ऑस्ट्रेलियाई 352 के टारगेट के सामने रोहित के साथ वाशिंगटन सुंदर का ओपनिंग करना

ऑस्ट्रेलियाई 352 के टारगेट के सामने रोहित के साथ वाशिंगटन सुंदर का ओपनिंग करना और मिडिल ऑर्डर कोलैप्स तीसरे वनडे में भारत की हार की बड़ी वजह रहा। जिस वक्त पावरप्ले में भारतीय टीम को तेज बल्लेबाजी की आवश्यकता थी, सुंदर डॉट गेंदें खेलकर रोहित पर दबाव बढ़ा रहे थे। पावरप्ले के बाद भारत का स्कोर 72 रन था, जिसमें रोहित शर्मा ने अकेले 55 रन बनाए थे। हिटमैन की फिफ्टी भी सिर्फ 31 गेंद पर पूरी हो गई थी। अगर रोहित के साथ शुभमन गिल बतौर सलामी बल्लेबाज मौजूद होते, तो भारत रनचेज में ना पिछड़ता। अगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में 22 रन बना लेते, तो पाकिस्तानी बाबर की जगह शुभमन ICC रैंकिंग में दुनिया के नंबर वन बल्लेबाज बन जाते। वह पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम को टॉप रैंकिंग से बेदखल कर देते। पर शुभमन गिल को तीसरे वनडे से आराम दे दिया गया। वनडे सीरीज स्टार्ट होने से पहले शुभमन गिल को नंबर वन पोजीशन हासिल करने के लिए 3 मैच में 200 रन बनाने की दरकार थी। गिल ने पहले वनडे में 74 और दूसरे वनडे में 104 रनों की पारी खेली थी। तीसरे वनडे में भारत की हार के बावजूद शुभमन गिल को मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। गिल के बदले रोहित शर्मा ने उनका अवॉर्ड कलेक्ट किया।

राजकोट में खेले गए तीसरे वनडे में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट के नुकसान पर 352 रन बना दिए। भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा और मोहम्मद सिराज ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर लगाम कसने में नाकाम रहे। डेविड वॉर्नर और मिचेल मार्श की सलामी जोड़ी ने भारतीय गेंदबाजों को दम भर कूटा। आखिरकार हर बार की तरह इस बार भी वॉर्नर ने विकेट फेंककर भारतीय फैंस को राहत की सांस दी। दूसरे वनडे में अश्विन के खिलाफ फिफ्टी जड़कर राइट हैंड बैटिंग कर रहे वॉर्नर रिवर्स स्वीप करने में LBW हुए थे। तीसरे वनडे में प्रसिद्ध कृष्णा के नवें ओवर की पहली गेंद मिडिल स्टंप पर स्लोअर लेंथ डिलीवरी थी। वॉर्नर ने सूर्यकुमार यादव के अंदाज में एक्रॉस द स्टंप जाकर स्कूप शॉट खेलने का फैसला किया। वॉर्नर के ग्लव को छूती हुई गेंद विकेटकीपर के दस्तानों में समा गई। 34 गेंद पर 6 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 53 रन बनाकर डेविड वॉर्नर पवेलियन लौट गए। ऑस्ट्रेलिया को 78 के स्कोर पर पहला झटका लग गया। रन आसानी से आ रहे थे, लेकिन एडवेंचर करने की कीमत वॉर्नर को चुकानी पड़ी। वॉर्नर के विकेट में सबसे ज्यादा बल्लेबाज का योगदान था। जसप्रीत बुमराह ने 10 ओवर में 81 रन देकर 3 विकेट चटकाए। सिराज को 9 ओवर में 68 रन देकर और प्रसिद्ध कृष्णा को 5 ओवर में 45 रन देकर 1-1 सफलता नसीब हुई।

बॉलिंग परफॉर्मेंस से साबित हो गया कि वर्ल्ड कप में भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण में मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह के साथ मोहम्मद शमी की भी अहम भूमिका रहेगी। तीसरे वनडे में अगर प्रसिद्ध कृष्णा की जगह शमी होते, तो वह अपनी काबिलियत के दम पर गेम बदल सकते थे। कुलदीप यादव को काफी देर से गेंदबाजी आक्रमण पर लाना भी भारतीय टीम पर भारी पड़ा। कुलदीप से केवल 6 ओवर करवाए गए, जहां उन्होंने 48 रन खर्च करते हुए 2 विकेट चटकाए। अंत में भारतीय मिडिल ऑर्डर पर भी हार की जिम्मेदारी आती है। रोहित शर्मा और विराट कोहली ने अर्धशतक जड़कर टीम को बढ़िया प्लेटफॉर्म दे दिया था। रोहित ने 57 गेंद पर 5 चौकों और 6 छक्कों के साथ 81 रन बनाए थे, जबकि विराट के बल्ले से 61 गेंद पर 5 चौकों और 1 छक्के की मदद से 56 रन आए थे। इसके बाद केएल राहुल (26), सूर्यकुमार यादव (8) और श्रेयस अय्यर (48) रन ही बना सके। अय्यर ने कुछ हद तक पारी को संभाला, लेकिन उनका विकेट टर्निंग पॉइंट रहा। श्रेयस अय्यर को 39वें ओवर की तीसरी गेंद पर ग्लेन मैक्सवेल ने क्लीन बोल्ड कर दिया। रवींद्र जडेजा के बल्ले से 36 गेंद पर 35 रन आए। ये रन भी तब बने, जब भारत मैच हार चुका था। अगर वर्ल्ड कप में जडेजा का बल्ला रंग में नहीं लौटा, तो भारत के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। ग्लेन मैक्सवेल जैसे पार्ट टाइम गेंदबाज ने भारत के सामने 10 ओवर में 40 रन देकर 4 विकेट चटका लिए। यह उनके वनडे करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। पार्ट टाइमर्स के सामने अब भारतीय बल्लेबाजों को नई रणनीति बनानी पड़ेगी। 

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