CBI के एक जज जस्टिस लोया, सिर्फ़ एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। वो भी देश के गृहमंत्री अमित शाह के मामले की।
CBI के एक जज जस्टिस लोया, सिर्फ़ एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। वो भी देश के गृहमंत्री अमित शाह के मामले की। उनसे पहले एक जज का तबादला किया जा चुका था। क्योंकि अमित शाह सुनवाई के लिए अदालत में नहीं आते थे और जज चाहता था कि सुनवाई के लिए आएं। जज ने अमित शाह के वकील को फटकार लगाई कि फ़लानी तारीख़ को पेश होना है। उससे पहले ही जज का तबादला हो गया। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे रखा था कि इस मामले की केवल एक जज सुनवाई करेगा, बावजूद इसके जज का तबादला कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट देखता रह गया। अब नए जज जस्टिस लोया को लाया गया। कुछ दिन बाद जज लोया ने भी अमित शाह के वकील को फटकार लगाई और कहा कि अमित शाह सुनवाई के लिए आएं। अगली सुनवाई से पहले ही जज लोया की रहस्यमयी ढंग से मौत हो गई। फिर एक नया जज आया। अगले ही महीने अमित शाह बाइज़्ज़त बरी। जज लोया की रहस्यमयी मौत के इतने स्पष्ट सबूत हैं कि आराम से असली हत्यारे तक पहुँचा जा सकता है। लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार या कहूँ कि देश के बेहतरीन Investigative journalist में से एक Niranjan Takle ने इस मामले में सबूत जुटाए। उन्हें किताब में लिखा। लेकिन कोई प्रकाशक सरकार के डर से छापने के लिए तैयार नहीं हुआ। अभी उन्होंने इस किताब को खुद पब्लिश किया है। आपको “Who killed judge Loya” सर्च करने पर आसानी से ये किताब Flipkart/Amazon पर मिल जाएगी। ऐसे लोगों को सपोर्ट करना चाहिए। जो अपनी जान/करियर/परिवार को रिस्क पर रखकर सच बोल रहे हैं। बाक़ी आपकी मर्ज़ी।
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