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ऐसा है हमारा #मेवात #Mewatऔर #मेनस्ट्रीम_मीडिया

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✌👍🤝 ऐसा है हमारा #मेवात #Mewat और #मेनस्ट्रीम_मीडिया यक़ीनन ये विषय अपने-आप में जितना संजीदा है, उतना ही प्रासंगिक भी है! क्योंकि असल में, ये सबजेक्ट मौजूदा परिप्रेक्ष्य में पूरी तरह से फिट बैठता है। हम देख रहे हैं कि जिस तरह से #मीडिया मेवात को बदनाम करने के लिए ग़ैरज़िम्मेदार कवरेज कर रहा है, उससे उन लोगों की ज़हनियत मेवात के लिये पूरी तरह से नेगेटिव हो गई है, जो कभी मेवात आये ही नहीं, जिन्होंने मेवात के ताने-बाने को कभी समझा ही नहीं! हो ये रहा है कि हम अख़बारों, टीवी या सोशलिस्तान के ज़रिए ही किसी को समझने की ग़लती कर रहे हैं, जबकि वो एक विचार है उस साइक्लोजी का, जहां पर कंटेंट को तोड़ मरोड़कर, उसका रस निकाला जा रहा है... ख़ैर, ये हमारे देश की बदक़िस्मती ही रही है कि यहां पर सन 47 के बाद कुछ घटनाएं ऐसी हुई हैं, जिनका कहीं न कहीं पूरे मुल्क के समाजिक ताने-बाने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। बात चाहे देश के तक्सीम होने की हो, या फिर सिलसिलेवार होते रहे दंगों की (ख़ासतौर पर गुजरात में हुए 2002 के #दंगे)  और फिर 6 दिसंबर 1992, यानि #बाबरी मस्जिद का गिराया जाना, उससे पहले 84 में सिख विरोध

प्रोफेसर और लड़की————————-कानून की पढ़ाई चल रही थी।

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प्रोफेसर और लड़की ————————- कानून की पढ़ाई चल रही थी। प्रोफेसर क्लास में आए। बेहद गंभीर। क्लास में सन्नाटा पसरा था। प्रोफेसर ने एक छात्रा की ओर देखा। फिर उन्होंने उंगली से उसकी ओर इशारा किया और कहा, “तुम नीली जैकेट वाली लड़की, सीट से उठो और मेरी क्लास से बाहर चली जाओ। और फिर कभी मेरी क्लास में मत आना। लड़की हैरान थी।  संजय सिन्हा भी हैरान थे। किसी ने मेरे पास यूं ही एक वीडियो भेजा था। शायद मैं कानून की पढ़ाई कर रहा हूं, इसलिए।  उसने कुछ लिखा नहीं था, बस वीडियो साझा किया था। कुछ मिनट के उस वीडियो को मैंने देखा। लगा कि ये तो कहानी है। उनके लिए जिन्हें कानून पर भरोसा है।  लड़की समझ नहीं पा रही थी कि उसने ऐसा क्या किया कि प्रोफेसर ने आते ही उसे अपनी क्लास से बाहर निकल दिया। वो तो उस प्रोफेसर को जानती भी नहीं। कभी मिली ही नहीं। आज पहला दिन था। उसने आते ही उसे अपनी क्लास से निकाल दिया। क्यों? गुनाह क्या? क्लास स्तब्ध थी। इतना कड़क प्रोफेसर? ये कानून पढ़ाने आया है। सभी सहमे थे। लड़की मन मसोस कर क्लास से बाहर चली गई। क्या करती? प्रोफेसर ने पढ़ाना शुरू किया। “आप कानून पढ़ रहे हैं? कानून क्या है

कपिल देव ने ODI में विराट कोहली के 163 दिनों बाद सीधा पाकिस्तान के खिलाफ मैदान

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कपिल देव ने ODI में विराट कोहली के 163 दिनों बाद सीधा पाकिस्तान के खिलाफ मैदान पर उतरने को लेकर नाराजगी जताई है। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 12 सालों के दौरान विराट को सिर्फ 6 मैचों के लिए रेस्ट दिया गया था। रोहित शर्मा की कप्तानी में डेढ़ साल में ही विराट को टीम इंडिया के लिए 25 मुकाबलों की प्लेइंग XI में नहीं चुना गया है। विराट कोहली ने 22 मार्च 2023 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खत्म हुई ODI सीरीज के बाद से एक भी वनडे मैच नहीं खेला है। टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को 2-1 से ODI सीरीज में शिकस्त दे दी है। अब टीम इंडिया को वनडे क्रिकेट सीधे 30 अगस्त से एशिया कप में खेलना है। इस टूर्नामेंट में 2 सितंबर को टीम इंडिया पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला मुकाबला खेलेगी। यानी अब सीधे विराट कोहली उस महामुकाबले में ही नजर आएंगे, जिसमें पूरे एक महीने का वक्त बाकी है। इस बीच वेस्टइंडीज के खिलाफ 5 मैचों की टी-20 सीरीज और आयरलैंड के खिलाफ 3 टी-20 मैचों की सीरीज से भी विराट का पत्ता काट दिया गया है। विराट कोहली के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने अंतिम वनडे में 54 रनों की पारी खेली थी। इसके बाद से विराट कोहली टीम इ

लाजवाब किस्सा 🙂ट्रेन चलने को ही थी कि अचानक कोई जाना पहचाना सा चेहरा जर्नल बोगी में आ

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लाजवाब किस्सा 🙂 ट्रेन चलने को ही थी कि अचानक कोई जाना पहचाना सा चेहरा जर्नल बोगी में आ गया। मैं अकेली सफर पर थी। सब अजनबी चेहरे थे। स्लीपर का टिकिट नही मिला तो जर्नल डिब्बे में ही बैठना पड़ा। मगर यहां ऐसे हालात में उस शख्स से मिलना। जिंदगी के लिए एक संजीवनी के समान था। जिंदगी भी कमबख्त कभी कभी अजीब से मोड़ पर ले आती है। ऐसे हालातों से सामना करवा देती है जिसकी कल्पना तो क्या कभी ख्याल भी नही कर सकते । वो आया और मेरे पास ही खाली जगह पर बैठ गया। ना मेरी तरफ देखा। ना पहचानने की कोशिश की। कुछ इंच की दूरी बना कर चुप चाप पास आकर बैठ गया। बाहर सावन की रिमझिम लगी थी। इस कारण वो कुछ भीग गया था। मैने कनखियों से नजर बचा कर उसे देखा। उम्र के इस मोड़ पर भी कमबख्त वैसा का वैसा ही था। हां कुछ भारी हो गया था। मगर इतना ज्यादा भी नही। फिर उसने जेब से चश्मा निकाला और मोबाइल में लग गया। चश्मा देख कर मुझे कुछ आश्चर्य हुआ। उम्र का यही एक निशान उस पर नजर आया था कि आंखों पर चश्मा चढ़ गया था। चेहरे पर और सर पे मैने सफेद बाल खोजने की कोशिश की मग़र मुझे नही दिखे। मैंने जल्दी से सर पर साड़ी का पल्लू डाल लिया। बाल

पत्नी के अंतिम संस्कार व तेरहवीं के बाद रिटायर्ड पोस्टमैन मनोहर गाँव छोड़कर मुम्बई में अपने पुत्र सुनील के बड़े से मकान

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पत्नी के अंतिम संस्कार व तेरहवीं के बाद रिटायर्ड पोस्टमैन मनोहर गाँव छोड़कर मुम्बई में अपने पुत्र सुनील के बड़े से मकान में आये हुए हैं। सुनील बहुत मनुहार के बाद यहाँ ला पाया है यद्यपि वह पहले भी कई बार प्रयास कर चुका था किंतु मां ही बाबूजी को यह कह कर रोक देती थी कि 'कहाँ वहाँ बेटे बहू की ज़िंदगी में दखल देने चलेंगे यहीं ठीक है  सारी जिंदगी यहीं गुजरी है और जो थोड़ी सी बची है उसे भी यहीं रह कर काट लेंगे ठीक है न'  बस बाबूजी की इच्छा मर जाती पर इस बार कोई साक्षात अवरोध नहीं था और पत्नी की स्मृतियों में बेटे के स्नेह से अधिक ताकत नहीं थी , इसलिए मनोहर बम्बई आ ही गए हैं सुनील एक बड़ी कंस्ट्रक्शन कम्पनी में इंजीनियर है उसने आलीशान घर व गाड़ी ले रखी है घर में घुसते ही मनोहर ठिठक कर रुक गए गुदगुदी मैट पर पैर रखे ही नहीं जा रहे हैं उनके दरवाजे पर उन्हें रुका देख कर सुनील बोला - "आइये बाबूजी, अंदर आइये" "बेटा, मेरे गन्दे पैरों से यह कालीन गन्दी तो नहीं हो जाएगी" - "बाबूजी, आप उसकी चिंता न करें। आइये यहाँ सोफे पर बैठ जाइए।" सहमें हुए कदमों में चलते हुए मनो

सौरव गांगुली ने विराट कोहली को टी-20 टीम में चुनने की मांग की थी

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सौरव गांगुली ने विराट कोहली को टी-20 टीम में चुनने की मांग की थी, फिर भी आयरलैंड के खिलाफ विराट को मौका नहीं मिला। वेस्टइंडीज के खिलाफ 3 वनडे मुकाबलों की सीरीज के दूसरे वनडे में विराट को रेस्ट देने के बाद अब अगले 8 टी-20 मुकाबलों से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। सबसे पहले विराट को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले जाने वाले 5 T-20 इंटरनेशनल मुकाबलों की टीम में नहीं चुना गया था, इसके बाद आयरलैंड के खिलाफ 3 T-20 मैचों में भी विराट का चयन नहीं हुआ। 29 वर्षीय जसप्रीत बुमराह को जरूर कप्तान के तौर पर चुना गया है। अजीत अगरकर के नेतृत्व में चयनकर्ताओं ने तय कर लिया है कि T-20 इंटरनेशनल में युवा खिलाड़ियों को अवसर देने के नाम पर विराट कोहली को टीम में शामिल नहीं किया जाएगा। इससे पहले सौरव गांगुली ने विराट कोहली को टी-20 इंटरनेशनल की टीम में चुनने की मांग की थी। सौरव ने कहा था कि विराट आज भी T-20 इंटरनेशनल में हिंदुस्तान के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं और ऐसे में उन्हें टीम में अवसर जरूर किया जाना चाहिए। दादा ने BCCI से कहा था कि चाहे फॉर्मेट कोई भी हो, टीम में हमेशा सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का चयन किया

70 रूपये से 7 करोड़ तक का सफर तय करने के करीब हैं मोहम्मद सिराज, सितंबर के महीने में आएगी खुशखबरी?

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70 रूपये से 7 करोड़ तक का सफर तय करने के करीब हैं मोहम्मद सिराज, सितंबर के महीने में आएगी खुशखबरी? सिराज की चर्चा आज हर जगह है. वो ‘टॉक ऑफ द टाउन’ हैं. उन्होंने पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट में शानदार गेंदबाजी की. मैच में बारिश ने खेल बिगाड़ दिया वरना टेस्ट सीरीज में भारत की 2-0 से जीत पक्की थी. जीत भले ही फिसल गई लेकिन पांच विकेट लेकर मोहम्मद सिराज ने सभी का दिल जीता. टेस्ट करियर में पहली बार उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिला. अब ऐसी भी चर्चा है कि इस साल जब बीसीसीआई अपने सालाना करार का ऐलान करेगी तो उसमें मोहम्मद सिराज का प्रमोशन तय है. आपको बता दें कि बीसीसीआई खिलाड़ियों की कैटेगरी को दो आधार पर तय करती है. पहली तो खिलाड़ी का प्रदर्शन और दूसरी कसौटी ये है कि खिलाड़ी टी20, वनडे और टेस्ट में कितनी कैटेगरी में खेलता है. इन दोनों ही कैटेगरी में मोहम्मद सिराज का पक्ष मजबूत है. वो तीनों फॉर्मेट में खेल रहे हैं. पिछले एक साल में उन्होंने शानदार गेंदबाजी की है. उनके खाते में इस साल तीस से ज्यादा विकेट हैं. अगर बीसीसीआई उन्हें ‘ए प्लस’ कैटेगरी में लाती है तो उनका करार सात करोड़ रूपये का होगा और

जब भारत का बँटवारा हुआ तो बहुत से मुसलमान भारत से पाकिस्तान के लिए सपरिवार निकल पड़े और अधिकाँश हिन्दू पाकिस्तान से नए भारत

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जब भारत का बँटवारा हुआ तो बहुत से मुसलमान भारत से पाकिस्तान के लिए सपरिवार निकल पड़े और अधिकाँश हिन्दू पाकिस्तान से नए भारत के लिए। मगर एक ऐसा भी इनसान था, जो था तो मुसलमान और पैदा भी उस इलाक़े में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा बन रहा था, मगर उसने बँटवारे के समय अपनी पत्नी ताहिरा के साथ पाकिस्तान से भारत में आना बेहतर समझा। इस महान् इनसान का नाम था राजा मेंहदी अली ख़ान, जिसने हिन्दी सिनेमा के लिये कुछ अद्भुत गीतों का सृजन किया। #राजा_मेंहदी_अली_ख़ान का जन्म 23 सितम्बर 1915 में झेलम ज़िले के एक ऊँचे घराने में हुआ। (कुछ लोगों का दावा है कि जन्म 1928 में हुआ था)। इनके पिता बहावलपुर स्टेट के प्रधान मन्त्री थे। अभी राजा मेंहदी केवल चार वर्ष के ही थे जब इनके पिता का देहान्त हो गया। इनकी माँ हेबे साहिबा स्वयं एक शायरा थीं। कहा जाता है कि ‘सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा’ लिखने वाले शायर अल्लामा इकबाल भी हेबे साहिबा की शायरी को सम्मान की नज़र से देखते थे। राजा मेंहदी अली ख़ान ने दिल्ली के ऑल इण्डिया रेडियो में काम करना शुरू कर दिया। यहाँ उनकी मुलाक़ात हुई उर्दू के बड़े लेखक सआदत हसन म

इससे पहले जब ब्रॉड ने वनडे से रिटायमेंट लिया था तो मुझे ख़ुशी हुई थी कि अब वो टेस्ट

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इससे पहले जब ब्रॉड ने वनडे से रिटायमेंट लिया था तो मुझे ख़ुशी हुई थी कि अब वो टेस्ट पर ध्यान देगा, कल जब उसने सभी फॉरमेट से रिटायरमेंट ले लिया तो मुझे बहुत दुख पहुँचा है,  दुःख इस बात का है उसे एशेज़ में सबसे बेहतरीन बॉलिंग करते देखा। ये बिल्कुल 2005 एशेज़ की फ्लिंटॉफ वाली बॉलिंग रही है।  एक ऐसा बॉलर जिसे सैकेंड इनिंग का सीम बॉलर कहा जाता था, जिसे चौथे और पांचवे दिन का बॉलर कहा जाता था उसने पिछले दो तीन सालों में दिखा दिया, कि वो पहले दिन से लेकर पांचवे दिन तक धारदार बॉलिंग कर सकता है। वो सिर्फ सीम ही नही इस एशेज सीरीज के बाद स्विंग बॉलर भी कहलाएगा। आप सभी जानते है इंग्लिश टीम से खेल चुके मशहूर प्लेयर क्रिस ब्रॉड का बेटा है स्टुअर्ट ब्रॉड, इसे नेपोटिज़्म मत कहिएगा क्योंकि उन्हें जबरन मौका नही दिया गया बल्कि वो टैलेंटेड है अपने पिता से महान है।  मुझे याद है जब 2020 में मैने लिखा था कि युवराज छह छक्के लगाकर महान नही बन पाए और अपने लंबे करियर में दस हज़ार रन भी नही बना पाए लेकिन ब्रॉड महान बनने जा रहा है, उस वक़्त काफी ट्रोल हुआ था। आप सिर्फ ये न समझिये की ब्रॉड एंडरसन की जोड़ी बेस्ट है, बल्कि य

राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा की छुट्टी तय, ये दिग्गज होगा कप्तान, तो वीवीएस लक्ष्मण बनेंगे टीम इंडिया के नए कोच

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राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा की छुट्टी तय, ये दिग्गज होगा कप्तान, तो वीवीएस लक्ष्मण बनेंगे टीम इंडिया के नए कोच बीसीसीआई की नई मैनेजमेंट कमेटी का गठन हुआ है तभी से भारतीय क्रिकेट टीम के अंदर बहुत बड़े बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। फिटनेस और फॉर्म को लेकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड बहुत अधिक सक्रिय हो चुका है और उसने साफ तौर पर सभी खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को कहा है कि, अगर आपको टीम के साथ लंबे समय तक बने रहना है तो आपको खुद को मेंटली और फिजिलकी दोनों रूप से स्वस्थ्य होना बहुत जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो कार्यवाई के लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। पुराने स्टाफ के लचर प्रदर्शन को देखते हुए बोर्ड ने आयरलैंड दौरे के लिए नए कप्तान और सपोर्ट स्टाफ की घोषणा की है। गौरतलब है कि, आयरलैंड के खिलाफ होने वाली तीन मैचों की टी 20 शृंखला 18 अगस्त से शुरू होगी। बीसीसीआई ने की राहुल द्रविड और रोहित शर्मा की छुट्टी आयरलैंड दौरे पर भारतीय टीम के मुख्य कप्तान रोहित शर्मा और टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड को बीसीसीआई ने आराम देने का फैसला कर सकती है। दरअसल भारतीय टीम जुलाई के शुरुआती दिनों से लगातार किसी

पोस्ट लंबी है, अपने विवेक से पढ़े..करीब तीस साल पहले 1993 में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL ) में एक

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पोस्ट लंबी है, अपने विवेक से पढ़े.. करीब तीस साल पहले 1993 में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL ) में एक 23 साल का लड़का, अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई कर रहा था। पढ़ाई और सिनेमा डायरेक्टर बनने के सपने के लिए लगातार मेहनत करने की वजह से उस लड़के को सुबह चार बजे सोने के लिए वक्त मिल पाता है।लड़का उस वक्त पैसे की तंगी से जूझ रहा था। नाश्ता फ्री था और एक तय समय तक ही सर्व किया जाता था। वो लड़का इस नाश्ते के लिए 8 बजे का अलार्म लगाकर सोता था। गहरी नींद में होने के बाद भी, लड़के के दिमाग में नाश्ता छूटने का डर रहता था। इस वजह से, उस लड़के को एहसास होता था कि वो अभी सो रहा है, और जब वो सपने देखता तो उसका अनकंसियस माइंड उसे ये याद दिलाता रहता कि वो सपना देख रहा है। कुछ दिन की दिमागी वर्जिश के बाद वो लड़का अपने सपनो को कंट्रोल करना सीख गया। अपने सपने के नरेटिव को अपने हिसाब से लिखने की सलाहियत सीख चुके उस लड़के के दिमाग में एक फिल्म का आइडिया आया।वो लड़का 21वी सदी का सबसे महान डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन था, और जिस फिल्म का आइडिया उसे आया था, वो inception थी। नोलन 8 साल की उम्र से सिनेमा बना रहे थे अपने

दाढ़ी की बहस में कुछ लोगों ने मुझे जाहिल कहा किसी ने भटका हुआ

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दाढ़ी की बहस में कुछ लोगों ने मुझे जाहिल कहा किसी ने भटका हुआ कहा तो किसी ने अली मिर्जा से जोड़ा इसलिए मैंने सोचा चलो इस बारे में शब्बन चच्चा से बात की जाए और उनसे दाढ़ी के बारे में पूछा जाए। मैंने शब्बन चच्चा को फोन किया और सलाम दुआ के बाद पूछा चच्चा आखिर इस्लाम में दाढ़ी की अहमियत क्या है? एक मुसलमान के लिए दाढ़ी कितना जरूरी है? क्या बिना दाढ़ी के कोई मुसलमान सच्चा मुसलमान नहीं हो सकता? चच्चा बोले बेशक दाढ़ी रखना सुन्नत है। दाढ़ी हमारे प्यारे नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को बहुत पसंद थी इसलिए सभी मुसलमानों को दाढ़ी रखना चाहिए। मगर अल्लाह ने मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को नबी बना कर इसलिए नहीं भेजा था कि जाओ और लोगों से कहो की दाढ़ियां रखो।  अल्लाह ने मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को दुनिया में तौहीद कायम करने के लिए भेजा था। अल्लाह ने मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को दुनिया में नबी बनाकर गरीब दबे कुचले लोगों को समान अधिकार दिलाने के लिए भेजा था। अल्लाह ने मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को दुनिया से ऊंच नीच का भेदभाव खत्म करने के लिए

दिनेश कार्तिक ने कहा है कि विराट कोहली जब तक क्रिकेट खेलेंगे, वह फैब 4

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दिनेश कार्तिक ने कहा है कि विराट कोहली जब तक क्रिकेट खेलेंगे, वह फैब 4 का हिस्सा रहेंगे। दरअसल बीते कुछ वक्त से टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली का शतक नहीं आया था। ऐसे में आकाश चोपड़ा जैसे पूर्व खिलाड़ियों ने विराट कोहली को फैब 4 के लायक नहीं बताया था। जब अपने 500वें इंटरनेशनल मैच में 29वां टेस्ट शतक जड़कर विराट ने आलोचकों का मुंह बंद किया, तो दिनेश कार्तिक से विराट कोहली की फैब 4 में एंट्री को लेकर सवाल किया गया। डीके ने जवाब में कहा कि एंट्री की बात तब होती है, जब विराट फैब 4 से बाहर गए हों। विराट कोहली फैब 4 के सबसे बड़े सितारे हैं और उनके बगैर इस लिस्ट का कोई मतलब ही नहीं है। विराट कोहली से ही फैब 4 का अस्तित्व है। यह विराट ने 500वें इंटरनेशनल मैच में शतक जड़ने वाला विश्व का पहला खिलाड़ी बनकर साबित कर दिया है। डीके ने कहा कि विराट कोहली टीम इंडिया के लिए शुरुआत से लगातार तीनों फॉर्मेट खेलते आ रहे हैं। तीनों ही फॉर्मेट में विराट का प्रदर्शन शानदार रहा है। जबकि जो रूट और स्टीव स्मिथ जैसे बल्लेबाजों को T-20 इंटरनेशनल में खेलने का मौका कम मिलता है। वे दोनों ज्यादातर टेस्ट और वनडे क्रिके

मोहम्मद आमिर ने IPL खेलने के लिए छोड़ा पाकिस्तान, इस देश की मदद से अगले साल आएंगे भारत #amir

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मोहम्मद आमिर ने IPL खेलने के लिए छोड़ा पाकिस्तान, इस देश की मदद से अगले साल आएंगे भारत सबसे बड़ी प्रीमियर लीग आईपीएल में दुनियाभर के तमाम क्रिकेटर हिस्सा लेना चाहते हैं। बीते 16 सीजन में अनेकों देश-विदेश के खिलाड़ियों को भारत की जमीन पर आईपीएल खेलते हुए देखा गया है। वहीं साल 2008 में आयोजित हुए इस टूर्नामेंट के पहले सीजन में पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने भी भाग लिया था, मगर उसके बाद से एक भी सीजन ऐसा नहीं गया जिसमें कोई पाकिस्तानी क्रिकेटर आईपीएल खेल सका हो। 2008 के नवंबर महीने में मुंबई के ताज होटल पर हुए हमले के बाद से ही पाकिस्तानी खिलाड़ियों की भारत में नो एंट्री है। लेकिन, अब पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहम्मद आमिर (Mohammad Amir) के साथ 2024 में पाकिस्तानी खिलाड़ियों का आईपीएल खेलना मुमकिन हो सकता है। क्या मोहम्मद आमिर खेलेंगे आईपीएल आपको बताते चलें कि पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद आमिर (Mohammad Amir) डर्बीशायर को ज्वाइन कर सकते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रिटिश पासपोर्ट मिलने के बाद पाकिस्तानी तेज गेंदबाज आने वाले सीज़न में बतौर लोकल खिलाड़ी डर्बीशायर के साथ खेलते हुए दिख सकते हैं

कप्तान रोहित शर्मा ने विंडीज में 1-0 से टेस्ट सीरीज जीतकर कहा है

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कप्तान रोहित शर्मा ने विंडीज में 1-0 से टेस्ट सीरीज जीतकर कहा है कि विराट कोहली मुश्किल हालात में पारी स्थिर करने वाले बल्लेबाज हैं। पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया था। जवाब में रोहित और यशस्वी जयसवाल की सलामी जोड़ी ने लगातार दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया को शानदार शुरुआत दी। यशस्वी 57 रन बनाकर आउट हुए और टीम इंडिया को 139 के स्कोर पर पहला झटका लगा। इसके बाद अचानक विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया और 182 के कुल स्कोर पर टीम इंडिया ने 4 विकेट गंवा दिए। सीरीज में पहली बार ऐसा लग रहा था कि विंडीज गेंदबाज टीम इंडिया पर हावी हो सकते हैं और भारत पहली पारी में 300 के आसपास सिमट जाएगा। ऐसे में किसी अनुभवी बल्लेबाज को जिम्मेदारी उठाने की जरूरत थी। यहां से विराट कोहली ने 206 गेंद पर 11 चौकों की मदद से 121 रनों की पारी खेली। जिस वक्त विराट बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर आए थे, भारत का स्कोर 2 विकेट के नुकसान पर 153 रन था। जब विराट पांचवें विकेट के तौर पर रनआउट होकर पवेलियन लौटे, उस वक्त स्कोरबोर्ड पर 341 रन लग चुके थे।  विराट कोहली ने दम

मणिपुर में अफीम की खेती भी मुख्य कारण....मणिपुर में बसी एक विदेशी मूल की जाति कु

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मणिपुर में अफीम की खेती भी मुख्य कारण.... मणिपुर में बसी एक विदेशी मूल की जाति कुकी है, जो मात्र डेढ़ सौ वर्ष पहले पहाड़ों में आ कर बसी थी। ये मूलतः मंगोल नस्ल के लोग हैं। जब अंग्रेजों ने चीन में अफीम की खेती को बढ़ावा दिया तो उसके कुछ दशक बाद अंग्रेजों ने ही इन मंगोलों को वर्मा के पहाड़ी इलाके से ला कर मणिपुर में अफीम की खेती में लगाया। आपको आश्चर्य होगा कि तमाम कानूनों को धत्ता बता कर ये अब भी अफीम की खेती करते हैं और कानून इनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता। इनके व्यवहार में अब भी वही मंगोली क्रूरता है, और व्यवस्था के प्रति प्रतिरोध का भाव है। मतलब नहीं मानेंगे, तो नहीं मानेंगे। अधिकांश कुकी यहाँ अंग्रेजों द्वारा बसाए गए हैं, पर कुछ उसके पहले ही रहते थे। उन्हें वर्मा से बुला कर मैतेई राजाओं ने बसाया था। क्यों? क्योंकि तब ये सस्ते सैनिक हुआ करते थे। सस्ते मजदूर के चक्कर में अपना नाश कर लेना कोई नई बीमारी नहीं है। आप भी ढूंढते हैं न सस्ते मजदूर? खैर... आप मणिपुर के लोकल न्यूज को पढ़ने का प्रयास करेंगे तो पाएंगे कि कुकी अब भी अवैध तरीके से वर्मा से आ कर मणिपुर के सीमावर्ती जिलों में बस रहे हैं।

बचपन में यशस्वी क्रिकेट कोचिंग की फीस के बदले पिता की दुकान से चूना लाकर देते थे, क्योंकि वह पैसे देने की स्थिति में नहीं

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बचपन में यशस्वी क्रिकेट कोचिंग की फीस के बदले पिता की दुकान से चूना लाकर देते थे, क्योंकि वह पैसे देने की स्थिति में नहीं थे। इस चूने का उपयोग एकेडमी के मैचों में बाउंड्री लाइन बनाने के लिए किया जाता था। भदोही, उत्तर प्रदेश में यशस्वी के पिता की चूने और खड़ियां की छोटी सी दुकान थी। उसी दुकान के बूते यशस्वी समेत 6 भाई-बहनों का गुजारा चलता था। परिवार तंगहाली से गुजर रहा था। यशस्वी अपने बड़े भाई तेजस्वी जयसवाल के साथ क्रिकेट खेलते थे। 7 साल की उम्र में नन्हे यशस्वी ने पहली दफा क्रिकेट एकेडमी का रुख किया था। साल भर के भीतर ही वह एकेडमी की सीनियर टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे। घर की आर्थिक स्थिति खराब थी और यशस्वी का खेल देखकर कुछ लोगों ने उन्हें टेनिस बॉल क्रिकेट खेलने की सलाह दी। कहा कि इससे थोड़े बहुत पैसे हो जाएंगे। यशस्वी ने कहा कि मैं सिर्फ उसी गेंद से क्रिकेट खेलूंगा, जिससे टीम इंडिया के बल्लेबाज बैटिंग करते हैं। यशस्वी की उम्र भले कम थी, लेकिन उनकी आंखों में हिंदुस्तान के लिए कुछ कर दिखाने का सपना पल रहा था।  जिस मुंबई शहर में यशस्वी के पास सिर छिपाने के लिए छत नहीं थी, आज उसने उस

जिस मुंबई शहर में यशस्वी के पास सिर छिपाने के लिए छत नहीं थी, आज उसने उसी मुंबई में

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जिस मुंबई शहर में यशस्वी के पास सिर छिपाने के लिए छत नहीं थी, आज उसने उसी मुंबई में 5BHK फ्लैट खरीद लिया है। किसी फिल्मी कहानी में गरीब घर का लड़का पानीपुरी बेचकर रईस बन जाता है, यशस्वी जयसवाल ने इसे हकीकत में तब्दील कर दिया है। यशस्वी जायसवाल ने 21 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू पर शतक जड़कर इतिहास रच दिया है। यशस्वी डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ने वाले तीसरे भारतीय सलामी बल्लेबाज बन गए हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ डोमिनिका टेस्ट में उन्होंने 387 गेंदों का सामना किया और 171 रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में 1 छक्का और 16 चौके लगाए। कहते हैं कि सच्चे दिल से की गई मेहनत कभी खाली नहीं जाती। यशस्वी जयसवाल जब मुंबई आए थे, तब यूपी क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें अंडर-14 टीम के ट्रायल से निकाल दिया था। यह देखकर सुरियावां, भदोही में कोच आरिफ खान का दिल टूट गया था। उन्होंने 7 साल की उम्र से यशस्वी को ट्रेनिंग देनी शुरू की थी। कोच का दिल कह रहा था कि अगर लड़का बड़े शहर जाएगा तो बड़ा मुकाम बनाएगा। जब यशस्वी की उम्र 8 वर्ष थी, तब वह अपने क्लब की सीनियर टीम में आ गए थे। लेफ्ट हैंड स्पिन और नंबर 8 पर बैटिंग...!  यशस्वी

मणिपुर समस्या की जड़ें जानने की इच्छा है तो पढ़ें 👇

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लेख बड़ा हैं लेकिन मणिपुर समस्या की जड़ें जानने की इच्छा है तो पढ़ें 👇 वो लोग जो मणिपुर का रास्ता नहीं जानते। पूर्वोत्तर के राज्यों की राजधानी शायद जानते हो लेकिन कोई दूसरे शहर का नाम तक नहीं बता सकते उनके ज्ञान वर्धन के लिए बता दूं  "मणिपुर समस्या: एक इतिहास"  जब अंग्रेज भारत आए तो उन्होंने पूर्वोत्तर की ओर भी कदम बढ़ाए जहाँ उनको चाय के साथ तेल मिला। उनको इस पर डाका डालना था। उन्होंने वहां पाया कि यहाँ के लोग बहुत सीधे सरल हैं और ये लोग वैष्णव सनातनी हैं। परन्तु जंगल और पहाड़ों में रहने वाले ये लोग पूरे देश के अन्य भाग से अलग हैं तथा इन सीधे सादे लोगों के पास बहुमूल्य सम्पदा है।  अतः अंग्रेज़ों ने सबसे पहले यहाँ के लोगों को देश के अन्य भूभाग से पूरी तरह काटने को सोचा। इसके लिए अंग्रेज लोग ले आए इनर परमिट और आउटर परमिट की व्यवस्था। इसके अंतर्गत कोई भी इस इलाके में आने से पहले परमिट बनवाएगा और एक समय सीमा से आगे नहीं रह सकता। परन्तु इसके उलट अंग्रेजों ने अपने भवन बनवाए और अंग्रेज अफसरों को रखा जो चाय की पत्ती उगाने और उसको बेचने का काम करते थे।  इसके साथ अंग्रेज़ों ने देखा कि इस