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नवंबर, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मोहम्मद शमी के पिता तौसीफ अली अमरोहा के सबसे तेज गेंदबाज हुआ करते

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मोहम्मद शमी के पिता तौसीफ अली अमरोहा के सबसे तेज गेंदबाज हुआ करते थे। उनके यॉर्कर अक्सर बल्लेबाजों के डंडे बिखेर देते थे। दुनिया भर के लोग कहते थे कि जाओ और जाकर क्लब में प्रोफेशनल क्रिकेट की ट्रेनिंग लो। तुमसे बड़ा क्रिकेटर पूरे उत्तर प्रदेश में दूसरा कोई नहीं होगा। पर तौसीफ अली के पास पैसे नहीं थे। सलाह तो हर कोई देता था, लेकिन आर्थिक सहायता करने वाला कोई नहीं था। मोहम्मद शमी के पिता ने इसी को अपना मुकद्दर मान लिया। अम्मी-अब्बू के कहने पर पारिवारिक जिंदगी शुरू कर दी। तौसीफ अली को 5 बेटे हुए और पांचों के भीतर क्रिकेट शुरू से रचा बसा हुआ था। इन सब में नन्हा शमी सबसे तेज था। अब्बू की क्रिकेट की ट्रेनिंग में सबसे जल्दी मोहम्मद शमी नई चीज सीखते थे। तौसीफ अली को यकीन हो गया कि मेरा क्रिकेटर बनने का अधूरा ख्वाब मोहम्मद शमी पूरा करेगा। तौसीफ अली को एहसास था कि वह बड़े क्रिकेटर क्यों नहीं बन सके? वह बेटे के सपने को पूरा करने के लिए हर हद से गुजर जाने को तैयार थे। तौसीफ अली बेटे के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते थे। जब मोहम्मद शमी की उम्र 15 साल थी, तब तक तौसीफ अली ही बेटे को गेंदबाजी क

पदम... ओ... पदमनवंबर आ गया है.

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पदम...  1 पदम... ओ... पदम नवंबर आ गया है... मेरे प्रिय फूल सारे जा चुके हैं ना जाने कहाँ... और फूलों के तो प्रेत भी नहीं भटकते... पेड़ तो जानते ही नहीं आत्मा... ओह उनका रूह से विहीन दर्द... बिलकुल दैहिक एकदम भौतिक  पत्तियों के गिर जाने से पेड़ों पर बने घाव भरने में वक़्त लगता है... पत्तियों का गिरना चुभता है मुझे... देखो तो उड़ती हुई चिनार की कंटीली पत्तियां... दैहिक दर्द ! भौतिक पीड़ा! पदम...मैं बसंत के इंतज़ार में हूँ... मैं अपने उजाड़ के साथियों की बाट जोह रहा हूँ... वो पहुँचते होंगे... और हम मिलेंगे उदासियों के तल में... वही जगह हैं जहाँ मिलने में कोई अवरोध नहीं होता... मैं अपने दुःखो का शुक्रगुज़ार फूलों की मौत पर रोने बैठता हूँ तो तुम खिल जाते हो...ठीक उसी वक़्त जब मेरे आँसू मेरी आँखों के भीतर ही ढूंढ रहे होते हैं ठंडी और नम जगह... तुम मेरे मस्तिष्क में दौड़ने लगते हो...ये गुलाबी रंगत तुम्हारी मुझे मेरे दुःखो को जीने नहीं देती... ओह मेरे आत्मा से विहीन दुःख बिलकुल दैहिक एकदम भौतिक  पदम... क्या कहना चाहते हो?? तुम क्या दिखाना चाहते हो?? तुम मेरे दुःखो को छीन लेना चाहते हो क्या तुम प्रतिस्था

मेरा एक दोस्त था... बहुत ख़ास, बहुत करीबी.. उसके घर आना जाना, माँ को माँ

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मेरा एक दोस्त था... बहुत ख़ास, बहुत करीबी.. उसके घर आना जाना, माँ को माँ कहना, बहन को बहन, भाई को भाई.. सब रिश्तेदारो में जान पहचान.. हम बाइक पर लंबे लंबे सफर करते थे.. फिल्मे देखते थे, रेस्टोरेंट जाते थे।  एक दिन उसकी शादी की तारीख़ तय हो गई। कार्ड छपे साहब लक्ज़र, महंगे.. उसकी औकात से बाहर.. ये मुझे पता है.. बाने बिठाई, रातिजोगा, बारात रवानगी, निकाह का समय, फिर वलीमा.. सारा टाइम टेबल सलीके से लिखा हुआ था। दोस्त की शादी होती है तब दोस्त को बहुत ख़ुशी होती है.. वो हमाली बन जाता है पूरा.. मैं भी ख़ुश था और हमाली बनने के लिए तैयार।  हमारे यहाँ शादी से एक दिन पहले "रातिजोगा" मनाने का कल्चर है। यानी सारे लोग रात जागते हैं, सेलेब्रेट करते हैं। रातिजोगा की रात उन्होंने सड़क पर स्टेज लगाया। मैं ईशा की नमाज़ पढ़कर फ़ारिग हुआ था, और उसके घर की तरफ चल दिया। जाकर देखा, कान फाडू संगीत चल रहा है, अश्लील गाने बज रहे हैं.. पूरा खानदान नाच रहा है.. माँ, बहने, जीजा, बूढ़े बच्चे जवान सब मुन्नी के नाम पर कूद रहे हैं। मुँह में नोटों की पत्तियां लेकर नाच रहे हैं.. और नाचने वाले कौन? मज़दूर, मेकेनिक, कारीगर,

हाई वोल्टेज मुकाबले में बांग्लादेश ने श्रीलंका को 3 विकेट से हरा दिया है। 280 के टारगेट

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हाई वोल्टेज मुकाबले में बांग्लादेश ने श्रीलंका को 3 विकेट से हरा दिया है। 280 के टारगेट को बांग्लादेश ने 41.3 ओवर में 7 विकेट खोकर हासिल कर लिया है। यह मैच एंजलो मैथ्यूज और शाकिब अल हसन के विवाद की वजह से यादगार बन गया। शाकिब ने एंजलो टाइम आउट किया, बदले में मैथ्यूज ने शाकिब का विकेट चटकाने के बाद घड़ी देखकर उनका वक्त खत्म होने का इशारा किया। दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में बांग्लादेश ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया। दोनों ही टीमें वर्ल्ड कप से बाहर हो चुकी थीं, ऐसे में किसी को इस मैच में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी। शोरीफुल इस्लाम के पहले ओवर की अंतिम लेंथ बॉल ऑफ स्टंप से ठीक-ठाक बाहर थी। कुसल परेरा चाहते, तो इसे आराम से छोड़ सकते थे। पर उन्होंने कवर्स के ऊपर से चौका लगाने का जोखिम लिया। बल्ले का मोटा किनारा मुशफिकुर रहीम के हाथ पहुंच गया।  परेरा ने बनाए 4 और श्रीलंका को 5 पर पहला झटका लग गया। बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अल हसन के 12वें ओवर की तीसरी फुलर लेंथ गेंद को लॉन्गऑन के हाथ में खेल कर श्रीलंकाई कप्तान कुसल मेंडिस भी 19 रन बनाकर चलते बने। तंजीम हसन के 13वें ओवर की तीसरी

शाकिब अल हसन ने स्वीकार किया है कि तमीम इकबाल और उनकी लड़ाई बांग्लादेश

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शाकिब अल हसन ने स्वीकार किया है कि तमीम इकबाल और उनकी लड़ाई बांग्लादेश पर वर्ल्ड कप में भारी पड़ गई। शाकिब ने यह बयान नीदरलैंड के खिलाफ 87 रन से मैच हारने के बाद दिया। 6 मैच में 1 जीत और 5 हार के साथ बांग्लादेश पॉइंट्स टेबल में नवें स्थान पर है। शाकिब ने कहा है कि यह वर्ल्ड कप के इतिहास में हमारा सबसे घटिया प्रदर्शन है। तमीम इकबाल और शाकिब अल हसन बांग्लादेशी क्रिकेट के दो सबसे बड़े चेहरे हैं। तमीम लगभग 17 साल से क्रिकेट खेल रहे हैं। 6 जुलाई 2023 को अचानक उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में तमीम इकबाल फूट-फूट कर रोए। बांग्लादेश में कोहराम मच गया। हालात यहां तक आ गए कि प्राइम मिनिस्टर शेख हसीना ने तमीम को अपने घर बुलवाया और उनसे संन्यास वापस लेने की अपील की।  तमीम इकबाल ने शेख हसीना की बात मान ली और संन्यास से वापसी कर ली। यह बात शाकिब अल हसन को पसंद नहीं आई। दरअसल शाकिब इस बात से भी नाराज थे कि तमीम ने अचानक बांग्लादेश की कप्तानी छोड़ दी थी। संन्यास के बाद तमीम इकबाल वापस आए और न्यूजीलैंड के खिलाफ होम सीरीज में अर्धशतक जड़ा।

मोहम्मद शमी... वर्ल्ड कप में भारत का हीरो। यह नाम अब भारत के घर-घर में लोकप्रिय हो चुका है।

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हर हिन्दुस्तानी को ऐतबार था, उसपर जुनून सवार था हवा में उड़ते स्टंप देख लगा, शेर ज्यादा ही खूंखार था ❤️ मोहम्मद शमी... वर्ल्ड कप में भारत का हीरो। यह नाम अब भारत के घर-घर में लोकप्रिय हो चुका है। जब भी मोहम्मद शमी को गेंद थमाई जाती है, विपक्षी बल्लेबाजों की धड़कन बढ़ जाती है। उन्हें लगता है कि अब तो खैर नहीं। इस आदमी ने अपनी निजी जिंदगी में जो कुछ भुगता है, उसे सोच कर भी कलेजा कांप जाता है। मोहम्मद शमी की बीवी ने सरेआम उनकी इज्जत हवा में उछलने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। उन्होंने इशारों-इशारों में मोहम्मद शमी पर आतंकवाद से रिश्ते और मैच फिक्सिंग तक का आरोप मढ़ दिया। भारतीय क्रिकेट में कोहराम मच गया। एक वर्ग था, जिसने मोहम्मद शमी को भारतीय टीम से बाहर करने की मांग शुरू कर दी। मोहम्मद शमी को क्रूर इंसान के तौर पर पेश किया गया। बंगाल से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले मोहम्मद शमी को टीम से बर्खास्त करने की मांग उठी। मीडिया में दिन-रात मोहम्मद शमी के खिलाफ अनाप-शनाप बयानबाजी की गई। बगैर किसी जांच के मोहम्मद शमी दोषी करार दे दिए गए थे। उन्हें एक अबला नारी पर हिंसा करने वाले राक्षस के रूप में पे

उत्तर प्रदेश के अमरोहा के लोकल टूर्नामेंट में तौसीफ अली नाम के एक तेज गेंदबाज

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उत्तर प्रदेश के अमरोहा के लोकल टूर्नामेंट में तौसीफ अली नाम के एक तेज गेंदबाज का बोलबाला था। तौसीफ तेज गेंदबाजी का शौक और हुनर दोनो रखते थे। लोग बाग सलाह भी देते कि क्लब में जाओ, ट्रेनिंग करो डोमेस्टिक में जा सकते हो। पर तौसीफ अली किसान परिवार से थे, डोमेस्टिक या नेशनल के लायक तैयारी के लिए न पैसे थे, ना ही उम्र बची थी। एक समय आया जब तौसीफ अली ने स्वीकार कर लिया कि शायद ये खेती किसानी ही उनका मुकद्दर है, प्रोफेशनल क्रिकेट के लिए देर हो चुकी है। तौसीफ अली भारतीय टीम के फास्ट बॉलर का सपना दिल में दफन करके अपनी आम जिंदगी में लौट आए। शादी हुई, खेती किसानी से परिवार पाला। पांच बेटे हुए, और सबके अंदर क्रिकेट को लेकर दीवानगी। तौसीफ अली को मालूम था कि उनसे कहा कहा गलती हुई थी, क्या क्या नही हुआ जिसकी वजह से उन्हें अपने सपने मारने पड़े। वो अपने बच्चो के साथ ऐसा कुछ नही होने देना चाहते थे। पंद्रह साल तक अपने बेटे को गेंदबाज बनने के लिए खुद ट्रेन करते रहे, अपने तजरबे अपनी गलतियों का निचोड़ उन्होंने अपने बेटे की राह में रख दिए। बेटे को बस चलना था और वो हासिल करना था जिसे हासिल करने की जद्दोजहद का

रजा बिन हैवा ( رجاء بن حيوى ) जो गुंबद ए सखरा के आर्कटिक थे

रजा बिन हैवा ( رجاء بن حيوى ) जो गुंबद ए सखरा के आर्कटिक थे  """'"''"'"""""""""'""""""""""""" रजा बिन हैवा कौन थे ? वह हाफ़िज़ भी थे आलिम भी, मोहद्दिस भी थे फक़ीह भी , इंजीनियर भी थे आर्कटिक भी, एक खलीफा के समय मंत्री का पद संभाला और तीन खलीफा के मुशीर अर्थात political adviser रहे सब से बढ़ कर उनकी गिनती बड़े ताबेईन में होती है उन्होंने हज़रत मोआज़ बिन जबल और हज़रत ओबादा बिन सामित जैसे सहाबा से शिक्षा प्राप्त की और इमाम ज़ोहरी जैसे बड़े इमाम इनके शागिर्द थे  इनका पूरा नाम रजा बिन हैवा कंदी था फलस्तीन के शहर बैसान में सन् 660 में एक ईसाई परिवार में इनका जन्म हुआ 15 साल के हुए तो इनके पिता ने इस्लाम कबूल कर लिया उनके साथ ही रजा बिन हैवा भी मुसलमान हो गए  15 साल की उमर के बाद उन्होंने इस्लामी शिक्षा हासिल करना शुरू की परंतु अपनी लगन व काबिलियत के कारण वह मुकाम हासिल कर लिया कि उनकी गिनती इस्लामी इतिहास के चोटी के उल्मा मोहद्दिसीन और

जिमी नीशम यानी सबसे अनलकी इंटरनेशनल प्लेयर। नीशम के दर्द ने फिर एक बार

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जिमी नीशम यानी सबसे अनलकी इंटरनेशनल प्लेयर। नीशम के दर्द ने फिर एक बार दुनिया भर के क्रिकेट फैंस को रुला दिया। अगर आपने कभी जिंदगी में बल्ला पकड़ा है, तो इस आदमी के सीने में दौड़ रही सुनामी को महसूस कर पाएंगे। आंखों से लगातार आंसू बह रहे हैं और लगातार दूसरी बार मंजिल पर पहुंचकर दहलीज पार ना कर पाने का दर्द सीने में खंजर की तरह चुभ रहा है। आपको 2019 वर्ल्ड कप फाइनल की तरफ ले चलते हैं। उस दिन न्यूजीलैंड ने 242 का टारगेट सेट किया था, लेकिन इंग्लैंड भी 241 पर आउट हो गया। जिमी नीशम ने 7 ओवर में 43 रन देकर 3 विकेट हासिल किए। मैच टाई होने के बाद सुपर ओवर हुआ। सुपर ओवर में इंग्लैंड ने 15 रन बनाए और कीवी टीम को जीत के लिए 16 बनाने थे। न्यूजीलैंड की तरफ से मार्टिन गुप्टिल और जिमी नीशम की जोड़ी बल्लेबाजी के लिए उतरी।  उस दिन फाइनल में सुपर ओवर जीतने के लिए न्यूजीलैंड को अंतिम गेंद पर 2 रन चाहिए थे। गुप्टिल ने जोफरा आर्चर की फुलर लेंथ गेंद को डीप स्क्वायर लेग की दिशा में खेला और दूसरे रन के लिए भागे। जेसन रॉय ने स्ट्राइकर्स और पर थ्रो कर दिया और मार्टिन गुप्टिल रन आउट हो गए। मैच टाई हो गया, लेकिन