भाजपा शासित राज्यों में मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। जब मैंने इसकी मुख़ालिफ़त की तो मुझ पर झूटा इल्ज़ाम लगा दिया गया कि मैं मदरसों के आधुनिकरण के ख़िलाफ़ हूं। जबकि सच्चाई कुछ और है।

भाजपा शासित राज्यों में मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। जब मैंने इसकी मुख़ालिफ़त की तो मुझ पर झूटा इल्ज़ाम लगा दिया गया कि मैं मदरसों के आधुनिकरण के ख़िलाफ़ हूं। जबकि सच्चाई कुछ और है।

मोदी सरकार के मदरसों के आधुनिकरण की योजना के तहत सिर्फ़ UP में 50,000 शिक्षकों की कुल ₹750 करोड़ तनख़्वाह बाक़ी है। संसद भवन में मैंने ही सवाल उठाया था और पूर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने इस सवाल पर मुझे आश्वासन दिया था कि फंड जल्द तक़सीम कर दिए जायेंगे।

टीचरों की ऐसे म'अशी हालात का क्या ज़िम्मेदार मैं हूँ? बाक़ी फंड देने के लिए सरकार को कौन से सर्वे की ज़रूरत है? आधुनिकरण के बहाने मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है।

केंद्र सरकार के UDISE सर्वे में देश-भर के तमाम स्कूलों के रिकॉर्ड हर साल अपडेट होतें हैं, जिसमें मान्यता प्राप्त (recognised) और गैर-मान्यता प्राप्त (unrecognised) मदरसों की गिनती भी होती है। अलग से सर्वे करने का कोई मतलब ही नहीं है।

सरकारी आंकड़े ये बताते हैं कि मुसलमान अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है लेकिन ग़ुरबत की वजह से पढ़ा नहीं पाता। 2011 से मेरा मुतालबा रहा है कि स्कॉलरशिप को 'Demand driven' कीजिए ताकि जितने भी बच्चे स्कॉलरशिप के लिए फॉर्म भरें, उन सबको स्कॉलरशिप मिले। सरकार ने ये काम अभी तक नहीं किया

हम तो यही चाहते हैं कि हमारे बच्चे क़ाबिल बने और मुल्क की तरक्की में हिस्सा लें। सरकार चाहती है कि मुसलमानों के तालीमी इदारे बंद कर दिए जाएं। 

मदरसों में दीनी तालीम के साथ-साथ साइंस मैथ्स वगैरह भी पढ़ाया जाता है

संविधान की धारा 30 के तहत हमें हमारे तालीमी इदारे क़ायम करने का और उन्हें चलाने का पूरा हक़ है। मदरसों ने मुल्क की आज़ादी में एक गैर मामूली रोल अदा किया था। मदरसों में इंसानियत सिखाई जाती है, और शाखाओं में नफ़रत। दोनों के बीच यही सबसे बड़ा फ़र्क़ है।
~ असदउद्दीन ओवैसी

#AsaduddinOwaisi #MadrasaEducation

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