#याद_है.... ये अपने #जमाने मैं बड़ी ही #फेमस चीज़ थी,,,ये #सिस्टम आज भी याद आता है,,,

#याद_है....
             ये अपने #जमाने मैं बड़ी ही #फेमस चीज़ थी,,,
ये #सिस्टम आज भी याद आता है,,,
                 वो #केसेट का ज़माना और वो #मट्के मैं स्पीकर रखकर वो #BASS का मज़ा लेना,,,
और जब केसेट से आवाज़ सही ना आने पर हेड मैं और कैसेट के बुश मैं साफ करना और फिर से आवाज़ का #साफ आना आज भी याद है,,,
                                                                            जब कैसेट के #रील के टूट जाने पर BONEFIX, टेप से #जोडा जाना आज भी याद है,,,
              और कैसेट के खराब हो जाने पर उसके लिए,,स्क्रू ड्राईवर ना होने पर सायकल के स्पोक से स्क्रू ड्राइवर बनाना आज भी याद है,,,,
                   और TV मैं कोई #नया_गाना आया और उसको #सुनकर कैसेट #लेने जाना आज भी याद है,,,
और #पुराने गानो की कैसेट मैं #नये गाने टेप करवाना ,,,,और किसी को उल्लु बनाने के लिए
   पुराने कैसेट के कवर मैं नई रील डाल देता था मैं,,,
ताकी कोई कैसेट ना #चुरा ले !!!

वो #आवाज #तेज कर पड़ोसन को #सुनाना...
           हमारे #बचपन का वो #ज़माना आज भी याद है 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ क्या है?"" "" "" "" **वक़्फ अरबी

जब राम मंदिर का उदघाटन हुआ था— तब जो माहौल बना था, सोशल मीडिया

मुहम्मद शहाबुद्दीन:- ऊरूज का सफ़र part 1 #shahabuddin #bihar #sivan