सल्यूट श्रीमती सोनिया गांधी जी ! #sonia_gandhi

सल्यूट श्रीमती सोनिया गांधी जी ! 
  
      ED दफ़्तर ने कांग्रेस सदर श्रीमती सोनिया गांधी को अपने दफ़्तर “पूछ- ताछ “ के लिए “ तलब “ किया था । विषय था “ हेराल्ड “ और “यंग इंडिया “ के बीच आर्थिक लेनदेन पर कुछ सवाल । 
     आज अपने तय समय पर कांग्रेस सदर श्रीमती सोनिया गांधी पहुँची । दो घंटे तक ED दफ़्तर में रहीं । ED अफ़सरान ने कहा - अब आप जा सकती हैं , हमारे पास और सवाल नही है । 

     “ कांग्रेस मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश के प्रेस वक्तव्य के अनुसार श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा - आप सवाल पूछिए , हम रात नौ बजे तक यहाँ बैठ सकती हूँ , नौ बजे हमे दवा लेना होता है । हम कल भी आ सकते हैं ॥ ED आफ़िसर ने साफ़ - साफ़ शब्दों में कहा - नही मैडम ! अब हमारे पास कोई सवाल नही है , कल भी आने की ज़रूरत नही है । “ 
      
 आज पूरा देश सड़क पर रहा । हर सूबे ले मुख्यालय पर कांग्रेस सवाल के साथ खड़ी मिली - 
   क्यों अपमानित किया जा रहा है , एक महिला को , जो बीमार भी हैं ? 
  नये सिरे से एक सवाल उठ आया है । कौन है यह सोनिया गांधी ? बार बार इस परिवार क्यों अपमानित किया का रहा है ? 
    श्रीमती सोनिया गांधी एक “ परम्परा “ की वाहक हैं । 
यह परम्परा चलती है गांधी जी से , पंडित नेहरु , सरदार पटेल , मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की । “पाप से घृणा करो , पापी से नही “ । “ वैचारिक मतभेद अपनी जगह , पर मन भेद नही होना चाहिए “ । ज़्यादा दूर नही जाता , इतिहास है । बंगाल के दो बड़े राजनीतिज्ञ बापू के शख़्त विरोधी थे । शहीद सुहरावर्दी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी । सुहरावर्दी के बंगाल की जनता मारने पर उतारू थी , उसे बापू ने अपने बग़ल खड़ा किया , जान बचाया । श्यामा प्रसाद मुखर्जी के लोंगो ने बापू पर हमला किया , वही बापू मुखर्जी को पंडित नेहरु की सरकार में मंत्री बनवाया । हाल की घटना पर आइए अटल जी की किडनी की दिक़्क़त थी उनके पास इतना धन नही था की विदेश जाकर इलाज कराते । आज जिस सोनिया गांधी को अपमानित किया जा रहा है , वह भी बीमारी की हालत में , वही सोनिया गांधी अपने पति , प्रधान मंत्री राजीव गांधी जी के कहने पर अटल जी का हाल चाल लेती और एक दिन विदेश भेजने का इंतज़ाम कर दिया । उस राजीव गांधी ने या इस सोनिया गांधी ने अब तक इस घटना पर एक शब्द भी नही बोला है । 
   ED! साहेब ! आज आप जिस विषय -“ हेराल्ड “ और 
 “ यंग इंडिया “ के चलते कांग्रेस सदर को हाज़िर कर रहे हो वह कांग्रेस के स्वर्णिम इतिहास का पन्ना है जो अब समूचे भारत समेत उन तमाम सभ्यताओं का हिस्सा बन चुका है , जहां एकाधिकारवाद का फंदा कसेगा , उससे निजात पाने के लिए “ यंग इंडिया “ सामने रखाजायगा । 
    आपको तो अपना भी इतिहास नही मालूम होगा - 
18 मार्च 1922 को अहमदाबाद में गांधी जी पर 124 A देश द्रोह के तहत मुक़दमा चलता है ॥ (विडम्बना देखिए आज हम घूम टहल कर फिर उसी मुक़ाम पर हैं ) जस्टिस ब्रूम फ़ील्ड की अदालत में गांधी जी पर आरोप लगता है की आपने यंग इंडिया में जनता को भड़काया है ? अपने बचाव में कुछ कहना चाहेंगे ? बापू ने मना कर दिया - मैंने यंग इंडिया में जो कुछ लिखा है , उस पर क़ायम हूँ , और आगे भी लिखता रहूँगा । अगर यह लिखना अपराध है तो हम अपराधी हैं और आप जो भी जितनी भी श्ख्त सजा देना चाहें दे । ED साहिब ! आप जानते हैं , जस्टिस ब्रूम फ़ील्ड ने क्या कहते हुए सजा सुनाया था - इस अदालत में आप जैसा विलक्षण क़ैदी इसके पहले न कोई आया था , न आएगा । आपको छ साल की क़ैद की सजा सुना रहा हूँ । अगर अंग्रेज सरकार ने आपकी इस सजा में कुछ भी कटौती करेगी तो सबसे पहले हमे ख़ुशी होगी । इसे इतिहास the great trail कहता है । 
      ED साहिब ! आज जब , आप सोनिया जी को कह रहे होंगे क़ि हमारे पास आपसे पूछने के लिए और कोई प्रश्न नही है । तो यकीनन आपकी मानसिकता जस्टिस ब्रूमफ़ील्ड के बिल्कुल आस पास रही होगी । सोनिया जी जिस तरह तन कर बैठी थी और और सवाल पूछने की बात कर रही थी , यही है रवायत कांग्रेस की , उस परिवार की । 
   (कांग्रेस को चाहिए की वह यंग इंडिया का तीनो अंक रिप्रिंट करके युवजनो में बाँट दे । ) 
   ED साहिब ! जब आपने श्रीमती सोनिया गांधी जी को दफ़्तर में तलब किया तो लोग सड़कों पर उतर आए । ये वो लोग हैं यही ताक़तहै मुल्क की । आपके दफ़्तर में श्रीमती सोनिया गांधी अकेली नही थी , उनके साथ लोंगों की हलचल थी । उस हलचल को छुपाया जा रहा है । 
    लोंगो के हाथ में अकूत ताक़त दिया है इस कांग्रेस सदर श्रीमती सोनिया गांधी ने । आप भूल गये होंगे या आपको इससे दिक़्क़त आयी होगी 
    - सूचना का अधिकार ? किसने दिया , और कौन मिटा रहा है ? करो न इस पर बात । 
     - भूख के ख़िलाफ़ खाद्य सुरक्षा क़ानून किसने दिया है ? उसमें साफ़ साफ़ कहा है यह अन्न किसान का है , किसान देश है । इस अन्न पर आपका अधिकार है । उसी अन्न की थैली पर अपनी तस्वीर लगा कर वोट किसने माँगा है ? 
     - राजनीति में अपराधी प्रवेश पर रोक किसने लगाया ? 
     बहुत कुछ है वही बताने वाले सड़क पर उतरे हैं ।

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