सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली में से कौन ज्यादा बेहतर व्हाइट बॉल का बैट्समैन है ये बहस हमेशा चलती रहेगी। वैसे तो कभी भी 2 लीजेंड्स
सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली में से कौन ज्यादा बेहतर व्हाइट बॉल का बैट्समैन है ये बहस हमेशा चलती रहेगी। वैसे तो कभी भी 2 लीजेंड्स को कंपेयर नहीं करना चाहिए, क्योंकि किसी एक को बेहतर बताने से दूसरे की सेवाओं को धूमिल करने जैसा हो जाएगा।
लेकिन जब 2 मंहगे मोबाइल में से हमें सिर्फ एक चूज करना हो तो हम देखते हैं कि किसमें ज्यादा फीचर हैं, किसका बैट्री बैकअप ज्यादा है या किसका कैमरा ज्यादा अच्छा है..!
उसी प्रकार व्हाइट बॉल क्रिकेट के 2 महान खिलाड़ियों की बात की जाए तो विराट कोहली में सचिन तेंदुलकर से ज्यादा फीचर्स पाये जाते हैं, कुछ फीचर्स सचिन में भी ऐसे थे जो विराट में नहीं हैं लेकिन फिर भी विराट व्हाइट बॉल क्रिकेट में थोड़े ही सही लेकिन आगे निकल जाते हैं।
जब महत्वपूर्ण मौकों पर टीम को विराट की जरूरत होती है तब विराट कोहली उन मौकों पर टीम के साथ खड़े दिखाई देते हैं..! ये कोई एक दो बार की बात नहीं है, बल्कि विराट कोहली कई बार पहले भी ये कर चुके हैं..! चेज करते वक्त विराट कोहली एक अलग ही खिलाड़ी बन जाते हैं, इसीलिए उन्हें चेज मास्टर कहा जाता है। विराट कोहली ने जो आज किया वो पहली बार नहीं किया, उनको तो आदत है ऐसी स्तिथि से मैच अपनी तरफ मोड़ने की।
विराट कोहली पिछले कुछ समय से 2016-17-18 वाले फॉर्म में लौटते दिखाई दे रहे हैं, जो कि भारतीय टीम को ज्यादा गारंटी देगा कि आगे के मैचों में रिलैक्स रहा जा सके। आज की इन्निंग उनको कॉन्फिडेंस देगी, कम से कम तीन शतक विराट के बल्ले से इस वर्ल्डकप में आने वाले हैं।
कितना कुछ नहीं झेला विराट ने, वाइफ के नाम पर ट्रोल, बेटी को रेप की धमकी, टीम मेट्स की साजिशें, बोर्ड की साजिशें, टीम की कैप्टेंसी तीनों फॉर्मेट से गंवाना या फिर टी-ट्वेंटी से अपनी जगह खो देना जबकि टी-ट्वेंटी का विराट से बेहतर आज भी कोई बल्लेबाज इंडिया के पास नहीं है..! बीस्ट फॉर्म में होने के बाद भी लगातार एक्सपेरिमेंट के नाम पर टीम से अंदर-बाहर होना, शायद ये सब विराट कोहली का मनोबल तोड़ने के लिए हुआ हो, लेकिन हर स्तिथि से निकलकर डटे रहना ही विराट होने की निशानी है।
आईपीएल 2022 में जब कोहली से रन नहीं बन रहे थे और लगातार 2 मैचों में गोल्डन डक के शिकार हुए तब पहली बार मैंने उस इंसान को असहाय सा देखा, एकदम अग्रेसिव रहने वाला अल्हड सा लड़का बिल्कुल असहाय था..! मैं कोहली की बैटिंग के लिए शुरू से कोहली को पसंद करता हूँ लेकिन कोहली के व्यवहार से कभी-कभी चिढ़ हो जाती थी, लेकिन उस मैच में जब जीरो पर आउट होने के बाद फीकी मुस्कराहट लेकर ड्रेसिंग रूम की तरफ जाते विराट को देखकर मेरी भी आँखें भर आयीं थीं। पिछले कुछ समय से कोहली ने अपने व्यवहार में जो बदलाव किया है वो उन्हें असली किंग बना देता है, अब वो सबसे प्यार से मिलते हैं, जो दिखाता है कि घर का अल्हड लड़का अब बड़ा हो गया है और घर को सम्हालना उसके जिम्मे है।
विराट की कैप्टेंसी जाने का कारण उनका अग्रेसिव नेचर था, क्योंकि सौरव गांगुली और विराट कोहली दोनों किसी की न सुनने वाले इंसान रहे हैं, गांगुली में फालतू की ठसक थी जबकि कोहली ने वो सब खुद कमाया। अब एक म्यान में 2 तलवार नहीं रह सकतीं उसी आधार पर एक टीम के 2 बॉस नहीं हो सकते, इसलिए गांगुली के बोर्ड अध्यक्ष रहते कोहली को कैप्टेंसी से इस्तीफा देना पड़ा था। खैर गांगुली ने विराट कोहली के साथ वही करना चाहा जो खुद गांगुली के साथ उसके करियर के आखिरी दिनों में हुआ था, लेकिन गांगुली को शायद कोहली की रेंज पता नहीं रही होगी, बंदे ने क्या वापसी की है बिल्कुल अकल्पनीय।
इंडिया टीम की फील्डिंग के समय आज विराट कोहली ने स्लिप में जो मिशेल मार्श का कैच पकड़ा था, वो कैच विराट कोहली की फिटनेस पर ये मुहर लगाता है कि विराट कोहली अगले 4-5 साल कहीं नहीं जा रहे और टीम को ऐसे ही मैच जिताते रहेंगे बशर्ते उनके साथ फिर से कोई राजनैतिक खेल ना खेला जाए।
जहाँ मैटर बड़े होते हैं वहाँ विराट कोहली खड़े होते हैं..!
अजय यादव
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