अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मची खलबली !!विदेशी तख्तापलट करने वाले अमेरिकी राजनीतिज्ञों को सज़ा मिलनी चाहिए !

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मची खलबली !!
विदेशी तख्तापलट करने वाले अमेरिकी राजनीतिज्ञों को सज़ा मिलनी चाहिए !! 

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन रॉबर्ट बोल्टन ने 12 जुलाई को मीडिया को दिए एक इन्टरव्यू में स्वीकार किया कि उन्होंने "दूसरे देशों में तख्तापलट की योजना बनाने में मदद की थी"। हालांकि बोल्टन ने यह नहीं बताया कि उन्होंने कौन-सा "तख्तापलट" किया था, उन्होंने 2019 में वेनेजुएला में तख्तापलट के प्रयास का उल्लेख किया।

बोल्टन के सच बोलने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खलबली मच गई है। बोलीविया के पूर्व राष्ट्रपति इवो मोरालेस ने 13 तारीख को सोशल मीडिया पर निंदा की कि बोल्टन के कथन से पता चलता है कि अमेरिका "लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन" है।
वास्तव में साल 2008 में अल जज़ीरा के साथ हुए एक साक्षात्कार में बोल्टन ने कहा था कि विदेशी तख्तापलट की योजना बनाना कभी-कभी "अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने के लिए एक आवश्यक साधन" था।

अमेरिकी राजनीतिज्ञ विदेशी तख्तापलट की योजना बनाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं। यानी कि सीधे तौर पर युद्ध छेड़ना, "रंग क्रांति" और सामाजिक उथल-पुथल को भड़काने से दूसरे देशों में शासन परिवर्तन को प्राप्त करना, या "छद्म युद्ध" छेड़ना। उसका एक ही उद्देश्य है कि दूसरे देशों के शासन को नष्ट करना।

उदाहरण के लिए, सन् 1999 में अमेरिका के नेतृत्व में नाटो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को दरकिनार कर देकर 78 दिनों तक यूगोस्लाविया पर लगातार बमबारी की। इसके चार साल बाद यानी 2003 में, सद्दाम हुसैन के शासन को उखाड़ फेंकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्राधिकरण के बिना अमेरिका ने इराक पर युद्ध शुरू किया। 

2011 में, अमेरिका ने एक बार फिर नाटो देशों को "नागरिकों की रक्षा" के बहाने लीबिया में हवाई हमलों का नेतृत्व किया, और गद्दाफी शासन को उखाड़ फेंका, इत्यादि। अमेरिका द्वारा जबरन परिवर्तित किए गए इनमें से कुछ देश अभी भी युद्ध और गरीबी में फंसे हुए हैं।

इस बार बोल्टन ने कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञों और उनके पीछे हित समूहों के लिए कुछ असुविधाजनक बात कही। यदि अमेरिका दुनिया में उथल-पुथल का स्रोत है, तो बोल्टन जैसे लोग बाहरी दुनिया में युद्धों का निर्माता और निर्यातक हैं। इन अमेरिकी राजनीतिज्ञों, जिनके हाथ दूसरे देशों के लोगों के खून से सने हैं, की जांच संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा की जानी चाहिए और कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए, क्योंकि उनके कथन में तथाकथित "अनुभव" अकाट्य प्रमाण है!

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