भूगोल शास्त्री इदरीसी का पुरा नाम अबू अब्दुल्ला मुहम्मद अल-इदरीसी है. वो मुस्लिम
अबू अब्दुल्ला मुहम्मद अल-इदरीसी
(1100 ई. - 1166 ई.)
भूगोल शास्त्री इदरीसी का पुरा नाम अबू अब्दुल्ला मुहम्मद अल-इदरीसी है. वो मुस्लिम भूगोलवीद् , मानचित्र कार और वैज्ञानिक भी थे. इदरीसी का जन्म स्पेन के क़स्बे सिब्ता में हुआ. उन्होंने क़िरतबा में प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की. उसके बाद आपको विभिन्न देशों की यात्रा का शौक हुआ. लिस्बन, मोराक्क़ो, कुस्तुनतुनिया(Constantinople) और एशियाई कूचक से इंग्लैंड और फ्रांस तक गए.
पचास वर्ष की आयु में इदरीसी नोरमन शासक रोजर द्वितीय के दरबार में अच्छे पद पर आसीन हो गये. वह शासक विद्या का शौकीन था. उसने इदरीसी से संसार का नमुना बनाने को कहा. इदरीसी ने वह नमुना 450 पाउण्ड चांदी से तय्यार किया. उन्होंने अपने नमुने में अंतरीक्ष को चक्र के रुप में दिखाया है.
रोजर ने विभिन्न देशों की भूगोलिक स्थिति को पाता लगाने के लिए अपने आदमी वहां भेजें. उन्होंने जो ब्योरा दिया उसके आधार पर एक पुस्तक " नुज़हस्तुल मुशताक़" लिखी. उन्होंने संसार को जलवायु के हिसाब से सात कटिबंधों में विभाजित किया. उनकी किताब किंग रोजर के नाम अर्पित है इसीलिए उसका नाम रोजरी भी है. रोजर के दरबारी होने के कारण उन्हें इटली, फ्रांस और जर्मनी के लोगों से मिलने और उनके हालात जानने में आसानी रही. इदरीसी से पहले अरब भूगोल शास्त्रीयों की पुस्तकों में इन देशों की स्थिति का पता नहीं चलता.
इदरीसी ने विभिन्न क्षेत्रों के देशांतर और अक्षांश तैयार किया. उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों की दूरियों को नाप कर पता लगाया. इदरीसी की किताबों का सबसे पहले एक फ्रांसीसी यूबर ने अनुवाद किया. कुछ विद्वान उन्हें अपने युग का सबसे बड़ा मानचित्र बनाने वाला ( Cartographer) कहते हैं. उनका बनाया हुआ एक मानचित्र शारजाह के इस्लामिक म्यूज़ियम में आज भी रखा हुआ है.
"क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्कोडिगामा ने जीन नक्शों का इस्तेमाल किया था दुनिया ढुंढने के लिए उसे मोहम्मद अल-इदरीसी ने बनाया था".
नोट :- मुहम्मद अल-इदरीसी को हज़रत हसन बिन अली के खानदान से बताया जाता है. बाकी वल्लाहु आलम...
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