हुज़ूरﷺ_का_आखरी_खुत्बा (खुत्बा ए हज)मैदान ए अरफात ये वही

#हुज़ूरﷺ_का_आखरी_खुत्बा 

(खुत्बा ए हज)

मैदान ए अरफात ये वही जगह है जहां हुज़ूरﷺ ने अलविदाई खुतबा दिया था जिसमें तकरीबन सवा लाख से डेढ़ लाख सहाबा ए किराम मौजूद थे,

खुत्बा मुलहिज़ा हो,

بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ

लोगों मेरी और तुम्हारी शायद ये आखरी (इज्तिमाई) मुलाकात हो, मैं नहीं जानता कि आइंदा साल मैं तुमसे मिल सकूंगा या नहीं.......😔😢🥺

मेरी बातों को गौर से सुनो और उन तक पहुंचाओ जो यहां नहीं आ सके हैं,

लोगों! आज का दिन (यौमे अरफा) और ये महीना और ये जगह इज़्ज़त और एहतराम वाले हैं इसी तरह मुसलमानों की जान, माल और इज्ज़त भी एहतराम वालें हैं,
लोगों के माल और अमानतें वापस करदो,
किसी को तंग न करो किसी को नुकसान न पहुंचाओ ताकि तुम भी महफूज़ रहो,
याद रखो तुम सब को अल्लाह से मिलना है और वो तुमसे तुम्हारे अमाल के बारे में सवाल करेगा,
अल्लाह ने सूद को हराम कर दिया है इसलिए सारा सूद खत्म करदो,
तुम औरतों पर हक रखते हो और वो तुम पर हक रखती हैं,जब वो अपने हक अदा करती हैं तो तुम भी अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करो,
औरतों के साथ नरमी का मामला करो क्योंकि वो तुम्हारी हमसफर और खिदमतगुज़ार हैं,

कभी ज़िना के करीब ना जाना,

ऐ लोगों मेरी बात ध्यान से सुनो सिर्फ अल्लाह की इबादत करो,पांच फ़र्ज़ नमाजें पूरी करो,रमज़ान के रोज़े रखो, ज़कात अदा करो, और साहिबे हैसियत हो तो हज करो,

ज़बान की बुनियाद पर रंग की बुनियाद पर तास्सुब में मत पड़ जाना, काले को गोरे पर गोरे को काले, अरबी को अजमी पर अजमी को अरबी पर कोई फज़ीलत नहीं मुसलमान मुसलमान का भाई है और अल्लाह की नज़र में सब बराबर हैं,
बरतरी (फज़ीलत) सिर्फ तकवा की वजह से है,
याद रखो तुम्हे एक दिन अल्लाह के सामने अपने अमाल का जवाब देना है, 
खबरदार मेरे बाद गुमराह न हो जाना, 

याद रखो मेरे बाद कोई नबी नहीं आएगा, न कोई नया दीन लाया जाएगा, मेरी बातें अच्छी तरह समझ लो, 
मैं तुम्हारे लिए दो चीज़ें छोड़कर जा रहा हूं एक कुरआन और दूसरा मेरी सुन्नत अगर तुम इसकी पैरवी करोगे तो कभी नहीं भटकोगे,

सुनो! तुम में जो लोग यहां मौजूद हैं अगले लोगों को ये बातें पहुंचा दें, फिर वो लोग आपके अगले लोगों तक पहुंचा दें शायद वो बेहतर अमल कर सकें,
फिर आपﷺ ने आसमान की तरफ चेहरा ए मुबारक उठाया और फरमाया,

"ए अल्लाह गवाह रहना मैंने तेरा पैगाम तेरे बंदों तक पहुंचा दिया"

(खुत्बा ए हज से मुतल्लिक बहुत सारी रिवायत कुतुब ए अहादीस में आई है हमने चंद जामेअ अल्फाज़ को जमा किया है मुखतलिफ अहादीस से)

#hajj2023

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