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सितंबर, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Siasat.com / मनोरंजन / टेलीविजन समाचारतेरे बिन: प्रति एपिसोड मीरूब और मुर्तसिम का वेतन जानेंअपनी बेदाग अभिनय क्ष

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मेन्यू सियासत डेली: नवीनतम हैदराबाद समाचार, तेलंगाना, मनोरंजन, भारत निम्न को खोजें Siasat.com / मनोरंजन / टेलीविजन समाचार तेरे बिन: प्रति एपिसोड मीरूब और मुर्तसिम का वेतन जानें अपनी बेदाग अभिनय क्षमता से, युमना और वहाज ने लगातार ध्यान आकर्षित किया है और न केवल पाकिस्तान में बल्कि भारत और अन्य देशों में भी काफी चर्चा का विषय बन गए हैं। सफूरा सोहेल की फोटो सफूरा सोहेल| रस्ती अमीना द्वारा संपादित | अपडेट किया गया: 30 जून 2023 शाम 5:48 बजे IST तेरे बिन: युमना जैदी, वहाज अली का प्रति एपिसोड वेतन हैदराबाद : पाकिस्तानी मनोरंजन उद्योग की प्रतिभाशाली जोड़ी - युमना जैदी और वहाज अली, जो वर्तमान में हिट ड्रामा सीरीज़ तेरे बिन में स्क्रीन साझा कर रहे हैं, ने निस्संदेह दुनिया भर के दर्शकों के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ी है। अपने बेदाग अभिनय कौशल से इन प्रतिभाशाली अभिनेताओं ने लगातार ध्यान आकर्षित किया है और न केवल पाकिस्तान में बल्कि भारत और अन्य देशों में भी काफी चर्चा का विषय बने हैं। सुभान बेकरी - इंस्टाग्राम कमर्शियल जैसे-जैसे युमना और वहाज सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं, प्रशंसक तेरे बिन क

ऑस्ट्रेलियाई 352 के टारगेट के सामने रोहित के साथ वाशिंगटन सुंदर का ओपनिंग करना

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ऑस्ट्रेलियाई 352 के टारगेट के सामने रोहित के साथ वाशिंगटन सुंदर का ओपनिंग करना और मिडिल ऑर्डर कोलैप्स तीसरे वनडे में भारत की हार की बड़ी वजह रहा। जिस वक्त पावरप्ले में भारतीय टीम को तेज बल्लेबाजी की आवश्यकता थी, सुंदर डॉट गेंदें खेलकर रोहित पर दबाव बढ़ा रहे थे। पावरप्ले के बाद भारत का स्कोर 72 रन था, जिसमें रोहित शर्मा ने अकेले 55 रन बनाए थे। हिटमैन की फिफ्टी भी सिर्फ 31 गेंद पर पूरी हो गई थी। अगर रोहित के साथ शुभमन गिल बतौर सलामी बल्लेबाज मौजूद होते, तो भारत रनचेज में ना पिछड़ता। अगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में 22 रन बना लेते, तो पाकिस्तानी बाबर की जगह शुभमन ICC रैंकिंग में दुनिया के नंबर वन बल्लेबाज बन जाते। वह पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम को टॉप रैंकिंग से बेदखल कर देते। पर शुभमन गिल को तीसरे वनडे से आराम दे दिया गया। वनडे सीरीज स्टार्ट होने से पहले शुभमन गिल को नंबर वन पोजीशन हासिल करने के लिए 3 मैच में 200 रन बनाने की दरकार थी। गिल ने पहले वनडे में 74 और दूसरे वनडे में 104 रनों की पारी खेली थी। तीसरे वनडे में भारत की हार के बावजूद शुभमन गिल को मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। गि

मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) एक ऐसा गेंदबाज जो गेंद को जादू की तरह घूमाता

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मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) एक ऐसा गेंदबाज जो गेंद को जादू की तरह घूमाता था। टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले मुथैया मुरलीधरन की कहानी काफी ज्यादा दिलचस्प है। मुथैया मुरलीधरन को अपने करियर के शुरुआती दिनों में जिन चीजों का सामना करना पड़ा उसके बारे में कल्पना करना भी आपको कंपा सकता है। ये बात बेहद कम लोग जानते हैं कि मुथैया मुरलीधरन का करियर बरबाद करने के लिए ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट ने घिनौनी चाल चली थी। मुथैया मुरलीधरन इस कहानी में शामिल तो हैं लेकिन, वो इस कहानी के हीरो नहीं हैं। इस कहानी के हीरो हैं अर्जुन राणातुंगा जिन्होंने मुथैया मुरलीधरन को बचाने के लिए अपना पूरा करियर दांव पर लगा दिया था। कहानी है 1995 की मुथैया मुरलीधरन ने हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट में प्रवेश किया था और डैरल हेयर अंपायरिंग कर रहे थे। उस वक्त एक नियम था कि गेंदबाज गेंदबाजी करते वक्त अपना हाथ झुका नहीं सकता है। लेकिन, इस बात को जज ऑनफील्ड अंपायर को ही करना रहता है। बस यहीं से शुरू हुआ था बवाल। डैरल हेयर ने मुरलीधरन के एक्शन को लेकर नो बॉल देना शुरू कर दिया। मुथैया मुरलीधरन कोई भी गेंद फें

रिकी पॉन्टिंग ने स्प्रिंग के बैट से तोड़ा था भारत का वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना? जानिए सच्चाई

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पार्थ सारथी 👈👈 रिकी पॉन्टिंग ने स्प्रिंग के बैट से तोड़ा था भारत का वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना? जानिए सच्चाई क्रिकेट में साल 2003 कोई नहीं भूल सकता. इस साल भारत को वो जख्म मिला था जिसकी टीस अभी तक भारतीय फैंस के दिलों में चुभती है. जोहान्सबर्ग में खेले गए फाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था. भारत को ये चुभन दी थी उस समय के ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने. पॉन्टिंग के बल्ले से निकली शतकीय पारी ने कई दिल तोड़े, भारत का विश्व विजेता बनने का सपना भी. इस फाइनल के कुछ दिन बाद पॉन्टिंग के बल्ले को लेकर एक खबर उड़ी. खबर थी कि पॉन्टिंग ने जिस बल्ले से फाइनल में भारत के खिलाफ शतक मारा है उसमें स्प्रिंग थी और इसी कारण फाइनल मैच दोबारा हो सकता है. क्या थी इसकी सच्चाई बताते हैं आपको. लेकिन इससे पहले उस मैच में पॉन्टिंग द्वारा भारतीय गेंदबाजों पर किए गए अत्याचार के बारे में बता देते हैं. पॉन्टिंग ने उस मैच में 121 गेंदों पर चार चौके और आठ छक्कों की मदद से नाबाद 140 रनों की पारी खेली थी. पॉन्टिंग का स्ट्राइक रेट था 115.70 का. उनके अलावा इस मैच में डे

वर्तमान के क्रिकेटर कितने बलिष्ठ लगते हैं ना! जिम में तराशी हुई काया वाले- भुजबल! टैटूधारी! उन्हें जैसे लम्बे छक्के लगाने के लिए ही सिरजा

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वर्तमान के क्रिकेटर कितने बलिष्ठ लगते हैं ना! जिम में तराशी हुई काया वाले- भुजबल! टैटूधारी! उन्हें जैसे लम्बे छक्के लगाने के लिए ही सिरजा गया है। पर जो पुराना क्रिकेटप्रेमी किसी कृशकाय के नफ़ीस कवर ड्राइव पर मर मिटा हो, उसका क्या? मुझे याद है मेरे समय का सबसे ख़तरनाक- गेंदबाज़ों में ख़ौफ़ पैदा कर देने वाला बल्लेबाज़- सचिन तेंडुलकर किसी ख़रगोश सरीखा मासूम था। आवाज़ उसकी लड़कियों जैसी थी। जब वो आया तब बाली उमर का था और सबको लगता था वो और बड़ा होगा तो आवाज़ मर्दानी हो जायेगी। पर वो कभी बड़ा नहीं हुआ। जिस उम्र में वो खेलने आया था, उससे अधिक बरस खेलकर जब वो रिटायर हुआ, तब भी नहीं। उसकी क़दकाठी ऐसी गोलमटोल थी कि मानों अभी पूरणपोली खाकर आया हो- कढ़ीचट मराठी! लेकिन तेंदुए-सा चपल! जब वो लपककर चौका लगाता था तो नब्बे के दशक का आत्मविश्वास-विहीन भारत झूम उठता था। सचिन की सफलता को अपनी सफलता समझ लेने वाली एक पीढ़ी अब उम्र के चौथे दशक में चली आई है- दैन्य के उन दिनों को दिल में बसाये। जवागल श्रीनाथ जब नया-नया आया था, तब उसके कंधे की हड्डियाँ दीखती थीं। चन्द्राकार हँसुली! गेंद फेंकने के बाद वह हाँफने

#हिन्दू_और_मुसलमान_दोनों_ध्यान_दें

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#हिन्दू_और_मुसलमान_दोनों_ध्यान_दें 250 वर्ष का इतिहास खंगालने पर पता चलता है कि "आधुनिक विश्व मतलब 1800 के बाद जो दुनिया मे तरक्की हुई, उसमें पश्चिमी मुल्कों का ही हाथ है ।" हिन्दू और मुस्लिम का इस विकास में 1% का भी योगदान नहीं है। आप देखिये कि 1800 से लेकर 1940 तक हिंदू और मुसलमान सिर्फ बादशाहत या गद्दी के लिये लड़ते रहे। अगर आप दुनिया के 100 बड़े वैज्ञानिकों के नाम लिखें तो बस एक या दो नाम हिन्दू और मुसलमान के मिलेंगे। पूरी दुनिया मे 61 इस्लामी मुल्क हैं, जिनकी जनसंख्या 1.50 अरब के करीब है, और कुल 435 यूनिवर्सिटी हैं जबकि मस्जिदें अनगिनत है। दूसरी तरफ हिन्दू की जनसंख्या 1.26 अरब के करीब है और 385 यूनिवर्सिटी हैं जबकि मन्दिर अनगिनत है। अकेले अमेरिका में 3 हज़ार से अधिक और जापान में 900 से अधिक यूनिवर्सिटी है़ जबकि इंगलैंड और अमेरिका दोनों देशों में करीब 200 चर्च भी नही हैं। ईसाई दुनिया के 45% नौजवान यूनिवर्सिटी तक पहुंचते हैं। वहीं मुसलमान नौजवान 2% और हिन्दू नौजवान 8 % तक यूनिवर्सिटी तक पहुंचते हैं। दुनिया की 200 बड़ी यूनिवर्सिटी में से 54 अमेरिका, 24 इंग्लेंड, 17 ऑस्ट्रेल

ये कहानी उनके लिए जो इस दुकान को पहचानते हैं । अगर आप इस दुकान को नही

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ये कहानी उनके लिए जो इस दुकान को पहचानते हैं । अगर आप इस दुकान को नही पहचानते तो इस कहानी या यूं कहें इस Situation को समझाना ऐसा है जैसे किसी गूंगे से "पतंजलि शहद" का स्वाद पूछ लिया हो और ऐसा गूंगा जिसने छत्ते वाला शहद Taste कर रखा हो ।  जो अलीगढ़ के हॉस्टल में नही रहा है और जिसने शमशाद से किताबें खरीदने या खोजने नही गया उसे ये समझना काफी मुश्किल होगा । फिर भी कोशिश ये हैं की असल तस्वीर अपनी बातों से खींच पाऊं । मेरे शब्द संरचना का भी लिटमस Test हो जाएगा । इसका Power कहां तक बढ़ा है, जो मैं महसूस करवाना चाहता हूं वहां तक बातें दस्तक भी दे पाती हैं की नही । तो बात आज से करीब करीब 20 साल पहले की है यानी सन 2000 और उसके आस पास का Era । जब मेरा Selection AMU के 10+2 में हुआ था । ये मेरे Life का पहला Competitive एग्जाम था जिसमे मुझे सफलता मिली थी । हालाकि मैं अपने स्कूल का Topper था पर कभी किसी Competitive एग्जाम में अब तक कुछ खास नहीं कर पाया था । एक बार छठी में नेतरहाट दिया था , जिसमे नहीं हुआ । और खुदा का एहसान था की नही हुआ । वरना "छठी रात का दूध" याद आए

भारतीय कोच राहुल द्रविड़ ने कहा है कि रोहित और विराट को आपसी सहमति से

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भारतीय कोच राहुल द्रविड़ ने कहा है कि रोहित और विराट को आपसी सहमति से आराम दिया गया, हम सूर्यकुमार यादव का पूरा समर्थन करते हैं। आर. अश्विन की टीम में एंट्री पर कोच ने कहा कि अश्विन जैसे प्रतिभाशाली गेंदबाज को ट्रायल पर नहीं रखा जाता। आर. अश्विन और वाशिंगटन सुंदर को अक्षर पटेल के संभावित विकल्प के रूप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले 2 ODI के लिए टीम में जगह दी गई है और अगर अक्षर जांघ की चोट से उबरने में नाकाम रहते हैं, तो इन दोनों में से किसी एक को टीम में जगह मिल सकती है। हालांकि यह खबर पहले ही आ चुकी है कि अक्षर पटेल की जगह आर. अश्विन को ही भारतीय वर्ल्ड कप स्क्वाड में चुना जाएगा। भारतीय टीम मैनेजमेंट अश्विन की बैटिंग स्किल्स को दूसरों से बेहतर मानता है। आर. अश्विन के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में चयन पर कोच द्रविड़ ने कहा- मैं यह नहीं कहूंगा कि यह अश्विन के लिए ट्रायल है, हमें उनका लेवल पता है। यह उनके पास वनडे खेलने का मौका है और हम बस उसे 2 या 3 मैच खेलने का मौका देना चाहते हैं। अगर हमारे पास अश्विन जैसा खिलाड़ी है, तो किसी के चोटिल होने पर हम और किस पर भरोसा कर सकते हैं, यह हमा

ये हैं टीम इंडिया के 5 डेथ ओवर के महारथी, जिनके आगे बड़ा सा बड़ा बल्लेबाज कांपता हैं थर-थर, लिस्ट में मोहम्मद शमी का नाम भी हैं शामिल

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ये हैं टीम इंडिया के 5 डेथ ओवर के महारथी, जिनके आगे बड़ा सा बड़ा बल्लेबाज कांपता हैं थर-थर, लिस्ट में मोहम्मद शमी का नाम भी हैं शामिल 2012 में ज़हीर खान के बाद टीम इंडिया में तेज गेंदबाजों की भारी कमी नजर आई। इसके बाद टीम मैनेजमेंट और बीसीसीआई ने मिलकर युद्धस्तर पर अभियान चलाते हुए एक से बढ़कर एक तेज गेंदबाजों को ढूंढ कर निकाला। इसी कर परिणाम है कि आज टीम इंडिया एक साथ तीन अलग अलग मोर्चों पर मुकाबले खेलमे में सक्षम है। आज भारत के पास जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, उमरान मलिक, अर्शदीप सिंह और मोहम्मद शमी जैसे युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का मिलाजुला बेडा है, जो किसी भी विपक्षी टीम के दांत खट्टे करने की क्षमता रखता है। बहरहाल आज हम आपको हमारे ऐसे 5 तेज गेंदबाजों के बारे में बताने जा रहें हैं, जिन्हे डेथ ओवरों में बल्लेबाजों के काल माना जाता है। आइये आपको बताते हैं कि कौन हैं वे गेंदबाज - 1. मोहम्मद शमी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में जन्मे मोहम्मद शमी के पिता भी पहले गेंदबाज हुआ करते थे, लेकिन अधिक सफलता न मिलने के चलते उन्हें किसान बनना पड़ा। शमी के पिता ने अपने पांच बच्चों में से केवल एक

वर्ल्ड कप में बुरा पिटेगा पाकिस्तान, विश्व विजेता बनने का सपना होगा चकनाचूर, ये हैं 4 बड़ी वजह

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वर्ल्ड कप में बुरा पिटेगा पाकिस्तान, विश्व विजेता बनने का सपना होगा चकनाचूर, ये हैं 4 बड़ी वजह भारत पांच अक्टूबर से शुरू हो रहे वनडे वर्ल्ड कप के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने शुक्रवार को अपनी टीम का ऐलान कर दिया है. इंजमाम उल हक की अध्यक्षता वाली सीनियर सेलेक्शन कमेटी ने वो 15 खिलाड़ी चुन लिए हैं जिनके दम पर पाकिस्तान 32 साल बाद वनडे में विश्व विजेता बनने का सपना देख रहा है. पाकिस्तान ने 1992 में इमरान खान की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीता था. इंजमाम उस टीम का हिस्सा थे. इस बार बाबर आजम की कप्तानी में पाकिस्तान वर्ल्ड चैंपियन बनने का ख्वाब पाल रहा है. लेकिन जो टीम उसने चुनी है और जो हालात हैं उन्हें देख तो ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान की वर्ल्ड कप में बुरी फजीहत होने वाली है. पाकिस्तान ने हाल ही में वनडे फॉर्मेट में अच्छा किया है. वह नंबर-1 टीम भी रही है लेकिन बड़ी टीमों के खिलाफ, जहां कॉम्पटीशन टफ होता है वहां पाकिस्तान को घर से बाहर बिखरते देखा गया है. पाकिस्तान ने अधिकतर जीतें जो हासिल की हैं वो अपने घर में हासिल की हैं और विदेशों में उसका प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है. ताजा उदाहरण एशिया कप

गौतम गंभीर ने कहा है कि वर्ल्ड कप में बाबर आजम विराट कोहली google search

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गौतम गंभीर ने कहा है कि वर्ल्ड कप में बाबर आजम विराट कोहली और रोहित शर्मा से ज्यादा अच्छा करेंगे। गौतम गंभीर ने उस खिलाड़ी का नाम लिया है, जो इस बार भारत में होने वाले विश्व कप में कमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बाबर आजम अपनी टीम की किस्मत बदल सकते हैं। दरअसल स्टार स्पोर्ट्स के साथ बात करते हुए गंभीर ने उस खिलाड़ी का चुनाव किया है, जो विश्व कप में अपनी टीम के लिए अहम साबित हो सकते हैं। गौतम गंभीर को विराट कोहली, रोहित शर्मा केन विलियमसन, स्टीव स्मिथ और बाबर आजम में से किसी एक खिलाड़ी को चुनने के लिए कहा गया था, जिनके परफॉर्मेंस पर उनकी नजर रहेगी। इसपर गंभीर ने रिएक्ट किया और सीधे तौर पर बाबर आजम का नाम लिया। गौतम गंभीर ने कहा कि बाबर के पास हर तरह की क्वालिटी है। वह इस विश्व कप में अपने परफॉर्मेंस से धमाल मचा सकते हैं। बाबर आजम दुनियाभर के तमाम गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा सकते हैं। गौतम गंभीर ने कहा कि मैंने कई बल्लेबाजों को देखा है जिनके पास काफी समय होता है, लेकिन बाबर के पास अलग तरह की क्वालिटी है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने आगे कहा कि यकीनन कोहली, रोहित, स्मिथ, वॉर्नर और विलियमसन अप

अब क्यों नहीं हो रहे सचिन, सहवाग, गांगुली जैसे पार्ट टाइमर? राहुल द्रविड़ ने बताया इसका कारण

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अब क्यों नहीं हो रहे सचिन, सहवाग, गांगुली जैसे पार्ट टाइमर? राहुल द्रविड़ ने बताया इसका कारण क्रिकेट में पिछले कुछ समय से एक सवाल उठ रहा है। कई भारतीय फैंस, क्रिकेट एक्सपर्ट्स के मन में भी यह सवाल उमड़ता रहता है। यह सवाल है टीम इंडिया के अंदर विलुप्त होते जा रहे पार्ट टाइम गेंदबाजों को लेकर। एक समय टीम में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, युवराज सिंह जैसे 5वें, छठे और 7वें गेंदबाज के विकल्प मौजूद रहते थे। पर इन दिनों टीम के पास ऐसे विकल्पों की कमी हो गई है। करियर के शुरुआती दौर में विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी भी गेंदबाजी करते थे, पर अब ऐसा देखने को नहीं मिलता है। इसको लेकर टीम इंडिया के मौजूदा कोच और पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने बयान दिया है। भारतीय टीम मैनेजमेंट पिछले कुछ सालों से ऑलराउंडर्स पर ज्यादा फोकस कर रहा है। वहीं बीते सालों में गेंदबाजी के इतने विकल्प होते थे कि टीम की बल्लेबाजी में काफी गहराई देखने को मिलती थी। इन दिनों भारतीय टीम अक्षर पटेल या वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों को लेकर इसलिए बेताब रहती है क्योंकि बल्लेबाज इतनी गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं औ

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ODI सीरीज में चयन ना होने पर संजू सैमसन ने कहा जो है यही है, मैं आगे की ओर बढ़ते रहना चाहता हूं। संजू ने इंस्टाग्राम

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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ODI सीरीज में चयन ना होने पर संजू सैमसन ने कहा जो है यही है, मैं आगे की ओर बढ़ते रहना चाहता हूं। संजू ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करते हुए यह बात लिखी। इसके अलावा उन्होंने फेसबुक पर एक मुस्कुराने वाली इमोजी शेयर की। ऐसा करके संजू सैमसन ने फैंस का दर्द कम करने का प्रयास किया। संजू सैमसन ने 13 वनडे मुकाबलों में 55.71 की औसत से 390 रन बनाए हैं। उनके खाते में 3 अर्धशतक हैं। सैमसन ने अपने आखिरी एकदिवसीय मैच में अर्धशतक जड़ा था। संजू सैमसन का चयन जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले 2 वनडे मैचों के लिए नहीं हुआ, तब इरफान पठान ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अगर मैं अभी संजू सैमसन की जगह होता, तो मुझे बहुत निराशा होती। इसके अलावा रॉबिन उथप्पा ने लिखा है कि इस वक्त कोई भी संजू सैमसन नहीं होना चाहेगा। अगर आप यह कहते हैं कि संजू स्क्वाड में होते, तो भी प्लेइंग XI का हिस्सा नहीं बन पाते। यह रीजन देकर संजू को स्क्वाड में ही ना चुना जाना सरासर गलत है। संजू सैमसन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ODI सीरीज में नहीं चुना गया है। यह तब है, जब सीरीज के पहले 2 वनडे से सीनियर प्लेयर्स को रेस्ट दिया गया है।

अगर गौतम गंभीर चीफ सेलेक्टर बने तो इन 4 खिलाड़ियों का करियर कर देंगे खत्म, लिस्ट में विराट कोहली का नाम हैं सबसे आगे

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अगर गौतम गंभीर चीफ सेलेक्टर बने तो इन 4 खिलाड़ियों का करियर कर देंगे खत्म, लिस्ट में विराट कोहली का नाम हैं सबसे आगे टीम इस समय दुनिया की सबसे मजबूत क्रिकेट टीम बनी हुई है। हाल ही में टीम ने एशिया कप 2023 का खिताब भी अपने नाम किया है और अब भारत की ही धरती पर होने वाले वर्ल्ड कप 2023 की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। जिसमें टीम इंडिया जीत का परचम ही लहराना चाहेगी। इस बात का क्लेरिफिकेशन गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने भी हाल ही में दिया है। गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने अपने बयान में बताया कि यदि भारत की यह टीम वर्ल्ड कप खेलती है, तो निश्चित रूप से जीतने की काफी हद तक संभावना रहेगी। गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के इस बयान के बाद से यह स्पष्ट हो गया है कि वह भारत की टीम में इसी तरह के खिलाड़ी चाहते हैं। लेकिन आज के आर्टिकल में हम आपको बताना चाहेंगे कि यदि गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता बनते हैं। तो वह किन खिलाड़ियों को भारतीय टीम में कभी भी नहीं देखना चाहेंगे। इसको लेकर लंबे समय से ही डिबेट चलती आ रही है, लेकिन आज उनमें से हम चार खिलाड़ियों के बारे में बात करने वाले

मिनार अरबी भाषा का शब्द है जिस का अर्थ है रोशनी की जगह, मिनार को अरब जगत में मि'ज़ना भी कहते हैं जिस का अर्थ है वह जगह जहां से अज़ान दी जाए

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मस्जिद के मिनार  """"""""""""""""""""" मिनार अरबी भाषा का शब्द है जिस का अर्थ है रोशनी की जगह, मिनार को अरब जगत में मि'ज़ना भी कहते हैं जिस का अर्थ है वह जगह जहां से अज़ान दी जाए अल्लाह के रसूल सल्ललाहू अलैहे वसल्लम से पहले अरब में ईसाई संन्यासी अपनी कुटिया के साथ एक बड़ी लकड़ी पर रात में क़िंदील लालटेन से रोशनी करते थे इस लकड़ी को मिनार कहते थे उन का उद्देश्य होता था कि जो राहगीर , मुसाफिर रेगिस्तान में भटक रहा हो वह रोशनी देख कर उन तक पहुंच जाए  अल्लाह के रसूल सल्ललाहू अलैहे वसल्लम और खुलफाए राशिदीन के ज़माने में मस्जिदों पर मिनार नहीं होते थे मस्जिद की छत या मस्जिद के पास किसी ऊंची जगह से अज़ान दी जाती थी जैसा कि हम हज़रत बिलाल के बारे में पढ़ते हैं कि वह छत पर चढ़ कर अज़ान देते थे मस्जिद में मिनार सबसे पहले हज़रत मुआविया के जमाने में बनाए गए खास तौर पर उनके ज़माने में बनी हुई दमिश्क की जामा मस्जिद और ट्यूनीशिया के शहर कैरवान की जामा उक़्बा बिन नाफे पर

मेरे होश का पहला मैच 2003 वर्ल्डकप का फाइनल था। नियम नही पता थे, रिकॉर्ड्स

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मेरे होश का पहला मैच 2003 वर्ल्डकप का फाइनल था। नियम नही पता थे, रिकॉर्ड्स नही मालूम थे। बस उस दिन सोने का बैट थामे हुए सचिन का चेहरा धंस गया जहन में। अजीब लगा मुझे, कि सोने का बैट जीतकर भी कोई खिलाड़ी इस कदर उदास कैसे रह सकता है। फिर मैंने पूछना शुरू किया सचिन कौन है क्या है, उस वक्त जो समझ आया था वो ये था कि लोग सचिन से इतनी मुहब्बत कर चुके थे कि अब नफरत करने लगे थे। वो टीवी देखते हुए चाहते थे कि सचिन खेलता रहे, पर आउट हो जाए तो अपनी खीज सचिन पर उतारते थे। मैं कोशिश करता डिफेंड करने की तो लोग कहते कि ये अपने रिकॉर्ड के लिए खेलता है, टीम से मतलब नही इसको। मैं सिर्फ सचिन के चेहरे के भाव देखता, आउट होने पर, हारने पर, जीतने पर। फिर वो वक्त भी आया कि सचिन का आखिरी टेस्ट था, सचिन बाइस गज की उस पिच को ऐसे देख रहे थे जैसे इसके बाहर की दुनिया में सचिन के लिए कुछ भी नही है। मुझे लगा अब कोई फैन नही बना सकता मुझे अपना, अब किसी के स्कोर जानने भर के लिए मैं क्लास बंक नही कर सकता।सचिन के रिटायरमेंट के टाइम तक विराट कोहली ने अपना नाम रुतबा ठीक ठाक बना लिया था। पर मैं फैन नही था कोहली का। फिर एक मैच

पाकिस्तान की मेहमाननवाजी से खुश नजर आए राजीव शुक्ला

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IND vs PAK के बीच कब शुरु होगी द्विपक्षीय श्रृंखला? पाकिस्तान से लौटे BCCI अधिकारी ने किया खुलासा। क्रिकेट प्रशंसकों की कमी नहीं है। क्रिकेट मैच देखने के लिए स्टेडियम में दर्शकों की भारी भीड़ रहती है। और ऐसे में अगर IND vs PAK के बीच क्रिकेट का मैच हो तो क्रिकेटप्रेमियों का उत्साह देखते ही बनती है। क्योंकि चीर प्रतिद्वंद्वी भारत औऱ पाकिस्तान के बीच मुकाबला काफी दिलचस्प हो जाती है। ऐसे में सभी क्रिकेट प्रेमियों में बस एक ही सवाल उठता है,कि आखिर कब से शुरु होगा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुक़ाबला? चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर कब से शुरु होगा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय श्रृंखला? क्योंकि इस बात का खुलासा खुद BCCI के अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने किया है। IND vs PAK:पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने BCCI के प्रेसिडेंट रोजर बिन्नी और उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला के लिए स्पेशल डिनर का आयोजन किया था। बीसीसीआई के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बुधवार को दोनों पाकिस्तान का दौरा करने के बाद अमृतसर में अटारी-बाघा पहुंचे। हिन्दुस्तानी सरजमीं में दाखिल होने के बाद बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने इस बात की जान

विज्ञान समेत 55 विषयों में माहिर थे आला हजरत, विश्‍व की 100 यूनिवर्सिटी में उनके जीवन पर हो रहे शोधKnowledge of Imam Ala Hazrat

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-विज्ञान समेत 55 विषयों में माहिर थे आला हजरत, विश्‍व की 100 यूनिवर्सिटी में उनके जीवन पर हो रहे शोध Knowledge of Imam Ala Hazrat  Dargah Ala Hazrat News: आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी ऐसी शख्शियत थे, जिन्होंने देश दुनिया की तमाम समस्याओं को हल कर दिया था। वह समसायिक विषयों पर काफी प्रखर होकर तर्कों के साथ विचार व्यक्त करते, जिसका अनुसरण अब तक लोग कर रहे हैं। आज से आला हजरत का 105वां उर्स-ए-रजवी दरगाह और मदरसा जामियातुर रजा में शुरू हो रहा है। वह गणित और विज्ञान समेत 55 विषयों में माहिर थे। मरकजी दारूल इफ्ता के वरिष्ठ मुफ्ती मुहम्मद अब्दुर्रहीम नश्तर फारुकी ने कहा कि दुनिया की तकरीबन सौ यूनिवर्सिटी में आला हजरत की जिंदगी और खिदमात (कारनामों) पर तहकीक (शोध) हो रही है। जैसे-जैसे तहकीक आगे बढ़ रही है, आपकी जिंदगी और इल्मी कारनामों के नई-नई बातें सामने आ रही हैं। दुनिया के बड़े-बड़े दानिशवर (बुद्धिजीवी) ये देख कर हैरान हैं कि इमाम अहमद रजा की जाते गिरामी इतने विषयों में कैसे माहिर थे। ऐसी शख्सियत सैकड़ों साल बाद कोई एक पैदा होती है। उन्होंने बड़े से बड़े विज्ञानियों

विज्ञान समेत 55 विषयों में माहिर थे आला हजरत, विश्‍व की 100 यूनिवर्सिटी में उनके जीवन पर हो रहे शोधKnowledge of Imam Ala Hazrat

-विज्ञान समेत 55 विषयों में माहिर थे आला हजरत, विश्‍व की 100 यूनिवर्सिटी में उनके जीवन पर हो रहे शोध Knowledge of Imam Ala Hazrat  Dargah Ala Hazrat News: आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी ऐसी शख्शियत थे, जिन्होंने देश दुनिया की तमाम समस्याओं को हल कर दिया था। वह समसायिक विषयों पर काफी प्रखर होकर तर्कों के साथ विचार व्यक्त करते, जिसका अनुसरण अब तक लोग कर रहे हैं। आज से आला हजरत का 104वां उर्स-ए-रजवी दरगाह और मदरसा जामियातुर रजा में शुरू हो रहा है। वह गणित और विज्ञान समेत 55 विषयों में माहिर थे। यह भी पढ़ें:- Urs E Razvi 2022: आज से उर्स-ए-रजवी का आगाज, बड़ी संख्‍या पहुंच रहे जायरीन, चप्‍पे-चप्‍पे पर सुरक्षा मरकजी दारूल इफ्ता के वरिष्ठ मुफ्ती मुहम्मद अब्दुर्रहीम नश्तर फारुकी ने कहा कि दुनिया की तकरीबन सौ यूनिवर्सिटी में आला हजरत की जिंदगी और खिदमात (कारनामों) पर तहकीक (शोध) हो रही है। जैसे-जैसे तहकीक आगे बढ़ रही है, आपकी जिंदगी और इल्मी कारनामों के नई-नई बातें सामने आ रही हैं। दुनिया के बड़े-बड़े दानिशवर (बुद्धिजीवी) ये देख कर हैरान हैं कि इमाम अहमद रजा की जाते गिरामी इतने विषयो

खतरें में पड़ा अख्तर का 161.3 kmph का रिकॉर्ड, उमरान मलिक के भाई ने रखा क्रिकेट की दुनिया में कदम, स्पीड देख बल्लेबाजों में खौफ

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खतरें में पड़ा अख्तर का 161.3 kmph का रिकॉर्ड, उमरान मलिक के भाई ने रखा क्रिकेट की दुनिया में कदम, स्पीड देख बल्लेबाजों में खौफ क्रिकेट इतिहास के सबसे तेज गेंदबाज पाकिस्तान टीम के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) को माना जाता है। क्रिकेट से शोएब अख्तर ने भले ही संन्यास ले लिया हो लेकिन उनकी गेंदबाजी आज भी क्रिकेट खिलाड़ियों और फैंस के द्वारा देखी जाती है। बता दें कि, इंटरनेशनल क्रिकेट में शोएब अख्तर ने ही सबसे तेज गेंद डाली है और उनकी स्पीड रही 161.3 kmph थी। जिसे आज तक किसी तेज गेंदबाज ने नहीं तोड़ पाया है। लेकिन अब शोएब अख्तर का यह रिकॉर्ड खतरे में हैं और उसे कोई और नहीं बल्कि भारतीय गेंदबाज तोड़ सकता है। टीम इंडिया के तेज गेंदबाज उमरान मलिक से ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी यह गेंदबाज उमरान मलिक का रिकॉर्ड तोड़ेगा। लेकिन अब उमरान मलिक नहीं बल्कि उनके भाई ने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखकर तबाही मचा दी है और ऐसा माना जा रहा है की उमरान मलिक के भाई कहे जाने वाले यह गेंदबाज सबसे तेज गेंद का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना सकता है। उमरान मलिक नहीं उनके भाई में है दम टीम इंडिया के लिए सबसे तेज गेंद

राशिद खान को अफगानी पारी की अंतिम 4 गेंद पर स्ट्राइक नहीं मिली और इसलिए

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राशिद खान को अफगानी पारी की अंतिम 4 गेंद पर स्ट्राइक नहीं मिली और इसलिए टीम एशिया कप से बाहर हो गई। अफगानिस्तान अगर 37.1 ओवर में श्रीलंका के खिलाफ 292 रन चेज कर लेता, तो सुपर 4 में पहुंच जाता। अगर 37.4 ओवर में 295 रन बना लेता, तब भी सुपर 4 में पहुंच जाता। यहां तक कि 38.1 ओवर में 297 रन बनाने पर भी टीम क्वालीफाई कर जाती। पर अफगानी ड्रेसिंग रूम को दूसरा-तीसरा कैलकुलेशन पता ही नहीं था। अफगानिस्तानी कोच ने मैच के बाद कहा कि हमें बाकी दोनों इक्वेशन नहीं बताए गए थे। 292 का लक्ष्य चेज करते हुए धनंजय के 38वें ओवर की पहली गेंद पर मुजीब-उर-रहमान लॉन्गऑन पर लपके गए और अफगानिस्तान को लगा कि वह क्वालीफाई करने की दौड़ से बाहर हो गया। इस वक्त अफगानिस्तान का स्कोर 9 विकेट के नुकसान पर 289 रन हो गया। नए बल्लेबाज फजलहक फारूकी ने अगली 2 गेंदें डॉट खेलीं और चौथी गेंद पर LBW हो गए। इन तीनों में से अगर एक भी बॉल राशिद खान ने खेल ली होती, तो वह छक्का जड़कर स्कोर को 295 पहुंचा सकते थे। इसी के साथ अफगानिस्तान सुपर 4 के लिए क्वालीफाई कर जाता। पर ऐसा नहीं हो सका। फारूकी को लगा कि हम तो ऐसे भी एशिया कप से बाहर हो

बहू अगर तुम्हारी इजाजत हो तो क्या मैं अपने बेटे को घर ले जा सकता हूं.......!?**घर में बहुत शांति

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*बहू अगर तुम्हारी इजाजत हो तो क्या मैं अपने बेटे को घर ले जा सकता हूं.......!?* *घर में बहुत शांति पसरी हुई थी। अगर पत्ते भी हिलते तो उनकी आहट तक सुनाई दे रही थी। उससे ज्यादा मौन और खामोशी तो वैदेही जी के मन में थी। घर में दो शख्स मौजूद थे पर उसके बावजूद दोनों अलग-अलग कमरों में थे। अचानक गिलास गिरने की आवाज आई तब वैदेही जी की तंद्रा टूटी। उठकर रसोई में गई तो देखा पति सोमेश जी जमीन पर गिरे पानी को साफ कर रहे थे।* *आप रहने दीजिए। मैं साफ कर देती हूं* *पानी पीने आया था। पता नहीं अचानक हाथ से गिलास कैसे गिर* *अरे रे कोई बात नहीं। हो जाता है कभी-कभी कभी कहती कहती वैदेही जी सोमेश जी के हाथ से पोछा लेकर फर्श साफ करने लगी। सोमेश जी को उनकी यह चुप्पी बर्दाश्त नहीं हो रही थी इसलिए वो बोले* *चलो, पड़ोस के मंदिर में संध्या आरती करके आते हैं* *मेरा मन नहीं है जी। आपको जाना है तो आप जाइए* *आखिर कब तक बेटे का इंतजार करती रहोगी। चार पांच दिन बाद आ जाएगा ना...* *हां, पता है कैसे आएगा... वैदेही जी ने तंज कसते हुए कहा।* *अब छोड़ो भी। क्यों उम्मीद करके बैठी हो। बेवजह जितना ज्यादा उम्मीद करोगी उतना ही तुम