इससे पहले जब ब्रॉड ने वनडे से रिटायमेंट लिया था तो मुझे ख़ुशी हुई थी कि अब वो टेस्ट
इससे पहले जब ब्रॉड ने वनडे से रिटायमेंट लिया था तो मुझे ख़ुशी हुई थी कि अब वो टेस्ट पर ध्यान देगा, कल जब उसने सभी फॉरमेट से रिटायरमेंट ले लिया तो मुझे बहुत दुख पहुँचा है,
दुःख इस बात का है उसे एशेज़ में सबसे बेहतरीन बॉलिंग करते देखा। ये बिल्कुल 2005 एशेज़ की फ्लिंटॉफ वाली बॉलिंग रही है।
एक ऐसा बॉलर जिसे सैकेंड इनिंग का सीम बॉलर कहा जाता था, जिसे चौथे और पांचवे दिन का बॉलर कहा जाता था उसने पिछले दो तीन सालों में दिखा दिया, कि वो पहले दिन से लेकर पांचवे दिन तक धारदार बॉलिंग कर सकता है। वो सिर्फ सीम ही नही इस एशेज सीरीज के बाद स्विंग बॉलर भी कहलाएगा।
आप सभी जानते है इंग्लिश टीम से खेल चुके मशहूर प्लेयर क्रिस ब्रॉड का बेटा है स्टुअर्ट ब्रॉड, इसे नेपोटिज़्म मत कहिएगा क्योंकि उन्हें जबरन मौका नही दिया गया बल्कि वो टैलेंटेड है अपने पिता से महान है।
मुझे याद है जब 2020 में मैने लिखा था कि युवराज छह छक्के लगाकर महान नही बन पाए और अपने लंबे करियर में दस हज़ार रन भी नही बना पाए लेकिन ब्रॉड महान बनने जा रहा है, उस वक़्त काफी ट्रोल हुआ था। आप सिर्फ ये न समझिये की ब्रॉड एंडरसन की जोड़ी बेस्ट है, बल्कि ये समझिए कि इन लोगों ने टेस्ट क्रिकेट को ज़िंदगी दी है,
ब्रॉड उन प्लयेर में से है जिन्हें इंजरी शुरू से होती रही पर वो ये समझते थे इम्पोर्टेन्ट मैच क्या है, अगर एशेज है या वर्ल्डकप तो इंजरी के बावजूद बॉलिंग औऱ जैसे ही पता चला कि अननेसेसरी सीरीज़ है, खुद को रेस्ट दे दिया। जबकि बूमरह, जोफरा आर्चर वगैरह बेवजह की लीग खेलते रहे।
इंग्लैंड के प्लेयर अपने पीक टाइम पर रिटायरमेंट लेते है।
ये कितनी हैरत की बात है कि इंग्लैंड की तरफ से एंडरसन के बाद सबसे ज़्यादा टेस्ट खेलने वाला बॉलर है।
जहाँ एंडरसन ब्रॉड से बेहतर है लेकिन इस सीरीज़ में खेलने से उसने अपनी साख में कमी ज़रूर करवा ली यही बात ब्रॉड के मन में होगी। अगर कपिल देव ने जल्दी रिटायरमेंट ले लिया होता तो वो अलग ही लेवल की इज़्ज़त पाते।
प्लेयर जाते है और उनकी जगह दूसरे प्लयेर ले लेते है पर कभी कभी ऐसा लगता हैं कि कोई जगह भर नही पा रही जैसे अरविंद डिसिल्वा ने रिटायरमेंट लिया तो दुबारा श्रीलंका में ऐसा प्लेयर मुझे तो नही दिखा।
हालांकि इंग्लैंड के पास बॉलिंग की स्ट्रेंग्थ बहुत है पर ब्रॉड की कमी खलेगी।
बॉलिंग करने के तरीके पर बात नही करूँगा क्योंकि उसने हर साल अपने तरीको में सुधार किया है।
37 साल की उम्र 17 साल के करियर में 600 टेस्ट विकेट लेकर जब पिछली रात रिटारमेंट का ऐलान किया है तो सारी दुनिया के क्रिकेटप्रेमी को शॉक लगा बावजूद इसके सबने बधाई दी, मेरी तरफ़ से भी स्टुअर्ट ब्रॉड को अगली पारी के लिए बहुत शुभकामनाएं।
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