पाकिस्तान की टीम में सिर्फ 3 प्रॉब्लम हैं- इसे बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग नहीं आती
पाकिस्तान की टीम में सिर्फ 3 प्रॉब्लम हैं- इसे बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग नहीं आती
Inglendऔर ऑस्ट्रेलिया एक दूसरे की जबरदस्त विरोधी टीम हैं. एशेज सीरीज का इतिहास इस बात को दिखाता है. दोनों ही टीम में कांटे की टक्कर होती है. मैदान के भीतर भी, बाहर भी. दोनों ही टीमों में एशेज सीरीज के दौरान जबरदस्त छींटाकशी का इतिहास रहा है.
इस तनातनी में दोनों देशों का मीडिया भी ‘इनवॉल्व’ रहता है. वो भी एक दूसरे पर हमला करता रहता है. क्रिकेट गलियारों में एक पुराना किस्सा बड़ा मशहूर है. एशेज सीरीज से पहले एक देश की मीडिया ने दूसरी टीम के लिए लिखा, इस टीम में सिर्फ तीन परेशानियां हैं- इसे बैटिंग नहीं आती, बॉलिंग नहीं आती और फील्डिंग नहीं आती. बरसों पुराना ये किस्सा आजकल पाकिस्तान की टीम पर लागू होता दिख रहा है.
दिलचस्प बात ये है कि यहां ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड नहीं बल्कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की टक्कर चल रही है. पाकिस्तान की टीम इस वक्त दुनिया की नंबर 2 वनडे टीम है, जबकि अफगानिस्तान नंबर 9. नंबर 9 और नंबर 2 की टीम के प्रदर्शन में फर्क होना चाहिए. बावजूद इसके अफगानिस्तान की टीम ने पाकिस्तान के पसीने छुड़ा दिए. पहले मैच में बल्लेबाजी की पोल खुली, दूसरे मैच में गेंदबाजी की. खराब फील्डिंग से रन आउट भी मिस होते रहे.
पहले मैच में 50 ओवर बल्लेबाजी नहीं कर पाई थी टीम
पहले मैच में पाकिस्तान की टीम ने 142 रन के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. लेकिन असली खबर ये नहीं थी. असली खबर ये थी कि पाकिस्तान की टीम के बल्लेबाज अफगानिस्तान के गेंदबाजों के सामने 50 ओवर तक नहीं टिक पाए. स्कोरबोर्ड पर रन भी सिर्फ 201 ही जुड़े थे. ऐसे में जिसने जिसने इस पक्ष को देखा उसने कहा कि ये पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी है. जिसे 142 रन से जीत दिखी वो अभी सर पीट रहे हैं. पहले मैच में इमाम उल हक़ के अर्धशतक को छोड़ दें तो पाकिस्तान का टॉप ऑर्डर बुरी तरह फ्लॉप हुआ था. कप्तान बाबर आजम तो खाता खोलने तक में नाकाम रहे थे. अफगानिस्तान के स्पिनरों ने पाकिस्तान के बल्लेबाजों को जिस तरह छकाया था उससे स्पिन के खिलाफ उनकी कमी भी सामने आई थी. वो तो भला हो पाकिस्तानी गेंदबाजों का जिन्होंने अफगानिस्तान के बल्लेबाजों को जमने ही नहीं दिया. सिर्फ 19.2 ओवर बल्लेबाजी करने के बाद पूरी अफगान टीम 59 रन पर सिमट गई. एशिया कप के बाद वर्ल्ड कप की चुनौती है. वर्ल्ड कप भारतीय पिचों पर खेला जाना है. जहां स्पिन गेंदबाजों का बोलबाला तय है. ये खतरा तब और बढ़ जाता है जब पता चलता है कि वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान और पाकिस्तान का मुकाबला चेन्नई में है. जो स्पिन फ्रेंडली विकेट है.
दूसरे मैच में गेंदबाजों का रहा बुरा हाल
पाकिस्तान क्रिकेट में जिन लोगों को पहले मैच में गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन पर फक्र था उन्हें दूसरे मैच में गहरी चोट लगी. अफगानिस्तान के सलामी बल्लेबाजों ने पाकिस्तानी गेंदबाजों की जमकर कुटाई की. कई रिकॉर्ड बने. जिसका जिक्र हम आगे करेंगे. पहले आपको बताते हैं कि पाकिस्तानी गेंदबाजों को पहला विकेट 227 रन बाद मिला. 238 गेंद फेंकने के बाद अफगानिस्तान का पहला विकेट गिरा. ये हालात उन गेंदबाजों के थे जिनके दम पर पाकिस्तान वर्ल्ड कप जीतने के सपने देख रहा है. शाहीन शाह अफरीदी और हारिस रउफ का नाम आप तुरंत ले सकते हैं.
शाहीन शाह अफरीदी तो दुनिया के टॉप 10 गेंदबाजों में शुमार हैं. लेकिन इन दोनों ही गेंदबाजों का अफगानिस्तान के सलामी बल्लेबाज रहमनुल्लाह गुरबाज और इब्राहिम ज़ादरान ने बुरा हाल किया. हारिस रउफ को तो पहले मैच में 5 विकेट मिले थे. लेकिन दूसरे मैच में वो ना सिर्फ विकेट के लिए तरसते रहे बल्कि वो पाकिस्तान के सबसे महंगे गेंदबाज भी साबित हुए. उन्होंने 10 ओवर का अपना कोटा भी पूरा नहीं किया. रहमनुल्लाह गुरबाज और इब्राहिम ज़ादरान ने वनडे क्रिकेट के इतिहास में पहले विकेट
ज़ादरान ने वनडे क्रिकेट के इतिहास में पहले विकेट के लिए सबसे ज्यादा रन जोड़ने वाले बल्लेबाजों की फेहरिस्त में अपना नाम जरूर लिखवा लिया. इस लिस्ट में अब वो तेरहवें नंबर पर काबिज हैं.
लिमिटेड ओवर में क्यों फंस रही है पाकिस्तान की टीम
टेस्ट फॉर्मेट की बात अभी छोड़ देते हैं. उस फॉर्मेट में पाकिस्तान की परेशानियां अलग हैं. लेकिन लिमिटेड ओवरों में पाकिस्तान की टीम फंसी हुई है. दूसरे वनडे को छोड़ दें तो उसके गेंदबाज फिर भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. बल्लेबाजी में पाकिस्तान की टीम अब भी डेढ़-दो दशक पहले वाली क्रिकेट खेल रही है. जो पौने तीन सौ रन के आस-पास होती थी. विश्व क्रिकेट में अब टीमें साढ़े तीन सौ रन के आस-पास की क्रिकेट खेल रही हैं. दुनिया की सभी बड़ी टीमों ने ऐसे बल्लेबाज तैयार किए हैं जो 100 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करें. जिनका काम सिर्फ अटैक करना हो. पाकिस्तान इस कसौटी पर बुरी तरह फेल रहा है. पाकिस्तान के टॉप ऑर्डर में ऐसा कोई बल्लेबाज नहीं जो 100 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए. कप्तान बाबर आजम की स्ट्राइक रेट पर तो टी20 फॉर्मेट में भी सवाल उठते हैं. बाबर आजम धीरे धीरे उस तरह केकप्तान होते जा रहे हैं जो रन तो बनाते हैं लेकिन उनके रन टीम के किसी काम नहीं आते.
दूसरे वनडे में 301 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए बाबर आजम ने अर्धशतक लगाया लेकिन करीब 80 की स्ट्राइक रेट से. नतीजा निचले क्रम के बल्लेबाजों तक आते आते मैच बुरी तरह फंस गया. टी20 फॉर्मेट में भी ऐसा देखने को मिला था. पिछले टी20 वर्ल्ड कप में तो बाबर आजम ने कह भी दिया था कि उनकी टीम 150-160 रन तक देख रही है. टी20 में 150-160 और वनडे में 260-270 रन जोड़कर शानदार बल्लेबाजी के दम पर पाकिस्तान 10 में से 3-4 मैच जीत सकता है लेकिन जीत में कंसिसटेंसी नहीं आने वाली. पाकिस्तान क्रिकेट के लिए ये हालात गंभीर हैं. इस प्रदर्शन पर तो मजाक में कही जाने वाली ये बात सही बैठती दिख रही है- पाकिस्तान की टीम में सिर्फ 3 प्रॉब्लम है- इसे बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग नहीं आती.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
THANKS FOR YOUR COMMENT