ऐसा है हमारा #मेवात #Mewatऔर #मेनस्ट्रीम_मीडिया
✌👍🤝 ऐसा है हमारा #मेवात #Mewat और #मेनस्ट्रीम_मीडिया यक़ीनन ये विषय अपने-आप में जितना संजीदा है, उतना ही प्रासंगिक भी है! क्योंकि असल में, ये सबजेक्ट मौजूदा परिप्रेक्ष्य में पूरी तरह से फिट बैठता है। हम देख रहे हैं कि जिस तरह से #मीडिया मेवात को बदनाम करने के लिए ग़ैरज़िम्मेदार कवरेज कर रहा है, उससे उन लोगों की ज़हनियत मेवात के लिये पूरी तरह से नेगेटिव हो गई है, जो कभी मेवात आये ही नहीं, जिन्होंने मेवात के ताने-बाने को कभी समझा ही नहीं! हो ये रहा है कि हम अख़बारों, टीवी या सोशलिस्तान के ज़रिए ही किसी को समझने की ग़लती कर रहे हैं, जबकि वो एक विचार है उस साइक्लोजी का, जहां पर कंटेंट को तोड़ मरोड़कर, उसका रस निकाला जा रहा है... ख़ैर, ये हमारे देश की बदक़िस्मती ही रही है कि यहां पर सन 47 के बाद कुछ घटनाएं ऐसी हुई हैं, जिनका कहीं न कहीं पूरे मुल्क के समाजिक ताने-बाने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। बात चाहे देश के तक्सीम होने की हो, या फिर सिलसिलेवार होते रहे दंगों की (ख़ासतौर पर गुजरात में हुए 2002 के #दंगे) और फिर 6 दिसंबर 1992, यानि #बाबरी मस्जिद का गिराया जाना, उससे पहले 84 में सिख व...