हर खिलाङी का सपना होता है कि वह विश्वकप खेले और इसके लिए सभी खिलाङी अपने

हर खिलाङी का सपना होता है कि वह विश्वकप खेले और इसके लिए सभी खिलाङी अपने तरफ से जी तोङ मेहनत करके तैयारियां करते हैं। कुछ खिलाङी बहुत मेहनत करने के बाद भी विश्वकप की टीम में जगह नही बना पाते हैं और कुछ बगैर मेहनत किए डायरेक्ट अपनी किस्मत की वजह से टीम में जगह पा जाते हैं। आज हम चर्चा करने जा रहे हैं उन खिलाङियों की जो भारतीय विश्वकप टीम में डिजर्व नही करते थे फिर भी टीम में हैं और जो वाकई मे डिजर्व करते थे वह बाहर हैं। रविचन्द्रन अश्विन विश्वकप की प्रोविजनल टीम में शामिल नही थे और अचानक से वे फोन से रोहित से बात करना प्रारम्भ करते हैं जैसा कि रोहित शर्मा ने स्वतः बताया था कि उनकी बात अश्विन से होती रहती है फिर जब संशोधित टीम आई तो उनका नाम विश्वकप की टीम में शामिल कर लिया गया। रविचन्द्रन अश्विन एक महान गेंदबाज हैं लेकिन वह टेस्ट में महान गेंदबाज हैं अगर बात की जाए वनडे की तो वह वनडे में एक औसत गेंदबाज ही साबित हुए हैं। इस विश्वकप में अभी तक स्पिन फ्रैंडली पिचों को देखकर और अश्विन की साधारण गेंदबाजी देखकर यजुवेन्द्र चहल की याद आती है। व्हाइट बाल क्रिकेट में यजुवेन्द्र चहल रविचन्द्रन अश्विन से कहीं ज्यादा प्रभावशाली होते लेकिन चयनकर्ताओं ने तर्क दिया कि उनको नम्बर आठ पर बैटिंग में सक्षम प्लेयर ही चाहिए जिसकी वजह से चहल का विश्वकप टीम से पत्ता कट गया। एक गेंदबाज को बैटिंग करने में सक्षम होने का जो तर्क चयनकर्ता इस विश्वकप दे रहे हैं कुछ ऐसा ही तर्क पिछले विश्वकप में भी चयनकर्ता दे रहे थे। 

चयनकर्ताओं की 2019 विश्वकप में 3डी प्लेयर की डिमांड थी जिसकी वजह से 2019 विश्वकप की जब टीम घोषित हुई थी तब भारतीय टीम के साथ लम्बे समय से वनडे में नम्बर चार पर बेहतरीन बल्लेबाजी कर रहे अंबाती रायडू को बाहर करके विजय शंकर नामक 3डी प्लेयर को शामिल किया गया था। दरअसल 3डी प्लेयर से चयनकर्ताओं का मतलब उस खिलाङी से था जो बालिंग,बैटिंग,फील्डिंग तीनों कर सके। उस समय अंबाती रायडू नम्बर चार पर बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन फिर भी वह गेंदबाज नही थे जिसकी वजह से वे 3डी प्लेयर कि डिमांड पूरी नही कर सके और चयनकर्ताओं ने उनको विश्वकप 2019 की टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया। विश्वकप टीम से बाहर होने के बाद अंबाती रायडू भावुक हो गये और भावना में आकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास की घोषणा भी कर दिए। 

2019 विश्वकप में 3डी प्लेयर की डिमांड और 2023 विश्वकप में नम्बर आठ पर बैटिंग करने में सक्षम बालर की डिमांड भारतीय टीम को विश्वकप जीतने की राह में सबसे बङा रोङा है।
जिस तरह 2019 विश्वकप में नम्बर चार पर अंबाती रायडू का चयन न करना और 3डी प्लेयर बता कर विजय शंकर का चयन करना भारी पङा था ठीक उसी तरह छठे गेंदबाज का टीम में चयन और उसका बैटिंग लायक होने की शर्त बताकर यजुवेन्द्र चहल को टीम से बाहर करना और वनडे क्रिकेट से बहुत समय से दूर रहे रविचन्द्रन अश्विन का चयन ही भारतीय टीम की हार का आने वाले समय में कारण बन सकता है। 
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