एक ऐसा क्रिकेटर जिसने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को अंडर-19 विश्वकप

एक ऐसा क्रिकेटर जिसने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को अंडर-19 विश्वकप जिताया था वह आखिर इतना अभागा कैसे हो गया कि मात्र 28 साल की उम्र में उसे सन्यास लेना पङा? इस समय भारतीय टीम अंडर-19 विश्वकप के सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को रौंद कर फाइनल में पहुंच चुकी है और सबसे ज्यादा चर्चे इस समय भारतीय टीम के कप्तान उदय सहारन और सचिन दास की हो रही है जिनकी शानदार पारियों की बदौलत भारत ने कठिन परिस्थिति से बाहर निकलकर फाइनल का सफर तय किया है। कप्तान उदय सहारन को एक बात हमेशा ही याद रखना होगा कि उनको उन्मुक्त चंद नही बनना है। जी हां आज हम चर्चा करने जा रहे हैं भारतीय अंडर-19 टीम के पूर्व कप्तान उन्मुक्त चंद की।

उन्मुक्त चंद दिल्ली के रहने वाले थे और 2012 विश्वकप में भारतीय अंडर-19 टीम के कप्तान थे। भारतीय टीम साल 2012 में अंडर-19 विश्वकप के फाइनल में पहुंच चुकी थी। फाइनल मुकाबला भारत और आस्ट्रेलिया के बीच खेला जा रहा था। आस्ट्रेलिया ने टाॅस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए 225 रन बनाए थे। भारतीय टीम को जीत के लिए 226 रनों की आवश्यकता थी। उस पूरे टूर्नामेंट उन्मुक्त चंद फ्लाप चल रहे थे और 5 मैचों में महज 135 रन ही बना सके थे। लेकिन कहा जाता है कि जो बङे खिलाङी होते हैं वह बङे मंच पर बङा पंच मारते हैं और कुछ ऐसा ही पंच उन्मुक्त चंद ने इस फाइनल में मारा था। 

226 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए फाइनल मैच के दबाव में भारतीय टीम ने मात्र 97 रनों पर ही अपने 4 महत्वपूर्ण विकेट खो दिए थे। यहां से भारतीय टीम के लिए जीत के रास्ते बंद होते दिख रहे थे और डिफेंडिंग चैंपियन आस्ट्रेलिया के हौंसले बुलंद होते जा रहे थे। कप्तान उन्मुक्त चंद एक तरफ हार मानने को बिल्कुल भी तैयार नही थे। इस बीच भारतीय कप्तान उन्मुक्त चंद को विकेटकीपर बल्लेबाज समित पटेल का साथ मिला और दोनों ने भारतीय टीम को और कोई झटका नही लगने दिया और लक्ष्य को हासिल कर लिया। इस फाइनल मैच में उन्मुक्त चंद ने शानदार नाबाद 111 रनों की शतकीय पारी खेली थी। समित पटेल ने भी नाबाद 62 रनों की पारी खेली थी।

उन्मुक्त चंद की कप्तानी में भारतीय टीम आस्ट्रेलिया को उनके ही घर में फाइनल मैच हराकर विश्वकप चैंपियन बन चुकी थी। उन्मुक्त चंद सुपरस्टार बन चुके थे। लोग उन्मुक्त चंद को अगला विराट कोहली भी कहने लगे थे। लोग उन्मुक्त चंद को भारत का अगला कप्तान भी मानकर चल रहे थे क्योंकि अभी तक जितने भी कप्तानों ने भारत को अंडर-19 विश्वकप जिताए थे सभी भारतीय टीम में चुने गये और सभी का कैरियर अच्छा रहा था। इनमें मोहम्मद कैफ, विराट कोहली, पृथ्वी शाॅ शामिल हैं। 

अंडर-19 विश्वकप अपनी कप्तानी में भारत को जिताने के बाद मिली शोहरत और चमक दमक को उन्मुक्त चंद शायद सही से मैनेज नही कर पाए और अपना ध्यान क्रिकेट से हटा लिए और उनका प्रदर्शन लगातार खराब होता चला गया। उन्मुक्त चंद भारत की अंडर-19 टीम के ऐसे पहले कप्तान बने जिनको एक भी मैच भारत की सीनियर टीम की तरफ से खेलने को नही मिला। आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन उस स्तर का नही रहा और मुंबई इन्डियन्स का साथ छोङकर वे बोली में गये जहां उनको किसी ने नही खरीदा। धीरे-धीरे उन्मुक्त चंद भारतीय क्रिकेट से गायब होते चले गये और अंततः महज 28 साल की उम्र में उन्होने सन्यास ले लिया। उन्मुक्त चंद की कहानी से वर्तमान भारतीय कप्तान उदय सहारन को भी सीख लेनी होगी और विश्वकप में मिली शोहरत और चमक-दमक के बीच अपना फोकस अपने खेल से नही हटाना होगा।

वर्तमान में उन्मुक्त चंद अमेरिका की तरफ से क्रिकेट खेल रहे हैं और इस वर्ष T20i विश्वकप में अपने ही देश भारत के खिलाफ खेलते हुए देखे जा सकते हैं। उन्मुक्त चंद ने बयान भी दिया है कि उनका सपना है कि वह भारत के खिलाफ मैच खेले। अब देखने लायक होगा कि उन्मुक्त चंद जिस देश को अपनी कप्तानी में अंडर-19 विश्वकप जिता चुके हैं उसके खिलाफ कैसा प्रदर्शन करते हैं?

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