दाढ़ी की बहस में कुछ लोगों ने मुझे जाहिल कहा किसी ने भटका हुआ
दाढ़ी की बहस में कुछ लोगों ने मुझे जाहिल कहा किसी ने भटका हुआ कहा तो किसी ने अली मिर्जा से जोड़ा इसलिए मैंने सोचा चलो इस बारे में शब्बन चच्चा से बात की जाए और उनसे दाढ़ी के बारे में पूछा जाए। मैंने शब्बन चच्चा को फोन किया और सलाम दुआ के बाद पूछा चच्चा आखिर इस्लाम में दाढ़ी की अहमियत क्या है?
एक मुसलमान के लिए दाढ़ी कितना जरूरी है? क्या बिना दाढ़ी के कोई मुसलमान सच्चा मुसलमान नहीं हो सकता?
चच्चा बोले बेशक दाढ़ी रखना सुन्नत है। दाढ़ी हमारे प्यारे नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को बहुत पसंद थी इसलिए सभी मुसलमानों को दाढ़ी रखना चाहिए।
मगर अल्लाह ने मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को नबी बना कर इसलिए नहीं भेजा था कि जाओ और लोगों से कहो की दाढ़ियां रखो।
अल्लाह ने मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को दुनिया में तौहीद कायम करने के लिए भेजा था। अल्लाह ने मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को दुनिया में नबी बनाकर गरीब दबे कुचले लोगों को समान अधिकार दिलाने के लिए भेजा था।
अल्लाह ने मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को दुनिया से ऊंच नीच का भेदभाव खत्म करने के लिए भेजा था।
अल्लाह ने मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को दुनिया में एक ऐसा निजाम कायम करने के लिए भेजा था जहां गरीबों, यतीमों, मजलूमों, बेसहारों, बेवाओं, मूसाफिरों के साथ ज़ुल्म न हो, कोई उनके साथ ज्यादती न करे, कोई उनका हक न छीने।
मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने आकर वही निजाम कायम किया जो अल्लाह चाहता था। उन्होंने समाज से ऊंच नीच का भेदभाव मिटाया। उन्होंने दुनिया के हर मुसलमान को बराबर बताया। उन्होंने कहा कि सिर्फ वही इंसान ऊंचा है जो तकवे वाला है। मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने अपने आखरी खुतबे में भी यही संदेश दिया।
मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने अपने आखरी खुतबे में सबको बराबर समझने और सबको तकवे पर चलने के लिए कहा।
आज के मुसलमान मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम की सभी बातों की भुला दिया। मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने एक रहने को कहा और खुद जातियों और फिरकों में बंट गए। ईमानदारी और अख्लाक से नाता तोड़ लिया।
आज के मुसलमानों ने मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम की सभी तालीमों को छोड़कर सिर्फ दिखावे वाले इस्लाम को पकड़ लिया और इस दिखावे के लिए दाढ़ी पर ही जोर देने लगे जैसे सारा इस्लाम सिर्फ दाढ़ी में है और अल्लाह ने मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को दुनिया में दाढ़ी रखवाने के लिए भेजा था।
मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम से मोहब्बत है तो सिर्फ दाढ़ी रख कर उस मोहब्बत का दिखावा मत करिए बल्कि उस निजाम को कायम करिए जिस निजाम को कायम करने के लिए मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम भेजे गए थे और जिस निजाम को कायम करने के लिए मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने बहुत तकलीफें उठाई हैं।
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