आखिरकार पुजारा की टीम इंडिया से छुट्टी हो गई पर के एस भरत की क्यों नहीं

आखिरकार पुजारा की टीम इंडिया से छुट्टी हो गई पर के एस भरत की क्यों नहीं हुई यह समझ से परे है।पिछले पांच टेस्ट मैचों में भरत ने सिर्फ 129 रन बनाएं हैं।ईशान किशन ओर संजू सैमसन के होते हुए भी फ्लॉप चल रहे भरत को आखिर कौन से झंडे गाड़ने की बजह से टीम इंडिया ढो रही है।टीम इंडिया में एक एक स्लॉट के लिए भारी कम्पीटिशन है पर कुछ प्लेयर पता नहीं कोन सी सेटिंग की बजह से टीम में जगह बना भी लेते हैं और प्लेइंग इलेवन में भी आ जाते हैं जबकि दुनिया के नम्बर वन गेंदबाज अश्विन के लिए टीम में जगह ही नहीं बनती।पुजारा पिछले तीन साल से फ्लॉप चल रहे हैं पर टीम में उनकी जगह पक्की रहती है और परफॉर्मेंस के एल राहुल की तरह सिफर होती है।2023 में 5 टेस्ट में उनकी एवरेज 25 की रही तो तीन साल में 30 की फिर भी उनके लिए टीम में जबर्दस्ती जगह बनाई जाती रही ।अब पुजारा की जगह यशस्वी जसवाल ओर उमेश यादव की जगह मुकेश कुमार को देकर टीम में बदलाव लाने की कोशिश की है तो पुजारा का टेस्ट क्रेरियर खत्म समझ लिया जाए।क्रिकेट बहुत बदल चुका है।इंग्लैंड अब परम्परागत टेस्ट शेली को छोड़कर बेज़बाल नीति पर उतर आया है पर हमारे प्लेयर आज भी हॉकी की तरह पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं।हॉकी वाले भी अहम मौकों पर गोल करने की जगह विपक्षी प्लेयर के पैर में बॉल मारकर पनेलिटी कॉर्नर पाकर खुश हो लेते हैं ठीक वैसे ही हमारे क्रिकेट प्लेयर करते हैं।ऋषभ पंत के आने से टीम इंडिया के खेल में काफी परिवर्तन आया है जैसे पहले सहवाग के आने से आया था।यह दोनों खिलाड़ी आक्रमक क्रिकेट खेलते हैं जिससे विपक्षी टीम बैकफुट पर आ जाती है।पुजारा राहुल भरत जैसे फ़िसड्डी विपक्षी टीम के हौंसले बुलंद करने का काम करते हैं।टेस्ट क्रिकेट जबसे आक्रमक हुआ है तबसे नतीजे आने शुरू हुए हैं।लोग परिणाम देखना चाहते हैं न कि नीरस ड्रा के लिए खेला जाने वाला क्रिकेट।बेस्ट इंडीज दौरे में ईशान किशन को प्लेइंग इलेवन में जगह देनी चाहिए न कि भरत को

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