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जिन्हें ये गलतफहमी है कि इस बार महँगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और बेतहाशा बढ़ते

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जिन्हें ये गलतफहमी है कि इस बार महँगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और बेतहाशा बढ़ते हुए अपराध 2024 लोकसभा-चुनाव में फैक्टर बनेंगे और भाजपा सत्ता से बेदखल हो जाएगी, वो तुरंत ही किसी अच्छे मनोचिकित्सक से अपना इलाज़ कराएं। बिल्कुल यकीन मानिए भाजपा पहले से बेहतर रिजल्ट ला सकती है, "अबकी बार 400 पार" ये महज जुमला नहीं है. भाजपा के रणनीतिकारों ने वोटर्स की नब्ज़ को टटोला है और अंधभक्ति वाली बीमारी को सबसे चरम स्टेज पर पाया होगा, जो हमें चलते-फिरते नंगी आँखों से भी दिख रहा है। आपको अगर लगता है कि ये "इलेक्टोरल बॉन्ड्स" वाला चंदे का गोरखधंधा भाजपा को कोई नुकसान पहुंचाएगा तो आप बड़े मासूम हैं क्योंकि जब पुलवामा में सैनिकों की शहादत, कोरोना महामारी में ला'शों के अंबार, नोटबन्दी में भूखों म'रते परिवार उनके लिए बंपर वोटबैंक बनकर उभरे थे तो ये इलेक्टोरल बांड तो वैसे भी अंधभक्तों की समझदानी में घुसने से रहा, वो तो साफ बोलते हैं कि इसमें जनता का क्या नुकसान है? आप उन्हें ये भी नहीं समझा सकते कि 60 हजार की बाइक आज सवा लाख की क्यों हो गई या 60 रुपये में मिलने वाला किसी टेबलेट का पत्त