उसके कंधे की हड्डियाँ दीखती थीं। चन्द्राकार हँसुली! गेंद फेंकने के बाद वह हाँफने

#हिन्दू_और_मुसलमान_दोनों_ध्यान_दें

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#हिन्दू_और_मुसलमान_दोनों_ध्यान_दें 250 वर्ष का इतिहास खंगालने पर पता चलता है कि "आधुनिक विश्व मतलब 1800 के बाद जो दुनिया मे तरक्की हुई, उसमें पश्चिमी मुल्कों का ही हाथ है ।" हिन्दू और मुस्लिम का इस विकास में 1% का भी योगदान नहीं है। आप देखिये कि 1800 से लेकर 1940 तक हिंदू और मुसलमान सिर्फ बादशाहत या गद्दी के लिये लड़ते रहे। अगर आप दुनिया के 100 बड़े वैज्ञानिकों के नाम लिखें तो बस एक या दो नाम हिन्दू और मुसलमान के मिलेंगे। पूरी दुनिया मे 61 इस्लामी मुल्क हैं, जिनकी जनसंख्या 1.50 अरब के करीब है, और कुल 435 यूनिवर्सिटी हैं जबकि मस्जिदें अनगिनत है। दूसरी तरफ हिन्दू की जनसंख्या 1.26 अरब के करीब है और 385 यूनिवर्सिटी हैं जबकि मन्दिर अनगिनत है। अकेले अमेरिका में 3 हज़ार से अधिक और जापान में 900 से अधिक यूनिवर्सिटी है़ जबकि इंगलैंड और अमेरिका दोनों देशों में करीब 200 चर्च भी नही हैं। ईसाई दुनिया के 45% नौजवान यूनिवर्सिटी तक पहुंचते हैं। वहीं मुसलमान नौजवान 2% और हिन्दू नौजवान 8 % तक यूनिवर्सिटी तक पहुंचते हैं। दुनिया की 200 बड़ी यूनिवर्सिटी में से 54 अमेरिका, 24 इंग्लेंड, 17 ऑस्ट्रेल

ये कहानी उनके लिए जो इस दुकान को पहचानते हैं । अगर आप इस दुकान को नही

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ये कहानी उनके लिए जो इस दुकान को पहचानते हैं । अगर आप इस दुकान को नही पहचानते तो इस कहानी या यूं कहें इस Situation को समझाना ऐसा है जैसे किसी गूंगे से "पतंजलि शहद" का स्वाद पूछ लिया हो और ऐसा गूंगा जिसने छत्ते वाला शहद Taste कर रखा हो ।  जो अलीगढ़ के हॉस्टल में नही रहा है और जिसने शमशाद से किताबें खरीदने या खोजने नही गया उसे ये समझना काफी मुश्किल होगा । फिर भी कोशिश ये हैं की असल तस्वीर अपनी बातों से खींच पाऊं । मेरे शब्द संरचना का भी लिटमस Test हो जाएगा । इसका Power कहां तक बढ़ा है, जो मैं महसूस करवाना चाहता हूं वहां तक बातें दस्तक भी दे पाती हैं की नही । तो बात आज से करीब करीब 20 साल पहले की है यानी सन 2000 और उसके आस पास का Era । जब मेरा Selection AMU के 10+2 में हुआ था । ये मेरे Life का पहला Competitive एग्जाम था जिसमे मुझे सफलता मिली थी । हालाकि मैं अपने स्कूल का Topper था पर कभी किसी Competitive एग्जाम में अब तक कुछ खास नहीं कर पाया था । एक बार छठी में नेतरहाट दिया था , जिसमे नहीं हुआ । और खुदा का एहसान था की नही हुआ । वरना "छठी रात का दूध" याद आए

भारतीय कोच राहुल द्रविड़ ने कहा है कि रोहित और विराट को आपसी सहमति से

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भारतीय कोच राहुल द्रविड़ ने कहा है कि रोहित और विराट को आपसी सहमति से आराम दिया गया, हम सूर्यकुमार यादव का पूरा समर्थन करते हैं। आर. अश्विन की टीम में एंट्री पर कोच ने कहा कि अश्विन जैसे प्रतिभाशाली गेंदबाज को ट्रायल पर नहीं रखा जाता। आर. अश्विन और वाशिंगटन सुंदर को अक्षर पटेल के संभावित विकल्प के रूप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले 2 ODI के लिए टीम में जगह दी गई है और अगर अक्षर जांघ की चोट से उबरने में नाकाम रहते हैं, तो इन दोनों में से किसी एक को टीम में जगह मिल सकती है। हालांकि यह खबर पहले ही आ चुकी है कि अक्षर पटेल की जगह आर. अश्विन को ही भारतीय वर्ल्ड कप स्क्वाड में चुना जाएगा। भारतीय टीम मैनेजमेंट अश्विन की बैटिंग स्किल्स को दूसरों से बेहतर मानता है। आर. अश्विन के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में चयन पर कोच द्रविड़ ने कहा- मैं यह नहीं कहूंगा कि यह अश्विन के लिए ट्रायल है, हमें उनका लेवल पता है। यह उनके पास वनडे खेलने का मौका है और हम बस उसे 2 या 3 मैच खेलने का मौका देना चाहते हैं। अगर हमारे पास अश्विन जैसा खिलाड़ी है, तो किसी के चोटिल होने पर हम और किस पर भरोसा कर सकते हैं, यह हमा

ये हैं टीम इंडिया के 5 डेथ ओवर के महारथी, जिनके आगे बड़ा सा बड़ा बल्लेबाज कांपता हैं थर-थर, लिस्ट में मोहम्मद शमी का नाम भी हैं शामिल

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ये हैं टीम इंडिया के 5 डेथ ओवर के महारथी, जिनके आगे बड़ा सा बड़ा बल्लेबाज कांपता हैं थर-थर, लिस्ट में मोहम्मद शमी का नाम भी हैं शामिल 2012 में ज़हीर खान के बाद टीम इंडिया में तेज गेंदबाजों की भारी कमी नजर आई। इसके बाद टीम मैनेजमेंट और बीसीसीआई ने मिलकर युद्धस्तर पर अभियान चलाते हुए एक से बढ़कर एक तेज गेंदबाजों को ढूंढ कर निकाला। इसी कर परिणाम है कि आज टीम इंडिया एक साथ तीन अलग अलग मोर्चों पर मुकाबले खेलमे में सक्षम है। आज भारत के पास जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, उमरान मलिक, अर्शदीप सिंह और मोहम्मद शमी जैसे युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का मिलाजुला बेडा है, जो किसी भी विपक्षी टीम के दांत खट्टे करने की क्षमता रखता है। बहरहाल आज हम आपको हमारे ऐसे 5 तेज गेंदबाजों के बारे में बताने जा रहें हैं, जिन्हे डेथ ओवरों में बल्लेबाजों के काल माना जाता है। आइये आपको बताते हैं कि कौन हैं वे गेंदबाज - 1. मोहम्मद शमी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में जन्मे मोहम्मद शमी के पिता भी पहले गेंदबाज हुआ करते थे, लेकिन अधिक सफलता न मिलने के चलते उन्हें किसान बनना पड़ा। शमी के पिता ने अपने पांच बच्चों में से केवल एक

वर्ल्ड कप में बुरा पिटेगा पाकिस्तान, विश्व विजेता बनने का सपना होगा चकनाचूर, ये हैं 4 बड़ी वजह

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वर्ल्ड कप में बुरा पिटेगा पाकिस्तान, विश्व विजेता बनने का सपना होगा चकनाचूर, ये हैं 4 बड़ी वजह भारत पांच अक्टूबर से शुरू हो रहे वनडे वर्ल्ड कप के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने शुक्रवार को अपनी टीम का ऐलान कर दिया है. इंजमाम उल हक की अध्यक्षता वाली सीनियर सेलेक्शन कमेटी ने वो 15 खिलाड़ी चुन लिए हैं जिनके दम पर पाकिस्तान 32 साल बाद वनडे में विश्व विजेता बनने का सपना देख रहा है. पाकिस्तान ने 1992 में इमरान खान की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीता था. इंजमाम उस टीम का हिस्सा थे. इस बार बाबर आजम की कप्तानी में पाकिस्तान वर्ल्ड चैंपियन बनने का ख्वाब पाल रहा है. लेकिन जो टीम उसने चुनी है और जो हालात हैं उन्हें देख तो ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान की वर्ल्ड कप में बुरी फजीहत होने वाली है. पाकिस्तान ने हाल ही में वनडे फॉर्मेट में अच्छा किया है. वह नंबर-1 टीम भी रही है लेकिन बड़ी टीमों के खिलाफ, जहां कॉम्पटीशन टफ होता है वहां पाकिस्तान को घर से बाहर बिखरते देखा गया है. पाकिस्तान ने अधिकतर जीतें जो हासिल की हैं वो अपने घर में हासिल की हैं और विदेशों में उसका प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है. ताजा उदाहरण एशिया कप

गौतम गंभीर ने कहा है कि वर्ल्ड कप में बाबर आजम विराट कोहली google search

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गौतम गंभीर ने कहा है कि वर्ल्ड कप में बाबर आजम विराट कोहली और रोहित शर्मा से ज्यादा अच्छा करेंगे। गौतम गंभीर ने उस खिलाड़ी का नाम लिया है, जो इस बार भारत में होने वाले विश्व कप में कमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बाबर आजम अपनी टीम की किस्मत बदल सकते हैं। दरअसल स्टार स्पोर्ट्स के साथ बात करते हुए गंभीर ने उस खिलाड़ी का चुनाव किया है, जो विश्व कप में अपनी टीम के लिए अहम साबित हो सकते हैं। गौतम गंभीर को विराट कोहली, रोहित शर्मा केन विलियमसन, स्टीव स्मिथ और बाबर आजम में से किसी एक खिलाड़ी को चुनने के लिए कहा गया था, जिनके परफॉर्मेंस पर उनकी नजर रहेगी। इसपर गंभीर ने रिएक्ट किया और सीधे तौर पर बाबर आजम का नाम लिया। गौतम गंभीर ने कहा कि बाबर के पास हर तरह की क्वालिटी है। वह इस विश्व कप में अपने परफॉर्मेंस से धमाल मचा सकते हैं। बाबर आजम दुनियाभर के तमाम गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा सकते हैं। गौतम गंभीर ने कहा कि मैंने कई बल्लेबाजों को देखा है जिनके पास काफी समय होता है, लेकिन बाबर के पास अलग तरह की क्वालिटी है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने आगे कहा कि यकीनन कोहली, रोहित, स्मिथ, वॉर्नर और विलियमसन अप

अब क्यों नहीं हो रहे सचिन, सहवाग, गांगुली जैसे पार्ट टाइमर? राहुल द्रविड़ ने बताया इसका कारण

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अब क्यों नहीं हो रहे सचिन, सहवाग, गांगुली जैसे पार्ट टाइमर? राहुल द्रविड़ ने बताया इसका कारण क्रिकेट में पिछले कुछ समय से एक सवाल उठ रहा है। कई भारतीय फैंस, क्रिकेट एक्सपर्ट्स के मन में भी यह सवाल उमड़ता रहता है। यह सवाल है टीम इंडिया के अंदर विलुप्त होते जा रहे पार्ट टाइम गेंदबाजों को लेकर। एक समय टीम में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, युवराज सिंह जैसे 5वें, छठे और 7वें गेंदबाज के विकल्प मौजूद रहते थे। पर इन दिनों टीम के पास ऐसे विकल्पों की कमी हो गई है। करियर के शुरुआती दौर में विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी भी गेंदबाजी करते थे, पर अब ऐसा देखने को नहीं मिलता है। इसको लेकर टीम इंडिया के मौजूदा कोच और पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने बयान दिया है। भारतीय टीम मैनेजमेंट पिछले कुछ सालों से ऑलराउंडर्स पर ज्यादा फोकस कर रहा है। वहीं बीते सालों में गेंदबाजी के इतने विकल्प होते थे कि टीम की बल्लेबाजी में काफी गहराई देखने को मिलती थी। इन दिनों भारतीय टीम अक्षर पटेल या वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों को लेकर इसलिए बेताब रहती है क्योंकि बल्लेबाज इतनी गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं औ