उपर वाला डाउनफाल कैसा भी दे दे, लेकिन कमबैक कुलदीप यादव जैसा करवा दे:-
उपर वाला डाउनफाल कैसा भी दे दे, लेकिन कमबैक कुलदीप यादव जैसा करवा दे:-
हम बात कर रहे हैं 2023 वर्ल्डकप में इंडियन बोलिंग यूनिट की धुरी बन चुके कुलदीप यादव की, कुलदीप यादव ने जो वापसी की है वो वाकई कमाल है। कुलदीप यादव चाइनामैन गेंदबाज हैं, इस श्रेणी के गेंदबाज विश्वस्तर पर बहुत कम मौजूद हैं।
जब किसी टीम के एक स्पेशल खिलाड़ी के खिलाफ खेलने के लिए विपक्षी टीमें प्लान बनाने लग जाएं तो समझ लो कि वो खिलाड़ी अपनी टीम का खास खिलाड़ी है।
पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स को, ऑस्ट्रेलियाई एक्सपर्ट्स को कुलदीप के बारे में बात करते व कुलदीप के अगेंस्ट खेलने के लिए अपनी टीम के खिलाड़ियों को सलाह देते देखा गया।
एशिया कप से पहले जब पाकिस्तान टीम के सलेक्शन के बाद प्रेस कांफ्रेंस में एक पत्रकार ने पाकिस्तान के पूर्व लीजेंड क्रिकेटर व वर्तमान मुख्य चयनकर्ता इंजमाम उलहक से नवाज के चयन के बारे में सवाल किया तो इंजमाम उलहक ने जवाब दिया "मैं अब कुलदीप यादव का चयन तो कर नहीं सकता, क्योंकि वो दूसरी टीम के खिलाड़ी हैं, अब हमारे पास जो विकल्प मौजूद है उन्हीं में से बेहतर चुन सकते हैं।" मतलब ये कि इंजमाम उलहक जैसे लीजेंड भी ये मानते हैं कि कुलदीप यादव के जैसा उनकी टीम के पास कोई नहीं।
कुलदीप यादव के जीवन में एक समय ऐसा भी था कि वो इंडिया टीम तो छोड़ो आईपीएल में भी प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना पा रहे थे, 2020 आईपीएल में ज्यादातर मैचों में और 2021 आईपीएल में केकेआर ने उन्हें पूरे सीजन बेंच पर बिठा कर रखा था।
कुलदीप यादव ने अपने करियर की बेहतरीन शुरुआत की थी, वो अपनी टीम के लिए लगातार विकेट निकालते थे लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने अपनी लय खो दी...!
कुलदीप यादव के साथ भेदभाव भी बहुत हुआ है, कुलदीप इंटरनेशनल क्रिकेट में शायद ऐसे पहले गेंदबाज होंगे कि 5 बार एक पारी में 5 विकेट लेने के बाद भी अगले मैच में उन्हें टीम में जगह नहीं मिली।
हम राशिद खान को टी-ट्वेंटी का स्टार बोलर मानते हैं, लेकिन कुलदीप यादव का एवरेज राशिद खान से बेहतर है, जबकि कुलदीप ने ज्यादातर मैच बड़ी टीमों के अगेंस्ट खेले हैं और राशिद ने छोटी टीमों के अगेंस्ट, फिर भी कुलदीप टी-ट्वेंटी में अपनी जगह कायम नहीं रख पाये।
कुलदीप यादव के नाम वनडे में 2 हैट्रिक हैं, ऐसा करने वाले वो एकमात्र इंडियन क्रिकेटर हैं, कुलदीप यादव ने 2014 के अंडर-19 वर्ल्डकप में भी एक हैट्रिक प्राप्त की थी।
कुलदीप यादव जब टीम इंडिया में आये थे, तब उनको पढ़ना आसान नहीं था, लेकिन समय के साथ उनको खेलना आसान हो गया, क्योंकि आज के समय में हर क्रिकेटर की वीडियोज मौजूद हैं जिससे उस खिलाड़ी की मजबूती और कमजोरी सभी टीमों के खिलाड़ी पहचान जाते हैं।
कुलदीप यादव की सफलता का राज उनके द्वारा चेंज किये एक्शन और स्पीड इंक्रीज है, इससे पहले कुलदीप अपने फॉलोथ्रू में थोड़े झुके हुए होते थे, दायां पैर थोड़ा मुड़ जाता था साथ ही बोलिंग आर्म बॉल फेंकने के बाद गिर जाता था, जिससे उनकी गति बहुत कम रह जाती थी इसलिए उन्हें पढ़ना आसान हो गया था।
लेकिन 2021 में कुलदीप चोट से उबरने के लिए एनसीए गए थे, वहां कुलदीप की मुलाकात पूर्व भारतीय स्पिनर सुनील जोशी जी से हुयी, सुनील जोशी जी ही वो इंसान हैं जिन्होंने कुलदीप यादव की जरूरत से बढ़कर मदद की।
यदि कुलदीप यादव 2.0 को देखें, तो उनका अगला हाथ बैट्समैन की ओर रहता है, उनकी बोलिंग आर्म भी बैट्समैन की तरफ रहती है, रन-अप छोटा किया है, फ्री फॉलो थ्रू है, इन सब चीजों से उनकी गति बढ़ी है। साथ ही पहले के मुकाबले अब बॉल स्पिन और ड्रिफ्ट ज्यादा होने लगी है।
आईपीएल 2023 में कुलदीप यादव ने केकेआर के आंद्रे रसेल के अगेंस्ट 117 की स्पीड की बॉल डालकर चौंका दिया था।
अब हर कोई कुलदीप के बारे में बात करना चाहता है लेकिन जब उनका बुरा समय चल रहा था तब किसी ने उनकी मदद नहीं की। कुलदीप को हर किसी से बस गति बढ़ाने की सलाह जरूर मिलती, लेकिन ये पॉसिबल कैसे हो ये कोई नहीं बताता था।
सुनील जोशी जी ने उनकी तकनीकी रूप से सहायता की, सुनील जोशी जी कहते हैं कि "मैं कुलदीप जैसे टैलेंट को बर्बाद नहीं जाने देना चाहता था, इसलिए उस पर दिन रात काम किया, मैंने वही किया जो एक टैलेंटेड लड़के के साथ किया जाना चाहिए"।
कुलदीप को उनके बचपन के कोच कपिल पांडे की भी मदद मिली, लेकिन साथ ही उनकी आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल के कोच रिकी पोंटिंग और कैप्टेन रिषभ पंत ने भी कुलदीप का भरपूर साथ दिया।
रिकी पोंटिंग ने कुलदीप से कहा "मैं तुम्हें सभी मैच खिलाने जा रहा हूँ, इसका एक कारण है कि वॉर्नी (शेन वॉर्न) तुम्हें बहुत पसंद करता था और अब मैं समझ सकता हूँ कि वो क्यों तुम्हारी तारीफ करता था, आप हमारे मैचविनर बनने जा रहे हैं''।
वहीं रिषभ पंत ने कुलदीप का मनोबल बढ़ाते हुए कहा था कि "आपको अच्छा करना होगा भैया, आपसे बड़ा गेंदबाज नहीं है इंडिया में''।
कुलदीप यादव ये जानते हैं कि यदि एक मैच भी खराब गया तो वो टीम से कभी भी बाहर हो सकते हैं।
बांग्लादेश में टेस्ट सीरीज में पहली पारी में आठ विकेट और इम्पोर्टेंट 40 रन बनाने के बाद भी उन्हें दूसरे टेस्ट से बाहर कर दिया गया था। एक खिलाड़ी और कितना ज्यादा बेहतर कर कर सकता है, "मैन ऑफ द मैच" से ज्यादा तो नहीं, लेकिन कुलदीप के लिए "मैन ऑफ द मैच" अवार्ड भी टीम में जगह बनाये रखने के लिए पर्याप्त नहीं है।
तब के इंडिया टीम के टेम्परेरी कैप्टेन केएल राहुल ने कहा था, "कुलदीप को बाहर करने के लिये कड़ा फैसला लेना पड़ा।"
कपिल पांडे सर कहते हैं कि “सर्जरी के बाद कुलदीप ने जब बोलिंग स्टार्ट की, तो मैंने उसे एक दिन में आठ घंटे ट्रेनिंग करते देखा है। हर स्पैल के बाद वो अपने घुटनों पर आइस पैक यूज करता था। इतने सब के बाद भी जब बांग्लादेश में अपने देश के लिए टेस्ट मैच जीतने के बाद उसे टीम बाहर कर दिया गया, तो मैं गुस्से में था। मेरे पास उसे सांत्वना देने के लिए शब्द नहीं थे, मेरी आँखों में आँसू थे.....तब ढाका से मेरे पास कुलदीप का फोन आया और उसने मुझसे कहा कि सर 'सर बादल सूरज को कितने दिनों तक छिपा कर रख सकता है'। उसकी इस बात पर मेरे मुंह से बस यही निकला 'बच्चा बड़ा हो गया' "।
कुलदीप यादव अब मुस्कुराते हैं, कॉन्फिडेंस वापस आ गया है, साथ ही टर्न, बाउंस, ड्रिफ्ट, सटीकता और जिप उनकी गेंदबाजी में वापस आ गई है।
मैं एज ए फैन कुलदीप यादव को 2019 वर्ल्डकप में पाकिस्तान के खिलाफ बाबर आज़म को डाली गयी उनकी उस बॉल के लिए जिन्दगी भर याद रख सकता हूँ जिस पर बाबर आजम चारों खाने चित होकर बोल्ड हो गए थे, वो बॉल शेन वार्न और मुथैया मुरलीधरन के युग के समाप्त होने के बाद सबसे खतरनाक बॉल थी....उस बॉल के लिए सचिन तेंदुलकर ने भी ब्यान दिया था कि यदि मैं उसे बार बार देखने के बाद भी खेलता तो भी आउट हो जाता।
कुलदीप अब सूरज की तरह बादलों से बाहर निकल कर बेहतरीन तरीके से चमक रहे हैं, बस उनसे उम्मीद है कि वो वर्ल्डकप 2023 की चमचमाती ट्रॉफी को टीम इंडिया को जिताने में मदद करें।
अजय यादव
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