#bcci #Kohli #ganguli 2021 में विराट को कप्तानी से हटाया गया। आज 2022 में सौरव गांगुली से

2021 में विराट को कप्तानी से हटाया गया। आज 2022 में सौरव गांगुली से बीसीसीआई अध्यक्ष पद छीना जा रहा है। कर्मा इस दुनिया की सबसे बड़ी हकीकत है। ऊपरवाले के घर देर है, अंधेर नहीं...! 2021 में विराट बीसीसीआई के दबाव के कारण T-20 इंटरनेशनल की कप्तानी छोड़ने के बावजूद वनडे क्रिकेट में कप्तानी करना चाहते थे। तब उन्हें बिना बताए रोहित शर्मा को वनडे की कमान सौंप दी गई। पूछने पर सौरव गांगुली ने कहा था कि हम वाइट बॉल क्रिकेट में एक ही कप्तान चाहते थे, इसलिए चयनकर्ताओं ने यह फैसला लिया।

2022 में सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष बने रहना चाहते हैं लेकिन उनकी मर्जी के खिलाफ रोजर बिन्नी को अध्यक्ष बनाया जा रहा है। दादा को बोर्ड अध्यक्ष के पद से हटाया जा रहा है। कौन भुला सकता है वह दौर जब 2021 T-20 वर्ल्ड कप से पहले गांगुली ने बयान दिया कि हमने विराट को भारतीय T-20 टीम की कप्तानी ना छोड़ने के लिए बहुत समझाया लेकिन वह नहीं माने। इसलिए हमें मजबूरी में उनसे वनडे कप्तानी भी छीननी पड़ी। 

इतने बड़े झूठ के बाद तब किंग कोहली सामने आए थे। उन्होंने बताया था कि मेरे T-20 टीम की कप्तानी छोड़ने के निर्णय को बीसीसीआई के द्वारा बहुत खुशी-खुशी स्वीकार किया गया था। मुझे एक बार भी कप्तान बने रहने के लिए किसी की तरफ से कुछ नहीं कहा गया था। साजिशों के दौर के बीच आखिरकार किंग ने टेस्ट क्रिकेट में भी कप्तानी छोड़ दी। अपने करोड़ों चाहने वालों का दिल तोड़ दिया। 

विराट मतलब टेस्ट, वनडे और टी-20 इंटरनेशनल मैचों में विन परसेंटेज के मामले में भारतीय क्रिकेट इतिहास का सफलतम कप्तान। विराट ने भारत के लिए 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिसमें टीम ने 40 मुकाबले जीते और कोहली के रहते टेस्ट में 58.81 का विनिंग परसेंटेज हासिल किया। जब 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बीच सीरीज में धोनी ने कप्तानी छोड़ी तो भारत टेस्ट रैंकिंग में 7वें पायदान पर था। कोहली ने अपनी मेहनत के बूते उस टीम को फर्श से अर्श तक पहुंचाया। विराट ने अपनी कप्तानी में अक्टूबर 2016 से लेकर मार्च 2020 तक लगातार 42 महीने हिंदुस्तान को टेस्ट क्रिकेट की नंबर वन रैंकिंग वाली टीम बनाया। 

2018-19 में आजादी के 71 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज में 2-1 से हराया। विराट की कप्तानी में भारत ने 11 घरेलू टेस्ट सीरीज खेला लेकिन एक भी नहीं गंवाया। इस दौरान विराट ने क्रिकेट इतिहास में बतौर टेस्ट कप्तान सबसे ज्यादा 7 दोहरा शतक लगाया।

भारत ने कोहली की कप्तानी में 95 वनडे मुकाबले खेले और 65 में जीत हासिल की। इस दौरान हिंदुस्तान का विनिंग परसेंटेज 70.43 रहा। किंग ने बतौर वनडे कप्तान भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 21 शतक लगाए। कई बार टीम इंडिया को एकतरफा मैच जिताया। ऐज ए कैप्टन धोनी के बाद सबसे ज्यादा 5,449 रन बनाए। 

T-20 क्रिकेट में विराट ने 50 मुकाबलों में हिंदुस्तान की कमान संभाली, जिसमें 30 बार भारत जीता। यहां विराट का विन परसेंटेज 64.58 रहा। विराट भारत का इकलौता कप्तान था, जिसने सेना देशों यानी साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में हमें T-20 सीरीज जिताया। जिस बुलंदी पर हिंदुस्तानी क्रिकेट टीम विराट की कप्तानी में पहुंची, वह पहले कभी मुमकिन नहीं हुआ था। हम आईसीसी ट्रॉफी जरूर नहीं जीत सके लेकिन वहां कुछ दिग्गज खिलाड़ियों के फ्लॉप शो के कारण भारत मात खा गया। अगर थोड़े वक्त और कप्तान रहता तो यह कमी भी पूरी कर देता। कोहली विश्व कप भारत के नाम कर देता। 

जब देश का सबसे बड़ा कप्तान बनने की कीमत विराट को अपमानित होकर चुकानी पड़ी तो भला साजिशकर्ता कहां बचने वाले थे। समय का पहिया घूम चुका है। विराट पुराने फॉर्म में लौट आया है और जमकर रन बना रहा है। पर सौरव गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष पद से जाना पड़ रहा है...!

गांगुली दोबारा अध्यक्ष बनना चाहते थे लेकिन बोर्ड की मीटिंग में अलग-अलग राज्यों से आए प्रतिनिधि इसके पक्ष में नहीं थे। बीसीसीआई की परंपरा है कि पुराना अध्यक्ष नए अध्यक्ष का नाम प्रस्तवित करता है लेकिन सौरभ गांगुली ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया। बदले में उन्हें आईपीएल चेयरमैन बनने के लिए कहा गया, लेकिन दादा ने साफ किया कि वह अध्यक्ष पद से हटने के बाद किसी उपसमिति का अध्यक्ष नहीं बनना चाहेंगे। बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और सचिव जय शाह को दूसरा कार्यकाल दे दिया गया लेकिन गांगुली को नहीं...! बहुत कठिन है डगर पनघट की।

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